उत्तर प्रदेश

मेयर के पांच प्रत्याशी घोषित करने में भाजपा को छूटा पसीना, अभी 11 बाकी

लखनऊ  प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी को मेयर के प्रत्याशी का नाम घोषित करने में पसीना छूट रहा है। प्रदेश में 22 नवंबर से निकाय चुनाव के लिए मतदान होना है। निकाय चुनाव सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली परीक्षा होगी। भाजपा इसके लिए बेहद गंभीर है और काफी ठोंक बजाकर प्रत्याशी का नाम घोषित कर रही है। भाजपा ने मेयर पद के पांच प्रत्याशियों का नाम कल जारी किया। अभी भी 11 नगर निगम के मेयर के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा का इंतजार है।

भारतीय जनता पार्टी ने कल मेयर के जिन पांच प्रत्याशियों का नाम घोषित किया है, उससे तो तय हो गया है कि भाजपा पुराने कार्यकर्ताओं पर ही भरोसा जता रही है। कल घोषित सूची में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर्मक्षेत्र गोरखपुर से सीताराम जायसवाल को मेयर पद का प्रत्याशी बनाया गया है। पार्टी ने पहली बार नगर निगम बने अयोध्या से ऋषिकेश उपाध्याय को मैदान में उतारा है। पार्टी ने कानपुर से प्रमिला पाण्डेय पर भरोसा जताया है। मेरठ से कांता कर्दम और आगरा से नवीन जैन को मेयर पद के लिए प्रत्याशी बनाया है।

अयोध्या से ऋषिकेश उपाध्याय भाजपा के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ेंगे। अयोध्या में उनको पिंटू बाबू के नाम से जाना जाता है। ऋषिकेश उपाध्याय अयोधया से विधानसभा का चुनाव लडऩा चाहते थे। ऋषिकेश के अयोध्या और फैजाबाद में कई कॉलेज हैं। भाजपा की सरकार बनने के बाद पहली बार अयोध्या को नगर निगम बनाया गया है। माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ख़ुद 15 नवंबर को यहां चुनाव प्रचार कर सकते हैं।

योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर से सीताराम जायसवाल को मेयर का टिकट मिला है। वह कुछ महीनों पहले तक तो प्रदेश की सत्ता पर काबिज रही समाजवादी पार्टी में थे। 2006 में भी वे यहां से मेयर का चुनाव लड़े लेकिन अंजु चौधरी से हार गए थे। गोरखपुर नगर निगम इस बार पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित हो गया है। पिछली बार भी यहां से भाजपा को जीत मिली थी।

कानपुर में भाजपा से प्रमिला पाण्डेय मेयर का चुनाव लड़ेगी। वह काफी लंबे अरसे से पार्टी से जुड़ी हुई हैं। सिविल लाइंस क्षेत्र से प्रमिला पाण्डेय दो बार पार्षद भी रह चुकी हैं। कानपुर में उनको पिस्तौल वाली नेता के नाम से जाना ताजा है। कानपुर से मेयर का पिछला चुनाव भी भाजपा ने ही जीता था। आगरा से नवीन जैन को मेयर का टिकट दिया गया है। उनकी गिनती शहर के बड़े धनवानों में होती है। वह पीएनसी कंपनी के मालिक हैं। रियल एस्टेट से लेकर कई तरह के उनके कारोबार हैं। लखनऊ गोरखपुर हाइवे पर नवीन जैन के कई टोल प्लाजा हैं।

मेरठ से कामना कर्दम भाजपा के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ेंगी। वह पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं।

यूपी के निकाय चुनाव में योगी आदित्यनाथ की बेहद कड़ी परीक्षा होगी। अगर योगी मिशन में कामयाब होते हैं तो प्रदेश में बीजेपी की पकड़ और भी मजबूत हो जाएगी। इस बार काफी माथापच्ची के बाद भाजपा अब तक सिर्फ पांच शहरों के मेयर प्रत्याशी तय कर पाई है। इस बार तो 16 नगर निगमों में मेयर के चुनाव होने हैं। अभी भाजपा को पीएम नरेन्द्र मोदी के वाराणसी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के लखनऊ के मेयर प्रत्याशी का नाम तय करना है।

 

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख का सवाल बन चुके निकाय चुनाव में विरोधियों ने भी अपना जोर लगा दिया है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने शालिनी यादव को मेयर पद का प्रत्याशी बनाया हैं, जो वाराणसी के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति रह चुके श्यामलाल यादव की बहू हैं।

 

समाजवादी पार्टी पहले ही इलाहाबाद, कानपुर, गाजियाबाद और सहारनपुर के मेयर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। बहुजन समाज पार्टी पहली बार सिंबल पर मैदान में है।

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