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आईआईटी-बीएचयू अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग कौशल के साथ भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान-बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय (आईआईटी-बीएचयू) और अमेजन इंटरनेट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (एआईएसपीएल) ने आज एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए जिसका उद्देश्‍य अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्‍ल्‍यूएस) के शैक्षणिक कार्यक्रम तक पहुंच सुनिश्चित करके क्‍लाउड-रेडी रोजगार कौशल विकसित करना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तथा मशीन लर्निंग (एमएल) पर एक क्‍लाउड रिसर्च लैब की स्‍थापना में आवश्‍यक मदद करना है। क्‍लाउड रिसर्च लैब विद्यार्थियों को भारत के लिए ऐसी अनुसंधान पहल करने हेतु एडब्‍ल्‍यूएस क्‍लाउड प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के अवसर प्रदान करेगी जिसके तहत एआई तथा एमएल पर फोकस किया जाता है। केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर की उपस्थिति में आज नई दिल्‍ली में इस एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर श्री जावड़ेकर ने कहा कि यह एक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण अवसर है क्‍योंकि अमेजन क्‍लाउड कम्‍प्‍यूटिंग, डेटा-सेट और कई अन्‍य ऐसी नई प्रौद्योगिकियों में आवश्‍यक मुफ्त सेवाएं मुहैया कराने के लिए आईआईटी-बीएचयू से हाथ मिला रही है जो हमारे विद्यार्थियों और संकाय को बेहतर तथा ध्‍यान केन्द्रित अनुसंधान के लिए सशक्‍त बनाएंगी। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी नए अनुसंधान और अभिनव प्रयासों के लिए सदैव विशेष जोर देते रहे हैं। श्री जावड़ेकर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री का यह बिल्‍कुल सही मानना है कि जब तक हम अभिनव उत्‍पाद नहीं बनायेंगे, तब तक हम निरंतर समृद्ध‍ि हासिल नहीं कर पाएंगे और इसके लिए हमारे देश में हो रहे अनुसंधान एवं नवाचारों को अगले स्‍तर पर ले जाना होगा। श्री जावड़ेकर ने यह भी कहा कि आज किया गया गठबंधन एक और मील का पत्‍थर है तथा इस दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम है।

मंत्री महोदय ने कहा कि आईआईएससी स्थित हमारी नैनोटेक्‍नोलॉजी लैब एक और सराहनीय विशेषता है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि इससे लागत में कमी आएगी और समय बचेगा क्‍योंकि विद्यार्थियों द्वारा किए जाने वाले बेहतरीन अनुसंधान से किसान एवं अन्‍य लोग सहित समाज के सभी तबके लाभान्वित होंगे। उन्‍होंने कहा कि आईआईटी-बीएचयू, जो 100 साल से भी अधिक अवधि से अपना अस्तित्‍व बरकरार रखने वाले बीएचयू परिवार का एक हिस्‍सा है, अब अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल कर रहा है जिससे अन्‍य भारतीय विश्‍वविद्यालयों में हो रहे अनुसंधान भी समृद्ध होंगे।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि उच्‍च शिक्षा वित्त एजेंसी (एचईएफए) के शुभारंभ, अतिरिक्‍त संसाधनों से भारी-भरकम बजट आवंटन होने, प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप और इम्‍प्रिंट स्‍कीम तथा उच्‍चतर आविष्‍कार योजना जैसे कार्यक्रमों की बदौलत भारत में अनुसंधान एवं नवाचार को नया आयाम मिलेगा।

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