उत्तराखंड समाचार

नरेंद्र सिंह नेगी के जन्मदिन पर बिखरी लोक संस्कृति की छटा

देहरादून : हार्ट अटैक से उबरने के बाद लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए। यह मौका भी खास था, क्योंकि कार्यक्रम भी उन्हीं के जन्म दिवस के अवसर पर गढ़ कला सांस्कृतिक संस्था की ओर से आयोजित किया गया था। हर कोई नरेंद्र सिंह नेगी की एक झलक पाने को बेताब नजर आया।

समारोह की छटा तब और भी सतरंगी हो गई, जब कलाकारों ने नरेंद्र सिंह नेगी के सामने ही उनके गीतों की प्रस्तुति दी। इसके अलावा भी कलाकारों ने लोक गीतों और नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुति दी। साथ ही गढ़ व्यंजनों की खुशबू से पूरा माहौल महकता रहा और लोगों ने इनका स्वाद भी खूब चखा।

 

शनिवार को लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के 68वें जन्म दिवस की संध्या पर आइएसबीटी रोड स्थित बलूनी सोशल पब्लिक स्कूल में आयोजित ‘लोक विरासत-2017’ कार्यक्रम का शुभारंभ लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी व उनकी पत्नी उषा नेगी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद वक्ताओं ने नेगी के लोकगायकी के सफर पर प्रकाश डाला। फिर, लोकगायक विवेक नौटियाल ने ‘जय शंकर, जय-जय शिव शंकर नमो-नमो..’, ‘फुली जाली जाइ भठिणे..’, अनिल बिष्ट ने ‘परसी बटि लगातार, बारी-बारी को बुखार..’ समेत अन्य नेगी के

प्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया।

कार्यक्रम के अंत में लोगों को अरसा, फाणु, थिचौंड़ी, तोर, मंडुए की रोटी, झंगोरे की खीर के रूप में गढ़ व्यंजन परोसे गए और पहाड़ी उत्पादों को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम में पहुंचे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी नरेंद्र सिंह नेगी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम में लोक गायक प्रीतम भरतवाण, संगीता ढौंडियाल, संस्था के अध्यक्ष त्रिभुवन उनियाल, गणेश खुगशाल, कविलास नेगी, अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, महासचिव रमेंद्र कोटनाला, सोशल बलूनी स्कूल के निदेशक विपिन बलूनी, अजय जोशी आदि मौजूद रहे।

मौसम ने नहीं दिया साथ

कार्यक्रम में कलाकारों की प्रस्तुति के दौरान तेज हवा चलने से स्टेज के पीछे टाइल्स की बनाई दीवार गिर गई। इसमें एक महिला कलाकार घायल हो गई। वहीं,  कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। लेकिन बारिश ने कार्यक्रम का आनंद थोड़ा फीका कर दिया। जिसके चलते कार्यक्रम करीब 50 मिनट पहले समाप्त कर किया गया।

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