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बालिका प्रोत्साहन को झटका, नंदा देवी कन्या धन और गौरा देवी योजनाओं का एकीकरण

देहरादून : राज्य में बालिकाओं के जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक प्रोत्साहित करने को लागू नंदा देवी कन्या धन और गौरा देवी योजना को मिलाकर एक ही योजना का रूप दिया गया है। मंत्रिमंडल ने इस योजना पर मुहर लगाई।

विलय के बाद नई योजना में बच्ची के जन्म से लेकर विवाह तक सात किस्तों में 51 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। हालांकि उक्त दोनों योजनाओं से बीपीएल परिवार की कन्याओं को 65 हजार रुपये की मदद मिलती थी। मंत्रिमंडल ने बालिकाओं के लिए सामाजिक क्षेत्र की इन महत्वपूर्ण योजनाओं की धनराशि में कटौती करने पर मुहर लगा दी।

मंत्रिमंडल के गुरुवार को लिए गए फैसलों के निशाने पर कांग्रेस रही है। राज्य की भाजपा सरकार ने नंदा देवी और गौरा देवी योजनाओं की धनराशि पर कैंची चला दी। साथ में आपातकाल की याद भी ताजा करते हुए राजनीतिक बंदियों को पेंशन देने को हरी झंडी दे दी। नंदा देवी कन्या धन के रूप में बालिका के जन्म पर 15 हजार रुपये देने का प्रावधान था। इसमें पांच हजार रुपये की राशि बालिका के जन्म और शेष दस हजार रुपये की राशि एक साल बाद दी जाती थी।

इसी तरह गौरादेवी योजना में बालिकाओं को इंटर के बाद उच्च शिक्षा के लिए 50 हजार रुपये की राशि देने का प्रावधान था। मंत्रिमंडल की गुरुवार को सचिवालय में हुई बैठक में उक्त दोनों योजनाओं के एकीकरण पर मुहर लगाई गई। एकीकृत नई योजना में अब बीपीएल परिवार की बालिका को इंटर के बाद एकमुश्त 50 हजार रुपये की राशि देने का प्रावधान खत्म कर दिया है। अब कुल 51 हजार रुपये की धनराशि को विभिन्न मौकों पर सात किस्तों में दिया जाएगा।

नई योजना में बालिका के जन्म के मौके पर पांच हजार रुपये की पहली किस्त, आठवीं पास करने के बाद पांच हजार रुपये की दूसरी किस्त, हाईस्कूल पास करने पर पांच हजार रुपये तीसरी किस्त, इंटर पास करने पर पांच हजार रुपये की चौथी किस्त और डिप्लोमा या स्नातक करने पर पांच हजार रुपये की पांचवीं किस्त दी जाएगी। इसके बाद स्नातकोत्तर की पढ़ाई पर छठी किस्त के रूप में दस हजार रुपये और विवाह के मौके पर सातवीं किस्त के रूप में 16 हजार रुपये दिए जाएंगे। किस्तों में उक्त धनराशि का ई-पेमेंट होगा।

उक्त योजना के पात्र परिवारों के लिए सालाना आमदनी की धनराशि भी बढ़ाई गई है। अब ग्रामीण क्षेत्र में परिवार की सालाना आमदनी 36 हजार रुपये और शहरी क्षेत्र में 42 हजार रुपये होनी चाहिए। पात्रों को लाभ देने के लिए जिले में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। इसके उपाध्यक्ष जिला पंचायती राज अधिकारी हैं। इसमें लीड बैंक अधिकारी और बाल विकास अधिकारी सदस्य होंगे।

मंत्रिमंडल ने रिवर राफ्टिंग व्यवसाय में लगे कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। इन कारोबारियों की ओर से लंबे अरसे से कर से राहत देने की मांग की जा रही थी। मंत्रिमंडल ने रिवर राफ्टिंग को कर मुक्त करने का फैसला लिया है।

वर्ष 1975 में देश में आपातकाल के दौरान राजनीतिक बंदियों को अब पेंशन मिलेगी। पेंशन की राशि अभी तय की जाएगी। राज्य में ऐसे 22 लोग हैं। इसीतरह स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और उनकी विधवाओं को भी राहत देने का निर्णय लिया गया है। उन्हें पेंशन राशि अब 11 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये मासिक दी जाएगी। इसीतरह गन्ना किसानों को भी बकाया धनराशि का भुगतान होगा। इसके लिए 44.53 करोड़ की राशि देने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने चालू वित्तीय वर्ष के सालाना बजट को मंजूरी दी। इससे संबंधित विनियोग विधेयक को आठ जून से होने वाले बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

  • संपादक कविन्द्र पयाल

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