उत्तर प्रदेश

अमित शाह की क्लास में काशी, अवध, गोरखपुर व कानपुर के कार्यकर्ता

लखनऊ   भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने तीन दिन के लखनऊ दौरे के पहले दिन ही अपना काम शुरू कर दिया है। आज लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत के बाद वह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भाजपा की संगठन बैठक को संबोधित कर रहे हैं।

भाजपा अध्यक्ष आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमतीनगर में काशी के साथ गोरखपुर, अवध और कानपुर क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। 

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह आज से तीन दिन के दौरे पर लखनऊ में रहेंगे। माना जा रहा है कि अमित शाह इस तीन दिन में सरकार तथा संगठन के पेंच कसने के साथ ही मिशन 2019 की तैयारी की भी समीक्षा करेंगे। वह लखनऊ में करीब करीब 55 घंटे के प्रवास के दौरान 18 बैठक में प्रदेश सरकार तथा संगठन के पेंच कसेंगे। उनकी आरएसएस के पदाधिकारियों और उससे जुड़े संगठनों के साथ भी बैठक होगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी अगवानी के लिए एयरपोर्ट पर हैं।

भाजपा अध्यक्ष आज दिन में करीब 10:30 बजे लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचे। पार्टी की ओर से उनके भव्य स्वागत किया गया। वह एयरपोर्ट से सीधे इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंचें। शाह के इस दौरे में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर और राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह भी हैँ। तीन दिन में शाह संगठन से जुड़े लोगों को खास तरजीह देंगे।

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भाजपा अध्यक्ष अवध, काशी, गोरखपुर और कानपुर क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। शाह इस तीन दिवसीय दौरे में इन्हीं चार क्षेत्रों पर केंद्रित रहेंगे। शाह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान से भाजपा मुख्यालय के लिए निकलेंगे। वह भाजपा मुख्यालय में प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा भी मौजूद रहेंगे। शाह का रात्रि भोज और प्रवास भाजपा मुख्यालय में ही होगा।

माना जा रहा है कि अमित शाह का लखनऊ दौरा सरकार और संगठन के बीच उपजे तनाव को लेकर है। इस लखनऊ दौरे के दौरान अमित शाह सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के रास्ते तलाशेंगे। बातचीत के जरिए सहयोगी संगठनों के साथ भी तालमेल बेहतर करने की कोशिश करेंगे। जहां कहीं कोई कमी व ढिलाई देखेंगे तो उसे भी कसेंगे। उनके एजेंडा में कार्यकर्ताï, सांसद, विधायक  कुछ मंत्री को लेकर शिकवा-शिकायतों को निपटाने का काम तो है ही साथ ही वह जगह-जगह सरकारी मशीनरी के रवैये से कार्यकर्ताओं में उपज रहे असंतोष को दूर करने के उपाय तलाशने की कोशिश भी करेंगे।

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