स्थानीय युवकों को ठेका देकर लगाया जाता है स्कीमर
देहरादून : राजधानी देहरादून में एटीएम क्लोनिंग के जरिए 95 लोगों के बैंक अकाउंट्स से करीब 30 लाख रुपये खंगाल लिए गए थे। जिसके बाद से पुलिस लगातार संदिग्धों को लेकर जगह-जगह दबिश दे रही है। उत्तराखंड पुलिस ने जयपुर पुलिस के साथ मिलकर दो संदिग्धों को ट्रेस किया है।
बताया जा रहा है कि जयपुर में ट्रेस किया गया एक संदिग्ध इस साइबर ठगी का मास्टरमाइंड है और वही स्थानीय युवकों को प्रशिक्षित कर एटीएम में स्कीमर (स्कीमिंग डिवाइस) लगाने का ठेका देता था। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इसे जांच का हिस्सा बताकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
एक सप्ताह से दून में हड़कंप मचा हुआ है। हर रोज खाताधारक उनके खाते से रुपये निकाले जाने की शिकायत को लेकर थाने पहुंच रहे हैं। इतने बड़े स्तर पर हुई धोखाधड़ी से पुलिस अधिकारी भी पसोपेश में हैं। जल्द से जल्द साइबर अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस की कई टीमे प्रकरण की जांच-पड़ताल में लगाई गई हैं। जयपुर और दिल्ली के अलावा दून में भी कई टीमें इस प्रकरण पर काम कर रही हैं। सभी टीमे संदिग्ध एटीएम के अलावा उस क्षेत्र में आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाल रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जयपुर और उत्तराखंड पुलिस की टीमों ने जयपुर में जिस शख्स को ट्रेस किया है, वह ही स्थानीय युवकों को एटीएम में स्कीमिंग डिवाइस लगाने का ठेका देता था। वहीं दून में जिन स्थानीय युवकों को ट्रेस किया गया है उनको लेकर आशंका है कि वह स्कीमर लगाने वालों में शामिल थे। हालांकि पुलिस और एसटीएफ अभी तक इस बारे में कोई दावा नहीं कर रहे हैं।
कई संदिग्धों से की जा रही पूछताछ
एसएसपी एसटीएफ रिधिम अग्रवाल का कहना है कि जयपुर और दिल्ली में जांच कर रही टीमे सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ ही कई संदिग्धों और पूर्व में साइबर ठगी में पकड़े गए अपराधियों से पूछताछ कर रही है। वहीं एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि मामले को लेकर संदिग्धों से पूछताछ जारी है।