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भारत के बीस राज्यों से जनजातीय मूल के 75 उत्पादों की पहचान जीआई टैगिंग के लिए की गई है

जैसा कि भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहा है, अमृत महोत्सव के माध्यम से इस ऐतिहासिक दिवस को मनाने के लिए विभिन्न पहल शुरू की जा रही हैं और अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित एक शुरुआत है।

आत्मनिर्भर भारत एक अनोखा मिशन है, जिसे ट्राइफेड जनजातीय लोगों की आय और उनकी आजीविका को सतत बनाए रखने के लिए अपने निरंतर प्रयास के एक भाग के रूप में जारी रखता है। जनजातीय कारीगरों के शिल्प कौशल को पहचान दिलाने और उनकी आजीविका को बढ़ावा देने के लिए एक छोटे से योगदान के तौर पर, ट्राइफेड आदिवासी कला एवं शिल्प वस्तुओं की खरीद तथा विपणन अपने ट्राइब्स इंडिया खुदरा नेटवर्क के माध्यम से – ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से कर रहा है।

जैसे ही भारत ने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में कदम रखा, ट्राइफेड द्वारा 75 नए जनजातीय उत्पादों को लॉन्च किया गया और पहले से ही व्यापक, आकर्षक ट्राइब्स इंडिया कैटलॉग में जोड़ा गया। पूरे देश से प्राप्त उत्पादों में धातु की मूर्तियों, हस्तनिर्मित गहने, सजावट जैसे हैंगिंग जैसी उत्कृष्ट और आकर्षक वस्तुओं को लॉन्च किया गया; दस्तकारी परिधान जैसे शर्ट, कुर्ता, मास्क तथा जैविक उत्पाद जैसे मसाले, प्रोसेस्ड जूस व अन्य हर्बल पाउडर भी इनमें शामिल थे।

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इसके अलावा, इंडिया@75-द पीपल्स मूवमेंट के उद्देश्यों के अनुरूप ट्राइफेड ने आदिवासी मूल या स्रोत के 75 उत्पादों की भी पहचान की है, जिन्हें भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग के लिए भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 1999 भारत के तहत पंजीकृत किया जाएगा। जीआई टैगिंग के लिए जनजातीय उत्पादों की पहचान भारत के बीस राज्यों से की गई है और 75 चिन्हित जनजातीय उत्पादों में से ऐसे 37 उत्पाद पूर्वोत्तर के आठ राज्यों से संबंधित हैं। आदिवासी बहुल राज्यों में झारखंड के 7 उत्पादों और मध्य प्रदेश के 6 उत्पादों की भी पहचान जीआई टैगिंग के लिए की गई है।

इसके अलावा, ट्राइफेड दुनिया भर में 100 भारतीय मिशनों / दूतावासों में एक आत्मनिर्भर भारत कार्नर स्थापित करने वाला है। प्राकृतिक और जैविक उत्पादों के अलावा जीआई टैग वाली आदिवासी कला तथा शिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए यह कार्नर एक विशेष स्थान होगा। जनजातीय उत्पादों की समृद्धि एवं विविधता को प्रदर्शित करने वाले कैटलॉग और ब्रोशर भी मिशनों तथा दूतावासों के साथ साझा किए गए हैं। जिन मिशनों और दूतावासों से संपर्क किया गया, उनमें से 42 ऐसे केंद्र जमैका, आयरलैंड, तुर्की, केन्या, मंगोलिया, इज़राइल, फ़िनलैंड, फ़्रांस तथा कनाडा जैसे देशों से हैं। ट्राइफेड कार्नर पर बिकने के लिए जनजातीय उत्पादों का पहला सेट भेजने की प्रक्रिया में है।

निचले तबके के जनजातीय लोगों को सशक्त बनाने के अपने मिशन में ट्राइफेड भारत भर में उनके समुदायों के आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देकर (विपणन के विकास और उनके कौशल के निरंतर उन्नयन के जरिये) ट्राइब्स इंडिया नामक रिटेल आउटलेट्स के अपने नेटवर्क के माध्यम से जनजातीय कला और शिल्प उत्पादों की खरीद तथा विपणन कर रहा है। 1999 में 9 महादेव रोड नई दिल्ली में शुरू किये एक गशिप स्टोर से लेकर अब पूरे भारत में 141 रिटेल आउटलेट हैं।

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यह आशा की जाती है कि, इन अतिरिक्त प्रयासों के साथ, इन अद्वितीय जनजातीय उत्पादों को एक अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय बाजार मिलेगा और इससे “वोकल फॉर लोकल, बाई ट्राइबल” का बड़ा लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, जो देश में आदिवासी लोगों की स्थायी आय सृजन और रोजगार के क्षेत्रों में वास्तविक तौर पर परिवर्तनकारी होगा। यह ट्राइफेड की आशा व मिशन है। ट्राइफेड टीम भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर सभी को शुभकामनाएं देती हैं!

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