मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल का ताज लेकर दून पहुंची अनुकृति गुसाईं
देहरादून : मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल के ताज के साथ अनुकृति गुसाईं बुधवार को देहरादून पहुंची। अनुकृति ने कहा कि यह सिर्फ मेरी नहीं, पूरे उत्तराखंड की जीत है। मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल का ताज एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
बुधवार को अनुकृति ने उत्तरांचल प्रेस क्लब में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कहा कि आयोजकों ने टॉप फाइव में से मुझे इस इंटरनेशनल इवेंट के लिए चुना है, तो मेरी भी जिम्मेदारी बनती है कि मैं वियतनाम में होने वाले मिस ग्रैंड इंटरनेशनल का खिताब जीतकर भारत लाऊं। अनुकृति ने बताया कि अभी तक केवल एक बार ही भारत प्रतियोगिता में रनरअप रहा।
अब मेरी जिम्मेदारी बनती है कि ताज के इस सूखे को खत्म करूं। अनुकृति ने बताया कि यह उत्तराखंड के लोगों के प्यार का ही नतीजा था कि मुझे फेमिना में मिस मल्टीमीडिया का खिताब मिला। इससे पहले उत्तराचंल प्रेस क्लब में अध्यक्ष नवीन थलेड़ी ने अनुकृति का बुके देकर स्वागत किया। इस दौरान महामंत्री भूपेंद्र कंडारी, संयुक्त सचिव प्रवीण बहुगुणा और कार्यकारिणी सदस्य देवेंद्र सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।
‘स्टॉप द वार’ है मिस ग्रैंड इंटरनेशनल की थीम
-देहरादून: अक्तूबर में वियतनाम में होने वाली मिस ग्रैंड इंटरनेशनल इवेंट की थीम ‘स्टॉप द वार’ है। अनुकृति ने बताया कि इस बार लगभग सभी ब्यूटी कांटेस्ट में थीम रखी गई है। जैसे फेमिना मिस इंडिया की थीम ‘ब्यूटी विद् द पर्पज’ थी, उसी तरह मिस ग्रैंड इंटरनेशनल की थीम ‘स्टॉप द वार’ है। इस समय इस तरह की थीम की काफी जरूरत थी। हर जगह युद्ध की बात की जा रही है। कोशिश रहेगी की इस ब्यूटी कांटेस्ट के जरिये युद्ध रोकने और शांति की अपील की जाए। इस कांटेस्ट में करीब 140 देश हिस्सा लेंगे।
सुपर पावर हैं उत्तराखंड की लड़कियां
अनुकृति ने बताया कि सुंदर तो पहाड़ की लड़कियां पहले से ही हैं। रिफ्रेसिंग ब्यूटी का खिताब मिलना, मेरी इस सोच को सही ठहराता है। अब वे हर फील्ड में जाकर अपनी ‘पावर’ दिखा रही हैं। एजुकेशन, ब्यूटी और खेल हर क्षेत्र में उन्होंने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है।
स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को मिले उचित शिक्षा
अनुकृति ने बताया कि ऋषिकेश स्थित ‘उड़ान’ स्कूल के जरिये स्लम में रहने वाले बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रही हूं। आगे भी मेरा प्रयास रहेगा कि मैं उनके लिए कुछ कर सकूं। उन्होंने कहा कि ‘बेटी पढ़ेगी तो आगे बढ़ेगी’ हम सबको इस सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।