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इससे गरीब बच्चे जिनके पास खिलौने नहीं हैं उसके जीवन में भी खुशियां आयेंगी: श्री शाह

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के गांधीनगर में गांधीनगर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के लगभग 400 करोड़ रूपए के अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद एक नई संस्कृति शुरु हुई कि जो विकास परियोजना का भूमिपूजन करे वही उसका उद्घाटन भी करे। उन्होंने कहा कि गुजरात के विकास की जो व्यवस्था श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बनाई थी, वो पिछले 10 सालों से वैसे ही चल रही है, यह गुजरात सरकार की विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2019 के बाद से गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के सातों विधानसभा क्षेत्रों में अभी तक लगभग 16,000 करोड़ रूपए के विकास कार्य 4 साल में पूरे हुए हैं। इससे पता चलता है कि जब एक लोकसभा क्षेत्र में इतना काम हुआ है तो पूरे राज्य के 26 लोकसभा क्षेत्रों में कितना काम हुआ होगा। उन्होंने कहा कि गांवो को 24 घंटे बिजली देने का काम श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शुरू किया था, बिजली पहुंचने से व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और उद्योगों की स्थिति में काफी सुधार आया। उन्होंने कहा कि पूरे गांव को विकसित करने के लिए बिजली गांव में पहुंचाने के विजन के साथ नरेन्द्र मोदी जी ने ग्रामीण विकास की कल्पना की थी।

श्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि हर गांव में एक तालाब को गहरा करना चाहिए, इसी दिशा में आज हर जिले में 75 तालाबों को गहरा कर उसके आसपास एक छोटा बगीचा बनाने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक सुंदर गांव बनाकर उसे गतिविधियों का केन्द्र बनाने का काम अमृत सरोवर के माध्यम से हो रहा है और इसके परिणामस्वरुप देश के हर जिले में तालाबों का निर्माण हो रहा है। श्री शाह ने कहा कि जलसंचय, जल व्यवस्थापन और ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुधार के लिए इससे बड़ा कोई और कार्यक्रम हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि स्मार्टसिटी गांधीनगर में पानी, सीवरेज की व्यवस्था है और योजना प्रेरित विकास-बजट, जहां नागरिको को मांगने ना जाना पडे, बल्कि उनके घर सुविधाएं पहुंचाने का काम हमारी सरकार ने किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत घन कचरे के लिए 1700 बाईक, 700 गाडी और 14 बडे ट्रक लगभग 11 करोड की लागत से गांधीनगर को देने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि गांधीनगर महानगर निगम के अंतर्गत सोलर प्लान्ट और सोलर वृक्ष लगाने का काम भी यहां हुआ है। इसके अलावा 58 करोड रूपए की लागत से एक रेलवे ओवरब्रिज, 40 करोड के खर्च से पेथापुर और रांधेजा में सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट, 21 करोड के खर्च से चेरडी में जल वितरण व्यवस्था, 34 करोड के खर्च से तीन जल वितरण के कामों के ज़रिए 10 हजार नागरिको को शुद्ध पीने का पानी पहुंचेगा, 55 करोड रूपए के खर्च से झुंडाल, खोरज, अमियापुर, सुघड और भाट में पीने के पानी की लाईन, 22 करोड के खर्च से अमियापुर, भाट, कोटेश्वर के लिए सीवरेज पंप और 70 करोड के खर्च से सुघड, अमियापुर, भाट, कोटेश्वर में वॉटर ट्रीटमेन्ट प्लान्ट, 28 करोड के खर्च से गांधीनगर म्युनिसिपल के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए स्टाफ क्वार्टर, 12 करोड के खर्च से वावोल के तालाब का विकास और 3 करोड के खर्च से धौलाकुंवा गांव में पक्की सडक और पीने के पानी की पाईपलाईन के काम हुए हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि केन्द्र में श्री नरेन्द्र मोदी जी और गुजरात में श्री भूपेन्द्र पटेल जी की डबल इंजन सरकार ने अनेक केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारा है। उन्होंने कहा कि गाँधीनगर में एक उत्तम अभियान शुरू हुआ है जिसके तहत संपन्न परिवारों में जो खिलौने उपयोग में नहीं आते उन्हें एकत्रित कर गरीब बच्चों में वितरित किया जाएगा, इससे गरीब बच्चे जिनके पास खिलौने नहीं हैं उसके जीवन में भी खुशियां आयेंगी। उन्होंने कहा कि आज आंगनवाड़ी के बच्चों को खिलौने वितरित किये और उनके साथ समय व्यतीत किया, 400 करोड़ रूपए के विकास कार्य एक तरफ और उन बच्चों के चेहरों पर मुस्कान दूसरी तरफ, इसका संतोष ही अपने आप में अलग है।

श्री शाह ने कहा कि एक बच्चा दूसरे बच्चे को खिलौने दे रहा है, उसे देने की आदत पडे और वो गरीब बच्चा जिसके पास खिलौने नहीं उसके जीवन में खुशियां आयें, इससे बडा कोई काम नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि संपन्न को देने आदत हो और अभावग्रस्त का अभाव दूर हो और हम बीच में कडी बन सकें, तो इससे बडा पुण्य का कोई और काम नहीं हो सकता है। संपन्न बच्चे में गरीब बच्चे को देने की आदत डालना ही उसे एक अच्छा नागरिक बनाने की शुरुआत हैा

उन्होंने कहा कि इस खिलौना बैंक अभियान में जो जितनी मदद कर सके, वो करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम यह मदद किसी और की नहीं बल्कि अपने बच्चों की ही कर रहे हैं, क्योंकि अभाव से बच्चे में कटुता या लघुताग्रंथी ना उत्पन्न हो, ये देखना हमारी जिम्मेदारी है।

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