उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने हर मोर्चे पर की है प्रभावी कार्यवाही

लखनऊः कोरोना के नए स्वरूप डेल्टा प्लस के संभावित खतरे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में सरकार ने हर स्तर पर प्रभावी कार्यवाही की है। इसके लिए सरकार हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करते हुए युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन के कार्य को पूरा कर रही है। साथ ही साथ विभिन्न प्रचार-माध्यमों के द्वारा नागरिकों को नियमित सतर्कता और शारीरिक दूरी बनाए रखने, सही ढंग से मास्क पहनने तथा नियमित स्वच्छता बनाए रखने के लिए जागरूक भी कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री जी की मुफ्त वैक्सीन योजना की सराहना करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री जी के संवेदनशील नेतृत्व के फलस्वरूप देशभर के नागरिकों का निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। टीकाकरण अभियान के तहत 21 जुलाई तक 4.20 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाते हुए उ0प्र0 देश में प्रथम स्थान पर है। इसी प्रकार टेस्टिंग की गति को बढ़ाते हुए प्रतिदिन ढाई से तीन लाख टेस्टिंग की जा रही हैं। 21 जुलाई तक 6.30 करोड़ से ज्यादा टेस्टिंग पूरी कराई जा चुकी हैं। इस प्रकार टेस्टिंग के मामले में भी राज्य देशभर में प्रथम स्थान पर बना हुआ है। इसके लिए प्रदेश में 300 से अधिक जांच लैबोरेट्री क्रियाशील हैं।
आम जनता को चिकित्सकों से परामर्श उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ई-संजीवनी ऐप संचालित किया जा रहा है। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा भी अलग से फोन लाइन जारी की गई है। बुजुर्गों के लिए एल्डरलाइन टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 14567 तथा मनोवैज्ञानिक सहायता के लिए 1800-419-9020 जारी किया गया है। राज्य सरकार की सक्रियता के चलते वर्तमान में पॉजिटिविटी दर घटकर 0.02 प्रतिशत रह गई है।
चिकित्सा क्षेत्र में संभावित खतरों से निपटने के लिए प्रदेश भर के अस्पतालों में 536 ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना हेतु प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृति दी गई है। इसमें से 149 इकाइयों में उत्पादन भी आरम्भ हो चुका है। समुचित मॉनिटरिंग के चलते कोरोना के उच्च संक्रमण काल में 10 दिनों के भीतर ऑक्सीजन आपूर्ति ढाई सौ मीट्रिक टन प्रतिदिन से बढ़कर एक हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन कर दी गई।
इसी प्रकार संभावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार द्वारा ’बीआरडी मॉडल’ लागू किया जा रहा है। इससे पूर्व जापानी इंसेफेलाइटिस के इलाज में इस मॉडल की भूमिका असरदार रही है। चिह्नित संक्रमित बच्चों को उपचार उपलब्ध कराने के लिए पीएचसी सीएचसी तथा जिला अस्पतालों में समुचित प्रबंध कराए जा रहे हैं। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में 100 बेड के पीआईसीयू तथा 50 बेड के अतिरिक्त आईसीयू तैयार कराए जा रहे हैं। सीएचसी तथा पीएचसी को लेवल-2 के अस्पतालों में बदलकर उनमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तथा अन्य जरूरी मशीनें भी लगाई जा रही हैं।
इस प्रकार योगी सरकार डेल्टा प्लस वेरिएंट के सम्भावित खतरों से निपटने के लिए समयबद्ध रणनीति बनाकर प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को कोरोना से बचाव व सुरक्षा मुहैया करा रही है।

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