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जन स्वास्थ्य प्रोत्साहन के लिए दिनचर्या और ऋतुचर्या पर दो दिवसीय ‘आयुषाचार्य’ सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने 10 और 11 दिसंबर, 2018 को नई दिल्ली में जनस्वास्थ्य प्रोत्साहन के लिए दिनचर्या और ऋतुचर्या पर ‘आयुषाचार्य’ सम्मेलन आयोजित किया। पूरे देश से लगभग 200 शिक्षाविदों, चिकित्सकों, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने इस सम्मेलन में भाग लिया। आयुष राज्य मंत्री श्री श्रीपद यसो नाइक ने समापन भाषण दिया तथा दिनचर्या पुस्तिका एवं आयुषाचार्य कैलेंडर-2019 जारी किया।

श्री नाइक ने कहा कि उनका मंत्रालय संपूर्ण विश्व में विभिन्न गतिविधियों के जरिए जनस्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आयुर्वेद का प्रचार प्रसार कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऋतुचर्या में मौसम विशेष के अनुसार दिनचर्या, रात्रिचर्या और आहार-विहार का विस्तृत विवरण है। यह कलेंडर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने तैयार किया है। कैलेंडर और पुस्तिका को आसानी से समझने के लिए विभिन्न तस्वीरों का समावेश किया गया है।

इस सम्मेलन में प्रख्यात अर्थशास्त्री, दर्शनशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता श्री बजरंग लाल गुप्ता मुख्य अतिथि थे। विदेश सचिव (सीपीबी एंड ओआईए) श्री ज्ञानेश्वर मुलय तथा आरएवी की प्रशासनिक इकाई के अध्यक्ष वैद्य देवेन्द्र त्रिगुना इस समारोह के विशिष्ट अतिथि थे। सम्मेलन में श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के कुलपति प्रो.बलदेव कुमार धीमान, पीएचडी अध्ययन केन्द्र के डीन प्रो. महेश व्यास, पी.जी.अध्ययन की डीन डॉ. सुजाता कदम, आयुषाचार्य की संगठन सचिव डॉ. मंगला गौरी राव व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

सम्मेलन के पहले दिन एआईआईए की निदेशक प्रो. तनुजा नेशारी ने उद्घाटन भाषण में आयुषाचार्य शब्द का प्रयोग किया तथा दिनचर्या, रात्रिचर्या और ऋतुचर्या के वैज्ञानिक आयामों की चर्चा की।

पद्म भूषण, पद्म श्री वैद्य देवेन्द्र त्रिगुना ने युगानुरूप की चर्चा की जो वर्तमान समय के अऩुकूल दिनचर्या से संबंधित है।

डॉ. बजरंगलाल गुप्ता ने आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों का वर्णन किया। डॉ. ज्ञानेश्वर मुलय ने स्वस्थ समाज के लिए आयुर्वेद को ब्रह्मास्त्र की संज्ञा दी। डॉ. बलदेवकुमार धीमान ने आयुर्वेद को राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली बनाने के बारे में चर्चा की।

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