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रेल सुरक्षा के लिए पिछले 9 वर्षों में उठाए गए सभी उपायों के अच्छे नतीजे मिले हैं: अर्जुन मुंडा

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने आज कहा कि सरकार ने रेलवे सुरक्षा में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भारतीय रेलवे देश की जीवन रेखा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ-साथ यह पूरे देश में लोगों के लिए परिवहन का एक आसान साधन है। वह आज नई दिल्ली में रेलवे सुरक्षा बढ़ाने के लिए पिछले 9 वर्षों में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में मीडिया को जानकारी दे रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता रेलवे और उससे यात्रा करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और इसके लिए पिछले 9 वर्षों में सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं और इनके अच्छे नतीजे मिले हैं।

श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार ने लोगों और अर्थव्यवस्था की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विस्तार परियोजनाओं, उत्तर पूर्व, मध्य भारत में नई परियोजनाओं और भारत के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाली अन्य परियोजनाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या में भारी गिरावट आई है। दुर्घटनाएं 2000-01 में 473 से घटकर 2022-23 में 48 हो गई हैं।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि 2004-14 की अवधि के दौरान ट्रेन दुर्घटनाओं की औसत संख्या 171 प्रति वर्ष थी, जबकि 2014-23 की अवधि के दौरान ट्रेन दुर्घटनाओं की औसत संख्या घटकर 71 प्रति वर्ष हो गई। उन्होंने कहा कि रेलवे ने रेलवे सुरक्षा बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय रेल संरक्षण कोष (आरआरएसके) के नाम से एक महत्वपूर्ण कोष का गठन किया है, जिसे महत्वपूर्ण सुरक्षा संपत्तियों के प्रतिस्थापन/नवीनीकरण/उन्नयन के लिए 2017-18 में पांच साल के लिए 1 लाख करोड़ के कोष के साथ शुरू किया गया है। आरआरएसके कार्यों पर 2017-18 से 2021-22 तक कुल 1.08 लाख करोड़ का खर्च आया।

उन्होंने यह भी बताया कि मानवीय विफलता के कारण होने वाली रेल दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए 31.05.2023 तक 6427 स्टेशनों पर पॉइंट और सिग्नल के केंद्रीकृत संचालन के साथ इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम प्रदान किए गए हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि लेवल क्रॉसिंग (एलसी) गेटों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए 31.05.2023 तक 11093 लेवल क्रॉसिंग गेटों पर लेवल क्रॉसिंग गेटों की इंटरलॉकिंग प्रदान की गई है।

श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि 31.05.2023 तक 6377 स्टेशनों पर पूर्ण ट्रैक सर्किटिंग प्रदान की गई है।

मीडिया को जानकारी देते हुए श्री मुंडा ने यह भी कहा कि लोको पायलटों की सतर्कता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें लोकोमोटिव सतर्कता नियंत्रण उपकरणों (वीसीडी) से लैस किया गया है। लोको पायलट समय पर अलर्ट प्राप्त करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम हैं।

श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मस्तूल पर रेट्रो-रिफ्लेक्टिव सिग्मा बोर्ड लगाए गए हैं जो विद्युतीकृत क्षेत्रों में सिग्नल से पहले दो ओएचई मस्तूल पर स्थित होते हैं ताकि कोहरे के मौसम में दृश्यता कम होने पर चालक दल को आगे के सिग्नल के बारे में चेतावनी दी जा सके। उन्होंने कहा कि इन सभी उपायों के अच्छे परिणाम आये हैं।

श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने आम लोगों की सुरक्षा के उपाय किये हैं और इन सभी उपायों के माध्यम से देश में खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा सहित अर्थव्यवस्था में रेलवे का योगदान सुनिश्चित किया गया है।

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रेल सुरक्षा के कार्यकारी निदेशक श्री अशोक नाकरा ने मीडिया के समक्ष इस विषय पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

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