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निजी स्कूलों में आरटीई में फर्जी दाखिलों की होगी जांचः शिक्षा मंत्री

देहरादून : राज्य के निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत एक लाख से अधिक दाखिलों में हुए फर्जीवाड़े की जांच की जाएगी। साथ ही अभिभावकों से कॉशन मनी, रि-एडमिशन फीस समेत विभिन्न मदों में वसूल की जाने वाली फीस वसूली पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। ऐसा करने वाले स्कूलों पर शिक्षा महकमे की ओर से छापे जारी रखे जाएंगे।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने निजी स्कूलों के सामने ये भी साफ कर दिया कि अगले शैक्षिक सत्र से राज्य में सरकारी और निजी स्कूलों में एनसीइआरटी की पुस्तकें लागू होंगी। निजी स्कूलों में शिक्षकों के खाते में अंतरित किए जाने वाले वेतन में से बाद में आधा वेतन वापस लेने की शिकायतों पर सख्ती से अंकुश लगाने और स्कूल संचालकों को शिक्षकों का शोषण रोकने की ताकीद की गई।

निजी स्कूलों की मनमानी और अभिभावकों व छात्र-छात्राओं के शोषण पर अंकुश लगाने की मुहिम के तहत शिक्षा मंत्री ने सचिवालय के डीएमएमसी सभागार में प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव एसोसिएशन देहरादून और ऊधमसिंह नगर एसोसिएशन ऑफ इंडीपेंडेंट स्कूल के सदस्यों के साथ तकरीबन ढाई घंटे  बैठक की।

इसमें स्कूल संचालकों ने सरकार की ओर से कसे जा रहे शिकंजे से उत्पन्न समस्याओं को विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि स्कूलों पर जांच की आड़ में बार-बार छापे नहीं मारे जाने चाहिए। इससे भय का माहौल तो बन ही रहा है, साथ में स्कूलों की छवि पर भी बुरा असर पड़ रहा है। आरटीई के तहत गलत या फर्जी दाखिलों के मामले में स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि दाखिले शिक्षा महकमे से मिलने वाली सूची के मुताबिक किए जाते हैं।

छापों पर स्कूलों की आपत्ति को शिक्षा मंत्री ने यह कहते हुए खारिज किया कि जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं या मिलेंगी, उन पर सख्ती बरतने से पीछा नहीं हटा जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि आरटीई के तहत निजी स्कूलों में गरीब व वंचित वर्गों के बच्चों के दाखिले में खेल हुआ है। खासतौर पर तीन जिलों ऊधमसिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार में अपात्रों और अच्छी माली हैसियत वाले परिवारों के बच्चों को दाखिला दे दिया गया। तकरीबन एक लाख से ज्यादा बच्चों के दाखिले में फर्जीवाड़े की जानकारी सामने आई है। इसकी जांच होगी।

स्कूली पाठ्यक्रम में होगा संशोधन

शिक्षा मंत्री ने यह भी साफ किया कि निजी स्कूलों में भवन निर्माण या मरम्मत या अन्य कार्यों, कॉशन मनी, रि-एडमिशन फीस के लिए अतिरिक्त शुल्क वसूल करने पर सख्त कार्यवाही होगी। उन्होंने स्कूलों को शुल्क की राशि सार्वजनिक करने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने कहा कि निजी और सरकारी, सभी स्कूलों में अगले सत्र से सीबीएसइ के मानकों के अनुरूप एनसीइआरटी की किताबें लगेंगी। आइसीएसइ व आइएससी पाठ्यक्रम चला रहे निजी स्कूलों के साथ उक्त संबंध में अलग से वार्ता की जाएगी। स्कूल प्रबंधकों की ओर से एनसीइआरटी पुस्तकों की आपूर्ति में दिक्कतों का अंदेशा भी जताया गया।

अलबत्ता, उन्होंने अनिवार्य बुक बैंक की स्थापना पर हामी भरी। मंत्री ने कहा कि ऐसी दिक्कतों को दूर करने को रणनीति के साथ आगे बढ़ा जाएगा। स्कूली पाठ्यक्रम में संशोधन किया जाएगा, इसके लिए स्कूल अक्टूबर माह तक सुझाव दे सकेंगे। शीघ्र ही प्रदेश में नया शिक्षा अधिनियम लाया जाएगा। निजी स्कूलों में अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों और प्रबंधन को सरकार सम्मानित करेगी।

बैठक में शिक्षा महानिदेशक आलोक शेखर तिवारी, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, ऊधमसिंह नगर एसोसिएशन ऑफ इंडीपेंडेंट स्कूल के अध्यक्ष नायब सिंह धालीवाल, सचिव मनोज खेड़ा, कोषाध्यक्ष अनुराग सिंह, प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप, सचिव एसके दास समेत काफी संख्या में स्कूल संचालक मौजूद थे।

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