रात में क्यों बढ़ता है यूरिक एसिड? जानिए इसके 6 संकेत

यूरिक एसिड शरीर में तब बनता है जब प्यूरीन नामक तत्व टूटता है. ये आमतौर पर खून में घुलकर बाहर निकल जाता है, लेकिन जब इसकी मात्रा अधिक हो जाती है तो यह क्रिस्टल बनाकर जोड़ों में जमा हो सकता है. खासतौर पर रात के वक्त, ऐसे में शरीर हमें कुछ संकेत देता है, जिन्हें पहचानना बेहद जरूरी है.
जोड़ों में अचानक तेज दर्द: यूरिक एसिड बढ़ने पर सबसे पहले असर पड़ता है जोड़ों पर, रात में अचानक किसी एक पैर में असहनीय दर्द उठना इसका बड़ा संकेत हो सकता है.
जोड़ों में सूजन और गर्माहट: रात के समय अंगुलियों, टखनों या घुटनों में हल्की सूजन और गर्माहट महसूस हो तो यह यूरिक एसिड के क्रिस्टल जमा होने का इशारा है.
हल्का बुखार या बेचैनी: बढ़ा हुआ यूरिक एसिड शरीर में इन्फ्लेमेशन बढ़ाता है, जिससे रात में हल्का बुखार, बेचैनी या पसीना आ सकता है.
यूरिन कम आना या जलन होना: यूरिक एसिड शरीर से यूरिन के जरिए निकलता है, लेकिन जब यह ज्यादा हो जाए तो यूरिन कम आ सकता है या पेशाब में जलन हो सकती है. ये लक्षण रात को ज्यादा महसूस हो सकते हैं.
थकान और भारीपन का अहसास: अगर रात को बिना मेहनत के भी शरीर भारी लगे या नींद के बाद भी तरोताजा न लगे, तो यह हाई यूरिक एसिड के कारण मेटाबोलिक डिसबैलेंस का लक्षण हो सकता है.
रात होते ही दर्द होना: पूरा दिन जोड़ों में दर्द तो नहीं होता, लेकिन ये दर्द सिर्फ रात के वक्त होता है तो समझ जाइए कि, ये यूरिक एसिड की समस्या है.