टूरिज्म सर्किट में होंगे उत्तराखंड के महाभारतकालीन स्थल
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के महाभारतकालीन सभ्यता से जुडे सभी स्थानों को टूरिज्म सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि कौरवों द्वारा पांडवों को मारने के लिए बनाए गए लाक्षागृह, राजसी यज्ञ स्थल, पांडवकालीन हथियार रखने के स्थल आदि सभी स्थानों को टूरिस्ट सर्किट में लाया जाएगा।
वहीं उत्तराखंड में खानपान पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इससे प्रदेश में आर्थिक विकास तो होगा ही पर्यटन क्षेत्र का भी विस्तार होगा। दरअसल, सोमवार को पर्यटन मंत्री गढ़वाल मंडल विकास निगम से संचालित होटल गढ़वाल टैरेस का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए राज्य सरकार की ओर से पर्यटन के विकास को किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
मीडिया से बातचीत में मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि अगर हम पर्यटन को बढ़ावा दें और इस ओर दृढ़ इच्छाशक्ति से कार्य करें तो आबकारी राजस्व में हो रहे नुकसान की भरपाई पर्यटन कर सकता है। उन्होंने कहा कि सभी पहाड़ी उत्पादों जैसे कोदा-झंगोरा, कंडाली, फाणू, बाड़ी और लेंगड़ा आदि व्यंजनों को होटल-रेस्तरां में प्रचलित किया जाएगा।
पर्यटन मंत्री बोले, हम चारधाम तक ही सीमित न रहकर सुरकंडा व चंद्रबदनी को भी धाम बनाने का प्रयास करेंगे। धार्मिक पर्यटन, एडवेंचर टूरिज्म, मेडिकल व योगा टूरिज्म को बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। कहा कि हाथीपांव को रोपवे से जोड़ने, मसूरी में पार्किंग विकास, भट्टा फाल को विकसित करने आदि योजनाएं हमारे विजन में हैं, जो जल्द अमल में लाई जाएंगी।
इस मौके पर साहसिक पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल, गढ़वाल टैरेस के प्रबंधक प्यारेलाल कवि, वरिष्ठ भाजपाई विजय रमोला, विनय चतुर्वेदी आदि उपस्थित थे।