क्या आपके दिमाग में कभी आया यह ख्याल… हमेशा टेढ़ा ही क्यों होता है

- केले की शेप हमेशा टेढ़ी ही देखने को मिलती है।
- केले के आकार के पीछे की वजह बेहद दिलचस्प है।
- इसके पीछे का विज्ञान ‘नेगेटिव जियोट्रॉपिज्म’ कहलाता है।
क्या आप जानते हैं कि केला एक ऐसा सुपरफूड है जो हमें इंस्टेंट एनर्जी देने के साथ-साथ कई बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है। सुबह की भागदौड़ में नाश्ते से लेकर शाम को लगने वाली हल्की-फुल्की भूख मिटाने के लिए भी कई लोग इसे अपनी डाइट में शामिल करते हैं। इसके अलावा मसल बिल्डिंग और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बनाए रखने में भी केला हमारी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
कुल मिलाकर यह सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि गुणों का खजाना है। ऐसे में, क्या आपने कभी गौर किया है कि ज्यादातर केले हमेशा थोड़े मुड़े हुए या टेढ़े ही क्यों होते हैं? क्या यह सिर्फ एक संयोग है या इसके पीछे प्रकृति का कोई गहरा राज छिपा है (Banana Shape Facts)? जी हां, सीधे-सपाट केले शायद ही कभी दिखते हैं। आइए, इस आर्टिकल में आपको विस्तार से बताते हैं इसके टेढ़ेपन के पीछे का साइंस दरअसल, केले के टेढ़े होने की सबसे बड़ी वजह है ‘फोटो-ट्रॉपिज्म’ (Phototropism) – यानी पौधों का सूर्य की ओर झुकाव। दरअसल, जब केले का पेड़ फल देने लगता है, तब केले की कलियां नीचे की ओर मुड़ी होती हैं। यानी फल की शुरुआती ग्रोथ गुरुत्वाकर्षण (gravity) की दिशा में होती है।जैसे-जैसे फल बढ़ने लगता है, केले में मौजूद सेल्स उसे सूरज की रोशनी की ओर मोड़ना शुरू कर देते हैं। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसमें फल धीरे-धीरे ऊपर की दिशा में बढ़ने लगता है। ऐसे में, सूरज की ओर झुकाव की वजह से ही केला सीधा न होकर ऊपर की ओर मुड़ा हुआ और टेढ़ा दिखाई देता है।