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हिंडन एयरबेस पर ग्लोबमास्टर यूक्रेन जाने के लिए स्टैंडबाय:एकबार में 500-700 छात्रों को एयरलिफ्ट कर गाजियाबाद लाएगा, यूक्रेन-पोलैंड दूतावास से हताश लौट रहे परिजन

यूक्रेन की सीमाओं पर पहुंच चुके भारतीय छात्रों को लाने के लिए भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर (मालवाहक विमान) रवाना हो सकते हैं। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन गंगा’ में एयरफोर्स को तैयार रहने के लिए कहा था। माना जा रहा है कि गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस से इन खास विमानों को रवाना किया जा सकता है। यहां पर एक IL-76 और एक C-17 ग्लोबमास्टर को स्टैंडबाय पर रखा गया है। ऐसी संभावनाएं हैं कि स्टूडेंट्स को एयरलिफ्ट करने के बाद दिल्ली के पालम हवाई अड्डा या गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतारा जाएगा। यह विमान एक बार में ही 500 से 700 स्टूडेंट्स को ला सकता है। किसी भी विपदा में लोगों को एयरलिफ्ट करने में ज्यादातर C-17 ग्लोबमास्टर को ही लगाया जाता है। एक बार में ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को वतन वापस लाने के लिए एयरफोर्स के इस खास विमान का उपयोग किया जा सकता है।

एयर इंडिया की फ्लाइट ला पाती है सिर्फ 250 छात्र
दरअसल, भारत सरकार ने स्टूडेंट्स को लाने के लिए अभी तक एयर इंडिया के विमान लगाए हैं। ये विमान एक बार में 200 से 250 स्टूडेंट्स को ही लेकर आ सकते हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स भारत नहीं लौट पा रहे हैं।

इस विमान का गौरवशाली इतिहास जानिए

  • अप्रैल-2021 में कोरोनाकाल में जब देश में ऑक्सीजन की भारी कमी हुई तो C-17 ग्लोबमास्टर विमानों से ऑक्सीजन के टैंकरों को देश में एक से दूसरी जगह पहुंचाया गया।
  • अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया। सी–17 ग्लोबमास्टर विमानों से करीब 600 भारतीयों को काबुल से सुरक्षित एयरलिफ्ट किया गया।
  • 8 साल पहले बिहार में जब बाढ़ आई, तो दिल्ली से डॉक्टरों की टीम लेकर यही विमान बिहार पहुंचा। इसी विमान को अस्पताल का रूप दे दिया गया था।
  • अक्टूबर 2020 में जब भारत-चीन में तनातनी हुई, तो भारतीय वायुसेना ने अपने सैनिकों के लिए रसद सामग्री लेकर इसी विमान को चीन के बॉर्डर पर भेजा था।
  • काठमांडू, उत्तराखंड, हिमाचल, बिहार आदि जगह आपदा आने पर भारतीय वायुसेना के इस विमान को भेजकर मदद पहुंचाई गई।
  • 2013 में फिलीपींस में आए तूफान से अमेरिका ने इसी विमान से 670 लोगों को एक बार में ही एयरलिफ्ट किया था।
  • कठिन जगहों पर आसान लैंडिंग, छोटे हथियारों की फायरिंग का असर नहीं
    बोइंग C-17 ग्लोबमास्टर विश्व के बड़े मालवाहक जहाजों में से एक है। ग्लोबमास्टर कारगिल, लद्दाख और अन्य उत्तरी व पूर्वी सीमाओं जैसी कठिन जगहों पर आसानी से उतर सकता है। लैंडिंग में परेशानी होने की स्थिति में इसमें रिवर्स गियर भी दिया गया है। विमान चार इंजनों से लैस है। C-17 विमान का बाहरी ढांचा इतना मजबूत है कि इस पर राइफल और छोटे हथियारों की फायरिंग का कोई असर नहीं होता है।

    सी-17 ग्लोबमास्टर की खूबियां

    • लंबाई – 174 फीट
    • चौड़ाई – 170 फीट
    • ऊंचाई – 55 फीट
    • 150 से ज्यादा लोगों को एक बार में ले जा सकता है।
    • 3 हेलीकॉप्टर या दो ट्रकों को एयरलिफ्ट करने की ताकत।
    • दिल्ली में दूतावासों से ग्राउंड रिपोर्ट:यूक्रेन-पोलैंड के दूतावासों से निराश लौट रहे छात्रों के परिजन

    चंडीगढ़ से यूक्रेन दूतावास पर आईं एक महिला ने बताया, हम लोग यहीं रहेंगे। हम वापस तो नहीं जाने वाले, जब तक हमारा कुछ नहीं होगा, हम यहीं हैं। बच्चों को लेकर ही यहां से निकलेंगे। एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि यूक्रेन में बच्चों की स्थिति बहुत खराब है। वह सड़क पर बैठे हैं। ठंड है, बरसात हो रही है। इतना कम खाना दे रहे हैं कि ठीक से पेट भी नहीं भर सकता।

    इस शख्स ने सुबूत के तौर पर वह वीडियो दिखाया, जो उनके बेटे ने यूक्रेन से भेजी है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि छोटे बच्चे को जितना खाना दिया जाता है, उससे भी कम खाना इन्हें दिन में एक बार दिया जा रहा है। पोलैंड दूतावास पर शाम साढ़े चार बजे काम बंद हो जाता है। वहीं, यूक्रेन दूतावास में शाम छह बजे के बाद कोई नहीं मिलता।

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