उत्तर प्रदेश

आंगनबाड़ी केंद्रों पर होगी कुपोषित बच्चे की पहचान

आंगनबाड़ी केंद्रों में अब कुपोषित बच्चों की पहचान लंबाई और ऊंचाई के आधार पर की जाएगी। इसके लिए बाल पुष्टाहार विभाग द्वारा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्टेडियोमीटर और इंफेंटोमीटर उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। बच्चों के लिए मीरजापुर के 2668 आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपकरण भेजे गए। ड्राई राशन आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को तंदरुस्त बनाने के लिए वितरित किया जा रहा है।

गर्भावस्था और जन्म के बाद के पहले एक हजार दिन नवजात के शुरुआती जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अवस्था होती है। आरंभिक अवस्था में उचित पोषण नहीं मिलने से बच्चों के मस्तिष्क विकास में भारी नुकसान हो सकता है, जिसकी भरपाई नहीं हो पाती है। पूर्व बाल्यावस्था में बच्चे के मस्तिष्क का 90 फीसद विकास हो चुका होता है, इसके मददेनजर आंगनबाड़ी केंद्रों पर छोटे बच्चे और किशोरियों के स्वास्थ्य और पोषण का विशेष ध्यान रखा जाता है। ड्राई राशन का वितरित किया जा रहा है। बच्चों को समय-समय पर चिकित्सक से जांच भी कराई जाती है। केंद्रों पर आने वाले कुपोषित बच्चों को जिला अस्पताल में स्थित एमसीएच वार्ड में रेफर किया जाता है। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य जांच में सहायक उपकरण के नहीं होने से परेशानी आ रही थी। जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया कि छह माह तक बच्चों को सिर्फ मां का दूध और उसके बाद ऊपरी आहार के साथ टीकाकरण अवश्य कराएं। सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्ट्रेन्गिथिग और न्यूट्रीशियन इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत इंफेंटोमीटर व स्टेडियोमीटर उपलब्ध कराए गए हैं। मीरजापुर में बाल पुष्टाहार विभाग द्वारा 2668 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इसमें 2359 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 1833 आंगनबाड़ी सहायक तैनात हैं। शुन्य से पांच वर्ष के लगभग 281677 बच्चे पंजीकृत हैं।

आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर बच्चों की लंबाई व वजन अवश्य कराएं। तालिका के माध्यम से पता चलता है कि बच्चे की वृद्ध उम्र के अनुसार हो रही है अथवा नहीं। बच्चे की पोषण आवश्यकता जानकर उसके सर्वांगीण विकास में सहायक हो सकते हैं। बच्चों को सही मात्रा में पोषण तत्व देने पर विकास आयुनुसार होगा।

-वाणी वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी। क्या है इंफेंटोमीटर

इंफेन्टोमीटर में छोटी बच्चों की लंबाई और चौड़ाई मापने का यंत्र होता है। लड़कीनुमा पट्टे पर बच्चे को सुनाने के बाद उसकी चौड़ाई और लंबाई की जानकारी मिलती है। जिसके बाद उसे साप्ताहिक चार्ट में लिखा जाता है। इससे बच्चे की प्रत्येक सप्ताह ग्रोथ चार्ट में जानकारी लिखनी होगी। इसको मासिक मेडिकल जांच में दिखना होगा। क्या है स्टेडियोमीटर

बच्चों की लंबाई और वजन नापने में सहायक होता है। अभी तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर लंबाई नापने के लिए फीते का उपयोग किया जाता था, जो डब्ल्यूएचओ की ओर से मान्य नहीं था। अब दीवारों के सहारे लगने वाला स्टेडियोमीटर लगाया जाएगा। इससे आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब ग्रोथ चार्ट लम्बाई लिखी जाएगी। इससे अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का रिकार्ड रहेगा।

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बाल पुष्टाहार विभाग

कुल आंगनबाड़ी केंद्र : 2668

कुल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता : 2359

कुल आंगनबाड़ी सहायक : 1833

शुन्य से पांच वर्ष के बच्चे : 281677

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