धर्मनगरी में कांवड़ियों ने फैलायी 2400 मीट्रिक टन गंदगी
हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौटे करीब चार करोड़ कांवड़िए 2400 मीट्रिक टन गंदगी छोड़ गए। इस गंदगी को साफ करने में नगर निगम को कम से एक सप्ताह लगेगा। वहीं, दुर्गंध से पूरा शहर बेहाल है। लोगों को नाक पर रूमाल रखकर जाना पड़ रहा है।
10 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हुई थी। इस दौरान कांवड़ियों ने खाद्य पदार्थ, प्लास्टिक की बोतल, पॉलीथिन, कपड़े, चप्पल आदि सामान कूड़ेदान में डालने के बजाय सड़क एवं गंगा घाटों पर ही फेंक दिया।
हरकी पैड़ी, मालवीय घाट, सुभाष घाट, महिला घाट, रोड़ी बेलवाला, पंतद्वीप, कनखल, भूपतवाला, ऋषिकुल मैदान, बैरागी कैंप आदि क्षेत्रों में जगह-जगह शौच करने के चलते दुर्गंध का आलम है। इसके चलते राहगीरों के लिए यहां से निकलना मुश्किल हो रहा है।
वहीं गंगा में कांवड़ बहाने के साथ ही प्लास्टिक तक बहा दी गई। नगर आयुक्त अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि शहर में रोजाना 200 मीट्रिक टन कूड़ा होता है। कांवड़ मेले के 12 दिन में करीब 2400 मीट्रिक टन कूड़ा बढ़ा है, जिसे साफ करने के लिए नगर निगम की टीम लगी है। हरकी पैड़ी क्षेत्र से ही भारी मात्रा में कूड़ा उठाया गया है, जबकि काम अभी जारी है। इसमें प्लास्टिक समेत अन्य गंदगी है।
एनजीटी के आदेशों की अवहेलना
हरिद्वार में प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बावजूद कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में पॉलीथिन व प्लास्टिक का कारोबार हुआ। धड़ल्ले से गंगा घाटों, रोड़ीबेलवाला, पंतद्वीप, कनखल, डामकोठी के समीप प्लास्टिक की बरसाती, बैठने के लिए पॉलीथिन, प्लास्टिक के केन बेचने को लेकर अस्थाई दुकानें सजी रही, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इस ओर कार्रवाई नहीं की। एक दो स्थानों में कार्रवाई कर इतिश्री कर दी गई।
गंगा में फेंकी पुरानी कांवड़
अक्सर देखने में आया है कि कांवडिय़े अपने साथ पुरानी कांवड़ लेकर हरिद्वार आते हैं। इस दौरान पुरानी कांवड़ को गंगा में बहा दिया जाता है। इस बार भी ऐसा ही देखने को मिला। कांवड़ में कांवडिय़े गंगा को प्रदूषित करने में पीछे नहीं रहे हैं।
संक्रामक बीमारी फैलने का बढ़ा खतरा
शहर में जगह-जगह फैली गंदगी के कारण अब शहर में संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। एक दो दिन में बारिश नहीं हुई तो संक्रामक बीमारी फैल सकती है।
जल्द होगी स्थिति सामान्य
हरिद्वार नगर निगम के महापौर मनोज गर्ग के मुताबिक कांवड़ यात्रा समाप्त होने के बाद सफाई कराना बेहद चुनौतीपूर्ण है। कांवड़ के अंतिम दिनों में कूड़ा नहीं उठ पाया था। अब कर्मचारियों से लेकर अधिकारी सफाई व्यवस्था में जुटे हैं। जल्द ही शहर से गंदगी साफ की जाएगी।