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भारत में खेल अवसंरचना के लिए एकीकृत डैशबोर्ड बनाया जाएगा: अनुराग ठाकुर

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्रियों के साथ वर्चुअल माध्यम के जरिये बातचीत की। टोक्यो में ओलंपिक और पैरालंपिक की बड़ी सफलता के बाद, आज की बैठक भविष्य के ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों को ध्यान में रखते हुए हमारे एथलीटों को तैयार करने के लिए रोडमैप तैयार करने और जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने में राज्यों के योगदान पर विचार करने के लिए आयोजित की गयी थी। वर्चुअल बैठक के दौरान खेल विभाग के सचिव श्री रवि मित्तल भी मौजूद थे।

इस चर्चा के दौरान, केन्द्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यों और केन्द्र – शासित प्रदेशों से एथलीटों के लिए नकद पुरस्कारों का एक ऐसा साझा पूल बनाने के बारे में अपनी राय भेजने के लिए कहा जहां केन्द्र और राज्य सरकारें दोनों मिलकर धन जमा कर सकें ताकि सभी राज्यों के खिलाड़ियों को पदक जीतने पर समान रूप से लाभ मिल सके। खेल, राज्य का एक विषय है और इस बातचीत का समग्र उद्देश्य राज्यों से शारीरिक रूप से सक्षम और पैरा-एथलीटों के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के साथ-साथ जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह करना था। स्कूल स्तर के खेलों को बढ़ावा देना और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) को सहयोग देना इस चर्चा का एक अन्य प्रमुख बिंदु था।

श्री अनुराग ठाकुर ने इस बैठक के बाद कहा कि आज की बैठक बेहद उपयोगी रही और हम प्रगति का मूल्यांकन करने और साथ मिलकर बेहतर बुनियादी ढांचे और अधिक संख्या में प्रशिक्षकों, ट्रेनरों एवं फिजियोथेरेपिस्टों का प्रबंध करने के तरीकों के बारे में चर्चा करने के लिए साल में कम से कम दो बार मिलने पर सहमत हुए हैं। श्री ठाकुर ने कहा कि हम विभिन्न अंचलों (जोन) में क्षेत्रीय बैठकें करेंगे। इसके अलावा, हम एक ऐसा डैशबोर्ड बनाने पर भी विचार कर रहे हैं जहां हर राज्य, जिला और प्रखंड में उपलब्ध खेल के बुनियादी ढांचे से संबंधित डेटा उपलब्ध होगा। यह डैशबोर्ड कितने कोच उपलब्ध हैं, उन इनडोर स्टेडियमों में किस तरह के खेल खेले जाएंगे या आउटडोर खेलों आदि के बारे में सभी प्रासंगिक जानकारियां देगा और ये सभी विवरण एक बटन दबाने पर उपलब्ध होंगे।

श्री ठाकुर ने यह भी कहा कि विभिन्न खेलों के लिए प्रतिभा खोज कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिससे देश में कम उम्र में ही प्रतिभाओं की पहचान की जा सके और उन्हें भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए अच्छी तरह प्रशिक्षित कर सकें। श्री ठाकुर ने कहा कि हमने राज्यों से अनुरोध किया है कि खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा के अधिक से अधिक अवसर देने के लिए और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं और उन्हें राज्य स्तर, जिला स्तर तथा राष्ट्रीय स्तर पर अधिक स्पर्धाओं में भाग लेने का मौका मिले।

श्री ठाकुर ने प्रधानमंत्री का उल्लेख करते हुए कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री सहकारी संघवाद के बारे में कहते हैं, सभी राज्य राष्ट्रीय खेल संघों, शैक्षणिक संस्थानों, केंद्र सरकार के साथ-साथ अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि हमारे खिलाड़ियों को भविष्य की प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार करने तथा भविष्य में और पदक जीतने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करने में मदद मिले।

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इस समय देश में 23 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में 24 केआईएससीई हैं, जबकि देश के विभिन्न जिलों में 360 केआईसी खोले गए हैं। श्री ठाकुर ने राज्यों से अनुरोध किया कि वे भारत के भावी चैंपियनों को सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचा, चिकित्सा सुविधाओं सहित सभी महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान करने में अपनी पूरी क्षमता से योगदान दें।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस 2019 पर शुरू किया गया फिट इंडिया मूवमेंट फिट सहित इंडिया फ्रीडम रन, फिट इंडिया मोबाइल ऐप, फिट इंडिया क्विज आदि जैसे विभिन्न अभियानों के माध्यम से फिटनेस की आदत को विकसित करने के लिहाज से एक गेम चेंजर रहा है। श्री ठाकुर ने राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के खेल मंत्रियों से उपरोक्त अभियानों में भाग लेने और उन्हें बढ़ावा देने का अनुरोध किया। उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से देश में खेलों के अनुकूल प्रवेश को मजबूत करने के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए केआईएससीई, केआईसी के साथ-साथ अकादमियां खोलने के प्रस्ताव भेजने का भी आग्रह किया।

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