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किसान दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुएः मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किसान दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने इस अवसर पर किसान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह का भी भावपूर्ण स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के संबंध में भी प्रभावी पहल की जा रही है। इसी क्रम में सरकारी चीनी मिलों के बकाया भुगतान के लिये रू0 98 करोड की धनराशि अवमुक्त की गई है। प्रदेश सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। किसानों की आर्थिकी को मजबूती प्रदान करने के लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पहल की गई है। किसानों को मात्र दो फीसदी ब्याज पर उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना से अब तक 03 लाख  से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसानों की हालत सुधारने के लिए प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावाा दिया जा रहा है। राज्य में इस समय 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल पर जैविक खेती की जा रही है। किसानों को खाद पर डीबीटी सब्सीडि देने की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि सगंध पौधों  की खेती के जरिए कई किसानों की आमदनी दो गुनी हुई है। गांवों में बागवानी, सब्जी  उत्पादन  को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों के व्यापक हित में ‘बीज से बाजार तक’ की रणनीति तय की गई है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सहयोग से 3632 करोड़ रूपए की समेकित सहकारी विकास परियोजना शुरू की गई है। इससे प्रदेश के 50 हजार किसानों को फायदा होगा। जैविक खेती के विकास के लिए पहले चरण में 78 हजार हेक्टेयर भूमि में 3900 क्लस्टर चयनित किए गये हैं। इससे 1 लाख 95 हजार किसान लाभान्वित होंगे। कृषि यंत्रीकरण के लिए फार्म मशीनरी बैंको की संख्या 70 से बढाकर 370 की गई है। फार्म मशीनरी बैंक में कम से कम 8 कृषकों के समूह को रू0 10.00 लाख मूल्य तक के कृषि यन्त्र 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गई है। दुग्ध संघों को 04 रूपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करायी जा रही है इससे लगभग 50 हजार दुग्ध विक्रेता लाभान्वित होंगे।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारा प्रदेश भी मुख्य रूप से गांवों की भूमि है तथा गांवों में रहने वाली अधिकांश आबादी किसानों की है। तथा कृषि उनकी आय का मुख्य साधन है। प्रदेश में कृषि की तस्वीर बदलकर किसानों की खुशहाली का हमारा संकल्प है।

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