उत्तर प्रदेश

गौ सरंक्षण केन्द्रों के निर्माण में और तेजी लायें: सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा

लखनऊ: प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने प्रदेश में उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ द्वारा निर्मित किये जा रहे गौ सरंक्षण केन्द्रों के निर्माण में और तेजी लाने के निर्देश दिये गये है। उन्होनें बताया कि यू0पी0आर0एन0एस0एस0 द्वारा प्रदेश में 50 गौ संरक्षण केन्द्रों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बुन्देलखण्ड प्रभाग में 08 गौशालाओं के उच्चीकरण का कार्य भी इस संस्था द्वारा किया जा रहा है।

उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ द्वारा निर्मित किये जा रहे वृहद गौ सरंक्षण केन्द्रों की प्रगति की समीक्षा अपने कार्यालय कक्ष में करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि गायों का संरक्षण इस सरकार की महत्वपूर्ण नीति है। इसलिए जहां भी गौ संरक्षण केन्द्र बनाये जा रहे है वे निर्धारित समय पर पूर्ण हो जाये और सम्बन्धित विभाग को हस्तान्तरित हो जाये, यह सुनिश्चित किया जाये।

सहकारिता मंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को गौ संरक्षण केन्द्रों/गौशालाओं के निर्माण की गुणवत्ता एवं निर्धारित मानक का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये गये। उन्होने यह भी कहा कि यदि निर्माण कार्य निर्धारित मानकों के अनूरूप नहीं होने की शिकायते प्राप्त हुई तो जाँच कराकर सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध विधि सम्मत कठोर कार्यवाही की जायेगी।

समीक्षा मंे उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ के प्रबन्ध निदेशक श्री धीरेन्द्र सिंह ने सहकारिता मंत्री को बताया कि इन 50 गौ संरक्षण केन्द्रों मेें से 16 जनपदों में (प्रतापगढ़, सिद्र्धाथनगर, लखीमपुर, आगरा, कासगंज, बस्ती, संतकबीर नगर, गोण्डा, महाराजगंज, कुशीनगर, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, शामली, गोरखपुर एवं सीतापुर ) पूर्ण करा दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त शेष 33 जनपदों में ( अलीगढ़, अयोध्या, देवरिया, कन्नौज, पीलीभीत, अमेठी, श्रावस्ती, लखनऊ, उन्नाव, बागपत, मिर्जापुर, भदोही, फिरोजाबाद, हापुड़, शाहजहांपुर, कानपुर-नगर एवं कानपुर-देहात, आजमगढ़, मैनपुरी, कौशाम्बी, बलरामपुर, बहराईच, वाराणसी, हाथरस, बदायूं, फर्रूखाबाद, रायबरेली, औरैया, फतेहपुर, मऊ, बलिया, जौनपुर एवं गाजीपुर) में निर्माण कार्य प्रगति पर है। जनपद चन्दौली में भूमि विवाद/मा0 उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश होने के कारण कार्य रूका हुआ है। बुन्देलखण्ड प्रभाग की 08 गौशालाओं में से 04 के उच्चीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष 04 गौशालाओं का कार्य प्रगति पर है।

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