उत्तर प्रदेश

निराश्रित गोवंश हेतु सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाए: धर्मपाल सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री ने आज यहां पशुपालन निदेशालय में मडल मुख्यालय, जनपद स्तरीय अधिकारियों एवं प्रक्षेत्र प्रबंधकों की विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान श्री सिंह ने निराश्रित गोवंश का सही आंकड़ा न प्रस्तुत करने एवं कार्य में लापरवाही पर जनपद मुजफ्फरनगर, बहराइच, बलिया के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों का स्पष्टीकरण और बरेली के लिपिक को प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने के निर्देश दिये। कब्जा मुक्त की गयी भूमि के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर जनपद हरदोई, अलीगढ़, कौशाम्बी, जालौन, फतेहपुर, गौतमबुद्धनगर, गोरखपुर, हापुड़, बागपत, महोबा, गाजियाबाद तथा हमीरपुर के पशुचिकित्साधिकारियों के भी स्पष्टीकरण लिये जाने के निर्देश दिये। साथ ही जनपद मथुरा एवं बुलन्दशहर के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा विभिन्न योजनाओं में अपेक्षित प्रगति न होने पर कार्यवाही के साथ स्पष्टीकरण के निर्देश भी दिये गये।
पशुधन मंत्री ने कहा कि दिनांक 01 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक निराश्रित गोवंश को आश्रय स्थलों में संरक्षित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और इस कार्य में किसी भी अधिकारी, कर्मचारी द्वारा किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। यह कार्य मिशन मोड में संपन्न कराकर शत प्रतिशत पूर्ण किया जाना है। यदि कोई भी अधिकारी निर्धारित अवधि में अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं करता है और निराश्रित गोवंश किसानों के खेतों, सड़कों, गॉवों या नगर कस्बों की गलियों में विचरण करते हुए पाया जाता है तो संबंधित पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। गोसंरक्षण कार्य को अधिकारी ईमानदारी, जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ पूरा करें। श्री सिंह ने अभियान के संबंध में मण्डलों के अपर निदेशकों एवं मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों से उनकी कार्ययोजना एवं रणनीति के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोवंश के संरक्षण में संवेदनशीलता बरती जाए और विशेष सचल दस्ते, टैªक्टर एवं कैटिल कैचर की सहायता ली जाए।
पशुधन मंत्री ने निर्देश दिये कि इस कार्य में पशुधन विभाग द्वारा पंचायती राज, ग्राम्य विकास, राजस्व एवं नगर विकास विभाग से सहयोग एवं संमन्वय स्थापित किया जाए। सीडीओ स्तर पर साप्ताहिक बैठक कर समीक्षा की जाए। पशुधन मंत्री ने निर्देश दिये कि टीम-09 आगामी 07-08 नवम्बर को मण्डलों में निरीक्षण कर व्यवस्थायें सुनिश्चित करें और विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में 21, 22 व 23 नवम्बर को जाकर अभियान की समीक्षा किये जाने हेतु निर्देश निर्गत कराये जाए। उन्होंने कहा कि संरक्षित किये जाने वाले गोवंश की देखभाल हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थायें जैसे चारा, भूसा, टीनशेड, विद्युत आपूर्ति, पेयजल एवं उपचार आदि के पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित किये जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन ने मंत्री जी को निराश्रित गोवंश को आश्रय स्थल तक पहुंचाने, गोआश्रय स्थलों के सुदृढ़ीकरण करने, विस्तारीकरण, अस्थाई/स्थाई/ निर्माणाधीन/प्रस्तावित गोशालाओं, वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों के प्रति गोआश्रय पोर्टल में डीबीटी संबंधी सूचना, कब्जामुक्त गोचर/चारागाह भूमि तथा हरा चारा उत्पादन,  किसान क्रेडिट कार्ड तथा कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक माह में अस्थाई गोआश्रय स्थल बनाकर तैयार किये जाए और निर्माणाधीन गोआश्रय स्थलों का कार्य तत्काल पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि 10 दिनों का विशेष अभियान चलाकर 30 अक्टूबर तक शेष कब्जायुक्त गोचर भूमि को मुक्त कराने का अभियान चलाया जाए। अपर मुख्य सचिव ने योजनाओं में अपेक्षित प्रगति प्राप्त न करने वाले जनपदों को कार्य में प्रगति लाने में चेतावनी दी।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 57 जनपदों में अभियान के दौरान 45.07 हेक्ट0 गोचर भूमि कब्जा मुक्त कराई गयी तथा 72.03 हेक्टेयर भूमि पर हरा चारा बोया गया है। वर्तमान में 6943 गोआश्रय स्थल हैं जिनमें 1211247 गोवंश संरक्षित किये गये हैं। लम्पी स्किन डिजीज में अब तक 1.44 टीकाकरण कार्य किया गया है। पशुधन मंत्री ने जनपद कन्नौज, देवरिया, बाराबंकी, आगरा जनपदों द्वारा योजनाओं में अपेक्षित प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पांडेय, विशेष सचिव श्री अमरनाथ उपाध्याय, निदेशक पशुपालन डा0 ए0के0 जादौन, अपर निदेशक गोधन डा0 जे0के0 पांडेय तथा एलडीबी के कार्यकारी अध्यक्ष डा0 नीरज गुप्ता सहित सभी मण्डलों के अपर निदेशक/मुख्य पशुचिकित्साधिकारी उपस्थित थे।

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