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प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय रोजगार मेले को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय रोजगार मेले को संबोधित किया तथा विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त युवाओं को लगभग 70,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए। देश भर से चयनित युवा वित्तीय सेवा विभाग, डाक विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, रक्षा मंत्रालय, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, रेल मंत्रालय, लेखा परीक्षण और लेखा विभाग, गृह मंत्रालय आदि विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्त होंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान देश भर के 43 स्थानों को मेले से जोड़ा गया था।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय रोज़गार मेला वर्तमान सरकार की नई पहचान बन गया है, क्योंकि आज 70,000 से अधिक व्यक्तियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भाजपा और एनडीए शासित राज्य भी नियमित रूप से इस प्रकार के रोजगार मेले आयोजित कर रहे हैं। यह देखते हुए कि आजादी का अमृत काल अभी शुरू हुआ है, श्री मोदी ने कहा कि यह उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षण है, जो सरकारी सेवा में शामिल हो रहे हैं, क्योंकि उनके पास अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देने का अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा, “वर्तमान के साथ-साथ, आपको देश के भविष्य के लिए भी सब कुछ देना चाहिए।” श्री मोदी ने इस अवसर पर नवनियुक्त युवाओं और उनके परिवार के सदस्यों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था में रोजगार और स्वरोजगार के उभरते अवसरों के बारे में बात की। उन्होंने मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब ये युवा नौकरी देने वाले बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने का अभियान अभूतपूर्व है। एसएससी, यूपीएससी और आरआरबी जैसे संस्थान, नई व्यवस्था के साथ ज्यादा नौकरियां दे रहे हैं। ये संस्थान भर्ती प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और आसान बनाने पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती-अवधि 1-2 साल से घटकर कुछ महीने की रह गयी है।

भारत और इसकी अर्थव्यवस्था में दुनिया के भरोसे को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज पूरी दुनिया भारत की विकास यात्रा में उसके साथ सहभागी बनने के लिए उत्सुक है।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है, जबकि आर्थिक मंदी, वैश्विक महामारी और वर्तमान में जारी युद्ध के कारण आपूर्ति श्रृंखला में हुए व्यवधान समेत विभिन्न चुनौतियां मौजूद हैं। प्रधानमंत्री ने विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा भारत के विनिर्माण क्षेत्र में शामिल होने और देश के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार का उदाहरण दिया। श्री मोदी ने बताया कि देश में हुए विदेशी निवेश से उत्पादन, विस्तार, नए उद्योगों की स्थापना और निर्यात को बढ़ावा मिलता है, जिनसे रोजगार के अवसरों में तेजी से वृद्धि होती है। निजी क्षेत्र में रोजगार के लाखों अवसर सृजित करने वाली वर्तमान सरकार की नीतियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने मोटर वाहन उद्योग का उदाहरण दिया, जिसने देश के सकल घरेलू उत्पाद में 6.5 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया है। उन्होंने उल्लेख किया कि विभिन्न देशों में यात्री वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों और तिपहिया व दोपहिया वाहनों के बढ़ते निर्यात के संदर्भ में भारत के मोटर वाहन उद्योग के विकास को देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मोटर वाहन उद्योग, जो दस साल पहले 5 लाख करोड़ रुपये का था, आज 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है। श्री मोदी ने कहा, “भारत में भी विद्युत् चालित परिवहन का विस्तार हो रहा है। पीएलआई योजना, मोटर वाहन उद्योग की भी मदद कर रही है।” उन्होंने रेखांकित किया कि ऐसे क्षेत्र भारत में लाखों युवाओं के लिए रोजगार के विभिन्न अवसर पैदा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि एक दशक पहले की तुलना में भारत अधिक स्थिर, सुरक्षित और मजबूत देश है। उन्होंने उस समय को याद किया, जब पहले के समय में घोटाला और फंड का दुरुपयोग शासन की पहचान थी। उन्होंने कहा, “आज, भारत अपनी राजनीतिक स्थिरता के लिए जाना जाता है, जो आज की दुनिया में बहुत महत्त्व रखता है। आज भारत सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार के रूप में होती है। आज, सरकार अपने प्रगतिशील आर्थिक और सामाजिक निर्णयों के लिए जानी जाती है।“ वैश्विक एजेंसियां जीवन यापन में आसानी, अवसंरचना निर्माण और कारोबार में आसानी के लिए किये गए कार्यों को स्वीकार कर रही हैं।

