उत्तर प्रदेश

हड़ताल पर हैं मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टर, मरीजों का आपरेशन हो रहा प्रभावित

 नीट पीजी की काउंसिलिंग की मांग पर अड़े जूनियर डाक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरीत असर पड़ रहा है। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में धरना प्रदर्शन कर रहे जूनियर डाक्टरों ने ओपीडी के अलावा इलेक्टिव आपरेशन थिएटर से भी कार्य का बहिष्कार किया। ओपीडी में सीनियर डाक्टर अपनी क्षमता के अनुसार ही रोगियों को देख पा रहे हैं। जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के चलते चिकित्सा विभाग के बड़े अफसर भी लाचार हैं क्योंकि काउंसिलिंग का निर्णय शासन से होना है और मामला शीर्ष कोर्ट में विचाराधीन है।

नीट पीजी की काउंसिलिंग पर अड़े डाक्टरों ने एसआरएन में किया धरना प्रदर्शन

एसआरएन के जूनियर रेजीडेंट ने अपने राष्ट्रीय संगठन के एजेंडे के अनुसार हड़ताल का यह रुख दूसरी बार अपनाया है। इससे पहले नौ दिसंबर तक डाक्टरों का कार्य बहिष्कार हुआ था, उस दौरान भी स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा गई थीं। शासन स्तर से जूनियर डाक्टरों के राष्ट्रीय संगठन को एक सप्ताह में समस्या का समाधान करने की बात कही गई थी। यह समयावधि बीत गई लेकिन स्थिति जस की तस है। इसी के चलते डाक्टरों ने बीते शनिवार से फिर कार्य बहिष्कार कर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

रोज प्रभावित हो रहे करीब 100 आपरेशन

एसआरएन की पांच इलेक्टिव ओटी में प्रतिदिन करीब 100 लोगों के आपरेशन होते हैं। इसमें रोगियों के आपरेशन के लिए दिन और समय पूर्व निर्धारित होता है। जूनियर डाक्टरों की हड़ताल से इलेक्टिव ओटी में भी कार्य प्रभावित हो रहे हैं।जूनियर रेजीडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. अनवर अहमद ने बताया कि जब तक काउंसिलिंग की तारीख निर्धारित नहीं होती, तब तक हड़ताल करते रहेंगे। हालांकि इमरजेंसी सेवाओं, मेडिसिन और सर्जरी इमरजेंसी में चिकित्सा व्यवस्था पर कोई असर नहीं होने देंगे।

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