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दिव्यांगजन मानव संसाधन का अभिन्न अंग हैं: डॉ. वीरेंद्र कुमार

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आज सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एडीआईपीएस स्कीम के तहत ’दिव्यांगजन’ और ’राष्ट्रीय वयोश्री योजना’ के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को सहायता और सहायक उपकरणों के वितरण के लिए भदोही जिले में ’सामाजिक अधिकारिता शिविर’ का शुभारंभ किया। शिविर का आयोजन दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को), सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक मिनीरत्न-2 सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम और उत्तर प्रदेश के भदोही जिला प्रशासन के सहयोग से विभूति नारायण, गवर्नमेंट इंटर कॉलेज, ज्ञानपुर, भदोही जिला, उत्तर प्रदेश में किया गया था।

एलिम्को द्वारा 8 नवंबर से 13 नवंबर 2021 तक विभिन्न स्थानों पर आयोजित मूल्यांकन शिविरों के दौरान भारत सरकार की एडीआईपी योजना और राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) के तहत कुल 2818 दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिक लाभार्थियों की पहचान की गई है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. वीरेंद्र कुमार ने समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगजन मानव संसाधन का अभिन्न अंग हैं और माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मंत्रालय लगातार दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए काम कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 को 27.12.2016 को लागू किया गया है, जिसके तहत दिव्यांगों की 7 श्रेणियां बढ़कर 21 श्रेणियां हो गई हैं, सरकारी रोजगार में आरक्षण 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी और सरकारी सहायता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण 3 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2014 में शुरू किए गए कॉक्लियर इम्प्लांटेशन के तहत पूरे देश में 3838 श्रवण बाधित बच्चों को कवर किया गया है, जिनमें से 955 सफल कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी उत्तर प्रदेश राज्य में की गई हैं। अब तक 1,91,859 दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण के लिए 202.09 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है। उत्तर प्रदेश में 4 करोड़ 53 लाख 08 हजार रुपये की लागत से 5073 दिव्यांगजनों को प्रशिक्षित किया गया है। अब तक 65 लाख 23 हजार से अधिक यूडीआईडी कार्ड जारी किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक 6 लाख 62 हजार से अधिक यूडीआईडी कार्ड बन चुके हैं।

भदोही से सांसद श्री रमेश चंद बिंद ने भी वर्चुअल माध्यम से समारोह को संबोधित किया और अपने निर्वाचन क्षेत्र में वितरण शिविर आयोजित करने के लिए केंद्रीय मंत्री और भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया, जो निश्चित रूप से क्षेत्र के दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तीकरण में मदद करेगा।

इन शिविरों में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विभाग द्वारा तैयार एसओपी का पालन करते हुए कुल 7759 विभिन्न प्रकार की सहायता और सहायक उपकरण जिनकी कीमत 2.62 करोड़ रुपये है, 2308 दिव्यांगजनों और 510 वरिष्ठ नागरिक लाभार्थियों को नि:शुल्‍क वितरित किए जाएंगे।

विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरण जिन्हें ब्लॉक स्तर पर मूल्यांकन शिविरों के दौरान पंजीकृत दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिक लाभार्थियों के बीच वितरित किया जाना है, उनमें तिपहिया, व्हीलचेयर, बैसाखी, चलने के लिए  छड़ी, रोलेटर्स, स्मार्ट फोन, स्मार्ट केन, ब्रेल किट, ब्रेल केन सीपी चेयर, एमएसआईईडी किट, एडीएल किट (कुष्ठ रोगियों के लिए) 6 सेल फोन के साथ, हियरिंग ऐड, कृत्रिम अंग, टेट्रापॉड, वॉकर, चश्मा और डेन्चर आदि शामिल हैं।

दिव्यांगजन सहायता योजना (एडीआईपी) के तहत सहायक उपकरणों की खरीद/फिटिंग के लिए शिविर आयोजित किए जाते हैं। एडीआईपी दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण प्रदान करने के लिए और सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है और राष्ट्रीय वयोश्री योजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जिसमें उन्हें दैनिक जीवन में काम आने वाले सहायक उपकरण प्रदान किए जाते हैं तथा इसका आयोजन भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) द्वारा किया जाता है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, एलिम्को को राज्यों/जिला अधिकारियों के सहयोग से एडीआईपी योजना की कार्यान्वयन की एजेंसी के रूप में चिन्हित गया है।

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर, सामाजिक दूरी और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सहायता और सहायक उपकरणों के मूल्यांकन और वितरण को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमोदित एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) है।

 श्री भानु प्रताप सिंह, सीडीओ, भदोही ने स्वागत भाषण दिया और श्री डी आर सरीन, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एलिम्को ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। समारोह के दौरान जिला प्रशासन, भदोही और एलिम्को के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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