उन्होंने दोहराया कि भारत ने अपने भौतिक और सामाजिक अवसंरचना में भारी निवेश किया है। सामाजिक अवसंरचना की चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के माध्यम से सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन पर लगभग चार लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसकी शुरुआत के समय औसत 100 ग्रामीण आवासों में से 15 आवासों में पाइप से पानी पहुँचाया जाता था, अब यह संख्या प्रति 100 घरों पर 62 हो गई है। यह काम तेजी से चल रहा है। देश में 130 जिले ऐसे हैं, जहां हर घर में पाइप से पानी पहुंचाने की पूरी व्यवस्था मौजूद है। इसके परिणामस्वरूप समय की बचत होती है और कई जलजनित रोगों से मुक्ति मिलती है। अध्ययनों से पता चला है कि स्वच्छ जल से डायरिया से होने वाली लगभग 4 लाख मौतों को रोकने में सफलता मिली है और लोगों के 8 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है, जो पानी के प्रबंधन और बीमारियों के इलाज में खर्च हो जाते। उन्होंने नवनियुक्तों से सरकारी योजनाओं के गुणात्मक प्रभाव को समझने का आग्रह किया।

श्री मोदी ने भर्ती प्रक्रिया में वंशवाद की राजनीति और भाई-भतीजावाद की बुराइयों के बारे में बात की। प्रधानमंत्री ने एक राज्य में सामने आये ‘नौकरी के लिए नकद घोटाले’ के मुद्दे पर प्रकाश डाला और युवाओं को इस तरह की प्रणाली के बारे में आगाह किया। सामने आए विवरणों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने बताया कि किस तरह हर नौकरी व नियुक्ति के लिए किसी रेस्त्रां के मेन्यू कार्ड के समान एक रेट कार्ड तैयार किया गया था। उन्होंने ‘नौकरियों के लिए भूखंड घोटाले’ पर भी प्रकाश डाला, जहां देश के तत्कालीन रेल मंत्री ने नौकरी के बदले में जमीन का अधिग्रहण किया था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है और यह अदालत में लंबित है। प्रधानमंत्री ने ऐसे राजनीतिक दलों से युवाओं को सचेत किया, जो वंशवाद की राजनीति करते हैं और नौकरी के नाम पर देश के युवाओं को लूटते हैं। उन्होंने कहा, “एक तरफ हमारे पास ऐसे राजनीतिक दल हैं, जो नौकरियों के लिए रेट कार्ड पेश करते हैं, दूसरी तरफ वर्तमान सरकार है, जो युवाओं के भविष्य को सुरक्षित कर रही है। अब देश तय करेगा कि युवाओं का भविष्य रेट कार्ड से चलेगा या सुरक्षित किये जाने (सेफगार्ड) से।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्य राजनीतिक दल भाषा के नाम पर लोगों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि वर्तमान सरकार भाषा को रोजगार का सशक्त माध्यम बना रही है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में भर्ती परीक्षाओं पर जोर देने से युवाओं को फायदा हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि तेज गति से आगे बढ़ रहे आज के भारत में, सरकारी काम-काज की व्यवस्था और सरकारी कर्मचारियों के काम करने के तरीके भी तेजी से बदल रहे हैं। उन्होंने उस समय को याद किया जब देश के आम नागरिक सरकारी दफ्तरों में जाया करते थे, जबकि आज सरकार घर-घर तक अपनी सेवाएं पहुंचाकर नागरिकों के पास पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय और विभाग जनता के प्रति संवेदनशील होकर कार्य कर रहे हैं तथा जनता की उम्मीदों और क्षेत्र की जरूरतों को समझने का काम कर रहे हैं। श्री मोदी ने मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल सेवाओं का उदाहरण दिया, जिससे सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाना आसान हो गया है। उन्होंने लोक शिकायत प्रणाली का भी उदाहरण दिया, जिसे लगातार मजबूत किया जा रहा है।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि नवनियुक्त कर्मियों को देश के नागरिकों के प्रति पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए। श्री मोदी ने कहा, “आपको इन सुधारों को और आगे ले जाना है। इन सबके साथ, आप हमेशा अपनी सीखने की प्रवृत्ति को बनाए रखें।“ उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल ‘आईगॉट’ के बारे में भी बात की, जिसने हाल ही में उपयोगकर्ता आधार में 1 मिलियन का आंकड़ा पार किया है और नवनियुक्तों से इस ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध पाठ्यक्रमों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौर पर कहा, “अमृत काल के अगले 25 वर्षों की यात्रा में, आइए हम सब मिलकर एक विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ें।“

पृष्ठभूमि

रोजगार मेला, रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। रोजगार मेले से, रोजगार सृजन को आगे बढ़ाने और युवाओं को उनके सशक्तिकरण तथा राष्ट्रीय विकास में भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करने में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने की उम्मीद है।

नए नियुक्त कर्मियों को “आईगॉट” कर्मयोगी पोर्टल पर उपलब्ध एक ऑनलाइन मॉड्यूल, ‘कर्मयोगी प्रारंभ’ के माध्यम से खुद को प्रशिक्षित करने का अवसर भी मिल रहा है, जहां ‘कहीं से भी, किसी भी उपकरण से’ सीखने के प्रारूप के आधार पर 400 से भी अधिक ई-लर्निंग पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए गए हैं।

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