केन्द्रीय गृह अमित शाह ने त्रिपुरा में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए विभिन्न पहलों का शुभारंभ किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज त्रिपुरा में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए विभिन्न पहलों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो (डॉ.) माणिक साहा और सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा किप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में त्रिपुरा के हर किसान और गरीब के कल्याण के लिए सहकारिता पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्थापित सहकारिता मंत्रालय का उद्देश्य सहकार से समृद्धि है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने हमारी अर्थव्यवस्था को 11वें से 5वें स्थान पर पहुंचाया है और 2027 में हम तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे। श्री शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य सिर्फ तीसरे स्थान पर पहुंचना नहीं है बल्कि इस प्रक्रिया में 140 करोड़ भारतीयों की सहभागिता होनी चाहिए। हर परिवार और व्यक्ति तकसमृद्धि, सुख, शिक्षा और स्वास्थ्यपहुंचने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे प्राप्त करने के लिए सहकारिता के सिवा कोई और रास्ता नहीं है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश में 8 लाख से अधिक सहकारी संस्थाएं हैं जिनके माध्यम से 35 करोड़ से अधिक लोग सहकारिता से जुड़े हैं। अमूल, इफ्को, कृभको, नेफेड जैसी सहकारी संस्थाओं ने जन-जन को कोऑपरेटिव के साथ जोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज बैंकिंग, कृषि वित्तपोषण, चिकित्सा सहयोग और खाद के वितरण सहित लगभग सभी क्षेत्रों में सहकारिता मौजूद है।
श्री अमित शाह ने कहा कि हमने मोबाइल ग्रामीण मार्ट को नाबार्ड के माध्यम से शुरू किया है और 5 ज़िलों में ये मार्ट भारत ब्रांड के साथ लोगों को नाबार्ड के माध्यम से दलहन, चावल औरगेहूं का आटा सस्ते मूल्य पर उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा राज्य सहकारी बैंक की 50 प्राथमिक सहकारी समितियों को माइक्रो एटीएम उपलब्ध कराया गया है। आज त्रिपुरा में कोऑपरेटिव पैट्रोल पंप और धलाई ज़िले में एक उपभोक्ता स्टोर का भी उद्घाटन हुआ है। श्री शाह ने कहा कि त्रिपुरा राज्य सहकारी संघ का स्मार्ट प्रशिक्षण केन्द्र,NCCF के माध्यम से 500 किसानों को बीज की मिनी किट और NCOL और त्रिपुरा राज्य जैविक खेती विकास एजेंसी के बीच MOU सहित 8 पहलें आज यहां सहकारिता को गति देने के लिए की गई हैं।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि त्रिपुरा परंपरागत रूप से 70 प्रतिशत से अधिक ऑर्गेनिक उत्पाद पैदा करने वाला राज्य है, लेकिन यहां के उत्पादों का सर्टिफिकेशन नहीं होता है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के किसानों को सहकारी संस्थाओं के माध्यम से नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL)के साथ जुड़ना चाहिए जिससे उनकी भूमि और उत्पादों का सर्टिफिकेशन हो सके। श्री शाह ने कहा कि दो-तीन साल के अंदर ही NCOLकिसानों केउत्पादों का कम से कम 30% दाम ज्यादा दिलाएगा।उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक खेती हमारी भूमि को संवर्धित और संरक्षित करती है,पर्यावरण भी अच्छा रखती है और ऑर्गेनिक उत्पाद हमारे शरीर को कई प्रकार की बीमारियों से भी बचाते हैं। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक खेती में कई समस्याओं का समाधान है इससे किसान की समृद्धि बढ़ती है और भूजलस्तर भी ऊपर रहता है।
श्री अमित शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अच्छे बीज उपलब्ध कराने, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए और किसानों की उपज को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए तीन राष्ट्रीय स्तर की बहुदेश्यीय सहकारी सोसाइटियां बनाई हैं। इन तीनों सोसायटियों की सदस्यता के लिए त्रिपुरा से लगभग 35 से ज्यादा सहकारी संस्थाओं नेआवेदन भेजे हैं।श्री शाह ने कहा कि अभी त्रिपुरा में 3138 अलग-अलग प्रकार की कोऑपरेटिव्स हैं जिनमें डेयरी, मत्स्य पालन, उपभोक्ता सहकारी समितियाँ, पशुधन और पोल्ट्री सहकारी समितियाँ आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने कोऑपरेटिव्स तो बनाईं लेकिन अपने कैडर की भर्ती का साधन समझकर नुकसान में पहुंचाया। श्री शाह ने कहा कि 2018 में यहां हमारी पार्टी की सरकार आने के बाद से त्रिपुरा के कोऑपरेटिव्सलाभ अर्जित कर रहे हैं और अब नरेन्द्र मोदी सरकार के प्रयासों से इनके लाभ में वृद्धि हो रही है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि त्रिपुरा के किसानसहकारिता से माध्यम से अपने और अपने परिवार की समृद्धि के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना शुरू की है जिसके तहत त्रिपुरा में कोऑपरेटिव बेसिस पर 2000 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम बनेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की कोई तहसील ऐसी नहीं नहीं होगी जहां भंडारण की व्यवस्था न हो। श्री शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय द्वारा लिए गए 57 इनीशिएटिव्स में से 41 इनीशिएटिव्स को लागू करने में त्रिपुरा आगे बढ़ा है, जोएक बहुत बड़ी उपलब्धि है।