कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी? जानें- शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व व बधाई संदेश
कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार पंचांग के अनुसार अष्टमी की तिथि 11 अगस्त यानि आज सुबह 9 बजकर 6 मिनट से आरंभ हो रही है। अष्टमी की तिथि 12 अगस्त को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो रही है। 11 अगस्त को भरणी और 12 अगस्त को कृतिका नक्षत्र है। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र आता है जो 13 अगस्त को रहेगा। इसीलिए कुछ स्थानों पर इस दिन भी जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है।
इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 11-12 अगस्त को मनाया जाएगा। 12 अगस्त को कृतिका नक्षत्र लगेगा। जबकि चंद्रमा मेष और सूर्य राशि में संचार करेंगे। कृतिका नक्षत्र और राशियों की स्थिति के कारण वृद्धि योग बन रहा है। बता दें कि कुछ लोगों के लिए अष्टमी तिथि का महत्व अधिक होता है तो वहीं कुछ अन्यों के लिए रोहिणी नक्षत्र का महत्व होता है। ऐसे में मथुरा में जन्माष्टमी 12 अगस्त को मनाई जा रही है। वहीं नंदलाल के गांव ब्रज में 11 अगस्त को धूमधाम से जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा जाएगा।
कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी?
हिंदू पंचांग के मुताबिक कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानि कि आठवें दिन मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल अगस्त या फिर सितंबर के महीने में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। तिथि के मुताबिक जन्माष्टमी का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा। वहीं रोहिणी नक्षत्र को अधिक महत्व देने वाले लोग 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे।
जन्माष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी की तिथि: 11 अगस्त और 12 अगस्त।
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 11 अगस्त 2020 को सुबह 09 बजकर 06 मिनट से।
अष्टमी तिथि समाप्त: 12 अगस्त 2020 को सुबह 05 बजकर 22 मिनट तक।
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 13 अगस्त 2020 की सुबह 03 बजकर 27 मिनट से।
रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 14 अगस्त 2020 को सुबह 05 बजकर 22 मिनट तक।
जन्माष्टमी का महत्व
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का देशभर में विशेष महत्व है। यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। भगवान श्रीकृष्ण को हरि विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। देश के सभी राज्यों में इस त्योहार को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी अपने आराध्य के जन्म की खुशी में दिन भर व्रत रखते हैं और कृष्ण की महिमा का गुणगान करते हैं। वहीं मंदिरों में झांकियां निकाली जाती हैं।
कैसें रखें जन्माष्टमी का व्रत?
जन्माष्टमी के अवसर पर श्रद्धालु दिन भर व्रत रखतें हैं और अपने आराध्य का आशिर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। जन्माष्टमी का व्रत रखने का अपना अलग विधान है। जो लोग जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहते हैं, उन्हें जन्माष्टमी से एक दिन पहले केवल एक वक्त का भोजन करना चाहिए। जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद भक्त व्रत का संकल्प लेते हुए अगले दिन रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि के खत्म होने के बाद पारण यानी कि व्रत खोलते हैं।
जन्माष्टमी की पूजा विधि
जन्माष्टमी के दिन भगावन श्रीकृष्ण की पूजा करने का विधान है। अगर आप भी जन्माष्टमी का व्रत रख रहे हैं तो इस तरह से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें।
– सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
– अब घर के मंदिर में कृष्ण जी या फिर ठाकुर जी की मूर्ति को पहले गंगा जल से स्नान कराएं।
– इसके बाद मूर्ति को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और केसर के पंचामृत से स्नान कराएं।
– अब शुद्ध जल से स्नान कराएं।
– रात 12 बजे भोग लगाकर लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना करें और फिर आरती करें।
– अब घर के सभी सदस्यों को प्रसाद दें।
– अगर आप व्रत रख रहे हैं तो दूसरे दिन नवमी को व्रत का पारण करें।
इस तरह भेजें बधाई संदेश
जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को शुभकामनाएं देने के लिए इन खास बधाई मैसेज (Janmashtami wishes and Quotes) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
माखन चोर नन्द किशोर, बांधी जिसने प्रीत की डोर,
हरे कृष्ण हरे मुरारी, पूजती जिन्हें दुनिया सारी,
आओ उनके गुण गाएं सब मिल के जन्माष्टमी मनाएं
जन्माष्टमी 2020 की ढेरों बधाईयां
कृष्णा तेरी गलियों का जो आनंद है
वो दुनिया के किसी कोने में नहीं
जो मजा तेरी वृंदावन की रज में है
मैंने पाया किसी बिछौने में नहीं
Happy Krishna Janmashtami
प्रेम से श्री कृष्ण का नाम जपो, दिल की हर इच्छा पूरी होगी,
कृष्ण आराधना में लीन हो जाओ, उनकी महिमा जीवन खुशहाल कर देगी।
जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई।
जन्माष्टमी के इस अवसर पर, हम यही कामना करते हैं कि श्रीकृष्ण की कृपा आप और आपके पूरे परिवार पर हमेशा बनी रहे।
आपको और आपके पूरे परिवार को शुभ जन्माष्टमी 2020!
माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
खुशी मनाओ उसके जन्म दिन की,
जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया।