उत्तर प्रदेश

मोदी के ‘मन की बात’ पर फिदा कानपुर का यह ‘चाय वाला’

कानपुर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को चाय वाला बताकर करीबी नाता जोड़ते आए हैं। ऐसे में चाय वाले भी उनके बड़े समर्थक हैं। ऐसे ही एक समर्थक कानपुर के इंद्रानगर में भी है, जो अपने चाय के स्टॉल के बाहर एक बैनर पर रोजाना ‘मन की बात लिखकर प्रधानमंत्री और महापुरुषों के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं। उनके दिन की शुरुआत ही ‘मन की बात लिखने के साथ होती है।

मोदी के इस जबरदस्त फैन का नाम अनिल कुमार पोरवाल है। मूल रूप से कालपी निवासी अनिल करीब 35 वर्ष पूर्व कानपुर के इंदिरानगर में आकर बस गए थे। यहां उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के सामने चाय की दुकान खोल रखी है। अनिल बताते हैं कि नरेंद्र मोदी के नाम से परिचित था, लेकिन दूसरे राज्य गुजरात का मुख्यमंत्री होने की वजह से उनके कार्यों से परिचित नहीं था लेकिन जब से वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने और उन्होंने खुद को गरीब चाय वालों से जोड़ा तो उसका जुड़ाव बढ़ता चला गया।

प्रधानमंत्री बनने के बाद नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक और जीएसटी जैसे बड़े कदम उठाकर उन्होंने साबित कर दिया है कि देश उनके लिए पहले है। अनिल प्रधानमंत्री के ‘मन की बात कार्यक्रम से बेहद प्रभावित हैं। 8 नवंबर को जब देश में नोटबंदी हुई तो वह प्रधानमंत्री के कायल हो गए। उन्होंने फैसला किया कि वह उनके ‘मन की बात को जन-जन तक पहुंचाएंगे इसलिए उसने चाय की दुकान के बाहर एक बैनर लगाया और रोजाना उस पर मन की बात लिखने लगे। इसमें वह महापुरुषों के बोधवाक्य व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को लिखता है, ताकि हर चाय चाय पीने वाला और उधर से गुजरने वाला इसे पढ़े और उससे लाभान्वित हो सके।

प्रधानमंत्री के लिए लिख चुके हैं कविताएं 
अनिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन ही बात को ही आगे नहीं पहुंचा रहे, बल्कि उन्होंने उन पर कई कविताएं भी लिखी हैं। दुकान पर आयोजित कार्यक्रमों में वह इन कविताओं को सुनाते भी हैं।

बड़े दिल वाला होता है चाय वाला 
अनिल कहते हैं कि चाय वालों की पहचान गरीब तबके से होती है, लेकिन मोदी ने साबित कर दिया कि चाय वालों का दिल बहुत बड़ा होता है। अनिल ने बताया कि उनकी दुकान के सामने भारतीय स्टेट बैंक है। 26 जनवरी को बैंक में धूमधाम से ध्वजारोहण होता है। उन्होंने देखा कि बैंक वाले लड्डू आपस में ही बांट लेते हैं जबकि गरीब तबके के रिक्शे वाले व अन्य केवल तमाशबीन बने रहते। यह देखकर दस वर्ष पूर्व उन्होंने फैसला लिया कि वह 26 जनवरी का खुद के खर्च पर गरीबों को लड्डू बांटेंगे।

अब वह हर वर्ष गणतंत्र दिवस पर 26 किलो लड्डू बांटते हैं। इस दिन महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह की प्रतिमा के अलावा अब वह मोदी जी का भी चित्र लगाकर उनकी पूजा करते हंै। 14 जनवरी को मकर संक्राति के दिन खिचड़ी भोज, गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक वितरण और मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सर्दी में वह कई बार निश्शुल्क चाय बांटने का काम भी करते हैं।

लोग बोले 
”अनिल की दुकान के बगल में मेरी बाल काटने की दुकान है। इनका मोदी प्रेम गजब का है। यह न केवल मोदी के विचारों का प्रचार कर रहे हैं, बल्कि अपने जीवन में भी उसका पालन करते हैं।

– निर्मल कुमार

”अपने खर्च से वर्ष में छह-सात कार्यक्रम करना, वह भी बिना किसी स्वार्थ के। सच में यह बड़ा दिल किसी चाय वाले का ही हो सकता है। इनका मोदी प्रेम पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय है।
– डॉ. आरके पांडेय

”अनिल पहले से ही परोपकार की राह पर थे, लेकिन जब से मोदी जी के विचारों के संपर्क में आए, उनमें बड़ा बदलाव आया है। ‘मन की बात लिखकर वह समाज में बदलाव की ही वकालत करते हैं।
– अवधेश कुमार तिवारी

”इनके पास जो भी चाय पीने आने आता है, उसके साथ यह मोदी जी के विचारों पर विमर्श जरूर करते हैं। इनका तंत्र भले ही छोटा हो, लेकिन देशहित में इनकी सोच बहुत बड़ी है।

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