देहरादून में स्वाइन फ्लू के साथ डेंगू ने भी किया वार
देहरादून : स्वाइन फ्लू के साथ ही डेंगू ने भी दून में दस्तक दे दी है। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है। राहत की बात यह है कि मरीज उत्तराखंड नहीं उत्तर प्रदेश का है।
45 वर्षीय बिजनौर निवासी इस शख्स को 12 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दून में अभी तक 20 मरीजों के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें पुष्ट हुआ यह पहला मामला है। वहीं, स्वास्थ्य महकमा स्वाइन फ्लू और डेंगू की दोहरी मार से सकते में है।
प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर लगातार जारी है। इस साल अब तक 80 मरीजों के सैंपल एनसीडीसी दिल्ली भेजे जा चुके हैं, जिनमें से 22 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। स्वाइन फ्लू से सात मरीजों की मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ विभाग अभी इस समस्या से जूझ ही रहा था कि डेंगू ने भी दोहरा मोर्चा खोल दिया है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. तारा चंद पंत ने बताया कि सभी अस्पतालों को दोनों बीमारियों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। कोई भी संदिग्ध मामला आने पर तुरंत बताने को कहा गया है। डेंगू से बचाव के लिए शहर में फॉगिंग कराई जा रही है।
चार जनपद में मिला लार्वा
स्वास्थ्य विभाग को राजधानी देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले के कई क्षेत्रों में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर का लार्वा मिला है। एडीज के लार्वा को मच्छर बनने में लगभग एक सप्ताह लगता है। 20 से 40 डिग्री का तापमान इस मच्छर के लिए खासा उपयुक्त है। राज्य में मानसून की वजह से लगातार बारिश हो रही है और इससे शहरी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। जो डेंगू मच्छर के लिए मददगार है।
मानवाधिकार आयोग का नोटिस
स्वाइन फ्लू के कारण लगातार हो रही मौतों पर स्वास्थ्य महकमा घिर गया है। उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने दून के मुख्य चिकित्साधिकारी व नगर स्वास्थ्य अधिकारी को इस संबंध में नोटिस भेजा है। उनसे स्वाइन फ्लू पर रिपोर्ट तलब की गई है। आयोग ने इस मामले में आठ अगस्त की तारीख नियत की है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने आयोग में शिकायत दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि दून में स्वाइन फ्लू लगातार विकराल होता जा रहा है। इस बीमारी के कारण अब तक सात लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं कई अन्य मरीजों में भी इसके लक्षण मिले हैं।
ऐसा अक्सर होता आया है कि सुप्त अवस्था में पड़ा विभाग एकाएक बीमारी के बढऩे पर ही जागृत होता है। उनकी इस शिकायत पर आयोग के अध्यक्ष जगदीश भल्ला व सदस्य डॉ. हेमलता ढौंडियाल ने अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
ये हैं डेंगू के लक्षण
पेशाब, खांसी या मसूड़ों में खून का आना और बुखार डेंगू के लक्षण हैं। डेंगू के मच्छर (एडीज) के काटने से व्यक्ति के खून में प्लेटलेट्स कम होने लगती हैं। स्वस्थ मनुष्य के खून में डेढ़ लाख से चार लाख तक प्लेटलेट्स होती हैं। यह संख्या 20 हजार से कम पहुंचने पर स्थिति गंभीर हो जाती है। मरीज को खून चढ़ाकर प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ाई जाती है।
ऐसे करें बचाव
-डेंगू का मच्छर साफ और रुके हुए पानी में पनपता है। इसलिए घर या दफ्तर के आसपास पानी जमा न होने दें।
-कूलर, फ्रीज, गमलों में पानी नियमित रूप से बदलते रहें।
-अमूमन डेंगू का मच्छर शाम के समय काटता है। इसलिए शाम के समय पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
-डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
-बिना डॉक्टर की राय के मरीज को कोई दवा न दें। इससे प्लेटलेट्स घटने का डर रहता है।