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मंत्रिमंडल ने शिक्षा ऋण योजना के लिए ऋण गांरटी कोष को जारी रखने तथा केंद्रीय क्षेत्र ब्‍याज सब्सिडी योजना जारी रखने तथा इसमें संशोधन करने की मंजूरी दी

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने शिक्षा ऋण योजना के लिए ऋण गांरटी कोष (सीजीएफईएल) को जारी रखने और केंद्रीय क्षेत्र ब्‍याज सब्सिडी (सीएसआईएस) योजना को जारी रखने और उसमें संशोधन करने की स्‍वीकृति दे दी है। दोनों योजनाएं 6,660 करोड़ रूपये के आवंटन के साथ 2017-18 से 2019-20 तक जारी रहेंगी। इस अवधि में 10 लाख विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण उपलब्‍ध होंगे।

वर्तमान प्रस्‍ताव में संशोधन :

  1. अधिक विद्यार्थियों को लाभ तक पहुंचने की अनुमति देने के लिए (और यह विचार करते हुए भी कि ऋण का औसत आकार केवल 4 लाख रूपये रहा है) ऋण राशि की सीमा 7.5 लाख रूपये पर फिर से तय की गई है।
  2. पाठ्यक्रम अवधि + एक वर्ष स्‍थगन अवधि होगी।
  3. गुणवत्‍ता शिक्षा को प्रोत्‍साहित करने के लिए यह योजनाएं उन ऋणों को कवर करेगी जो एनएएसी से मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍थान और एनबीए या राष्‍ट्रीय महत्‍व के संस्‍थानों या केंद्र वित्‍त पोषित तकनीकी संस्‍थानों (सीएफटीआई) द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त पेशेवर/तकनीकी कार्यक्रमों को आगे जारी रखने के लिए है। लेकिन यह स्थिति संभावित प्रभाव से लागू होगी और वर्तमान ऋणों में लागू नहीं होगी।
  4. योजना की बेहतर निगरानी के लिए एक डैश बोर्ड स्‍थापित किया जाएगा।

कवरेज :

2009 में योजना लागू होने के बाद से प्रति वर्ष औसत शिक्षा ऋण केवल 2.78 लाख रहा। संशोधित योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष ऋणों की संख्‍या अनुमान के अनुसार कम से कम 3.3 लाख होगी। इस तरह यह पहले की योजना की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि है।

योजना का उपरोक्‍त नया ढांचा सभी को गुणवत्‍ता संपन्‍न शिक्षा देने की सरकार की नीति के अनुरूप है।

पृष्‍ठभूमि :

केंद्रीय क्षेत्र ब्‍याज सब्सिडी (सीएसआईएस) योजना : 

केंद्रीय क्षेत्र ब्‍याज सब्सिडी योजना (सीएसआईएस) पहली अप्रैल 2009 को लांच की गई। योजना के अंतर्गत स्‍थगन अवधि के लिए भारत में आगे के पेशेवर/तकनीकी पाठ्यक्रमों को जारी रखने के लिए भारतीय बैंक एसोसिएशन की आर्दश  शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत अनु‍सूचित बैंकों से लिए गए शिक्षा ऋण पर पूरी ब्‍याज सब्सिडी उपलब्‍ध कराई जाती है। ऋणों का वितरण बिना किसी जमानती सुरक्षा और तीसरे पक्ष की गारंटी के किया जाता है। जिन विद्यार्थियों के अभिभावकों की आय 4.5 लाख रूपये तक है वे विद्यार्थी योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह सब्सिडी स्‍नातक और स्‍नातकोत्‍तर या एकीकृत पाठ्यक्रमों के लिए स्‍वीकार्य है। योजना के प्रारंभ होने के समय से ब्‍याज सब्सिडी रूप में 9,408.52 करोड़ रूपये की राशि वितरित की गई है और अभी तक 25.10 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं।

शिक्षा ऋणों के लिए ऋण गांरटी कोष (सीजीएफईएल) योजना :

इस योजना के अंतर्गत भारतीय बैंक एसोसिएशन की आर्दश  शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत शिक्षा ऋण के लिए गांरटी दी जाती है। इसका वितरण बैंकों द्वारा जमानती सुरक्षा और तीसरे पक्ष की गारंटी के बिना किया जाता है और यह 7.5 लाख रूपये की अधिकतम ऋण राशि के लिए होती है।

आईआईएम बैंगलूरू द्वारा योजना का तीसरे पक्ष का मूल्‍यांकन किया गया है। इसमें सुझाव है कि योजना को विवेकसंगत बनाया जाए ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के और अधिक विद्यार्थी लाभ उठा सकें।

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