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मंत्रिमंडल की ‘कृषि शिक्षा प्रभाग और आईसीएआर संस्‍थानों की तीन वर्षीय कार्य योजना’ को मंजूरी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में उच्‍च कृषि शिक्षा के सुदृढ़ीकरण तथा विकास हेतु कृषि शिक्षा प्रभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्‍थानों के लिए 2225.46 करोड़ रुपये {एआईसीआरपी-एचएस के लिए वेतन घटक के तौर पर 2197.51 करोड़ रुपये + 27.95 करोड़ रुपये (राज्‍य का हिस्‍सा)} की लागत की तीन वर्षीय कार्य योजना (2017-2020) जारी रखने की मंजूरी दी है। इसमें शामिल हैं:

1.      देश में उच्‍च कृषि शिक्षा के सुदृढ़ीकरण और विकास के लिए 2050.00 करोड़ रुपये

2.      आईसीएआर-राष्‍ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (एनएएआरएम) – 24.25 करोड़ रुपये

3.    आईसीएआर – गृह विज्ञान पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी-एचएस) सहित केंद्रीय कृषिरत महिला संस्‍थान (सीआईडबल्‍यूए) – 151.21 करोड़ रुपये

इस योजना का उद्देश्‍य उच्‍च कृषि शिक्षा संस्‍थानों से गुणवत्‍ता परक मानव संसाधन तैयार करना है। इसके लिए कई नयी पहल की गई हैं, जिनमें किताबी ज्ञान को कम करना और फेकल्‍टी की कमी को दूर करने सहित इस क्षेत्र में प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित करने के उपाय शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत मान्‍यता के साथ ही कृषि विश्‍वविद्यालयों की गुणवत्‍तापरक रैंकिंग सुनिश्चित करने के लिए इन्‍हें वित्‍तीय सहायता से जोड़ा गया है। इस योजना के तहत पर्यावरण अनुकूल पहल फेक‍ल्टी की कमी को घटाने, अंतर्राष्‍ट्रीय रैंकिंग, पूर्व छात्रों की भागीदारी, नवाचार को बढ़ावा देना, प्रेरित अध्‍यापक नेटवर्क, केवल किताबी ज्ञान कम करना, तकनीकी सक्षम शिक्षा, डॉक्‍टरल डिग्री के बाद की फेलोशिप, कृषि शिक्षा पोर्टल, वैज्ञानिक सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व जैसी जिम्‍मेदारियां भी उठाई जाएंगी। आधुनिक बेहतरीन कार्यक्रम के जरिये छात्रों और फेकल्टी की जरूरतों से संबंधित बुनियादी ढांचे तथा फेकल्टी और छात्रों की क्षमता बढ़ाने के लिए सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण में सहायता करना, जिससे शिक्षण में सुधार होगा और छात्रों के सम्‍पूर्ण विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इससे प्रतिस्‍पर्धी और आत्‍मविश्‍वास से भरे मानव संसाधन तैयार होगा। इसके अतिरिक्‍त आईसीएआर – सीआईडब्‍ल्‍यूए द्वारा कृषि तथा इससे संबंधित क्षेत्रों से जुड़े  लैंगिक मसलों, कृषि के क्षेत्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, नीतियां/कार्यक्रम और कृषि क्षेत्र में लैंगिक जागरूकता जैसे मुद्दों पर अनुसंधान किया जाएगा। सम्‍पूर्ण राष्‍ट्रीय कृषि अनुसंधान और शिक्षा प्रणाली (एनएआरईएस) के मानव संसाधनों और हितधारकों की क्षमता बढ़ाने की आवश्‍यकता को पूरा किया जाएगा, जिससे आईसीएआर-एनएएआरएम द्वारा एनएआरईएस में किसानों, युवा वैज्ञानिकों, छात्रों और कृषि  आधारित उद्योग सहित हितधारको का सामर्थ्‍य और क्षमताएं बढ़ेगी।

पृष्‍ठभूमि:

·         भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) देशभर में स्‍थापित 75 कृषि विश्‍वविद्यालयों (एयू) के साथ साझेदारी के ज‍रिये योजना तैयार करने, विकास, समन्‍वय और गुणवत्‍तापरक उच्‍च कृषि शिक्षा सुनिश्चित करने का कार्य करती है। आत्‍मनिर्भरता हासिल करने के लिए कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने में कृषि विश्‍वविद्यालयों द्वारा तैयार किए गए मानव संसाधन की महत्‍वपूर्ण भूमिका है।

·         कृषि शिक्षा में आकर्षण और सामर्थ्‍य बढ़ाने तथा प्रतिभावान युवाओं को इस क्षेत्र में बनाये रखने तथा शिक्षण और शिक्षा से संबंधित छात्रों और फेकल्टी की जरूरतों से संबंधित सम्‍पूर्ण बुनियादी ढा़ंचे में सुधार करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया गया है।

·         कृषि अनुसंधान, शिक्षा और प्रौद्योगिकी प्रबंधन के क्षेत्र में राष्‍ट्रीय कृषि अनुसंधान और शिक्षा प्रणाली (एनएआरर्इ्रएस) के व्‍यक्तियों और संस्‍थानों की क्षमता बढ़ाने में राष्‍ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (एनएएआरएम) की महत्‍वपूर्ण भूमिका है।

·         महिला कृषकों को सशक्‍त करने में केंद्रीय कृषिरत महिला संस्‍थान की प्रमुख भूमिका है, क्‍योंकि बदलते कृषि परिदृश्‍य में महिलाओं की भूमिका और जिम्‍मेदारियां अति आवश्‍यक है।

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