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होटलों और रेस्तरां बिल में सर्विस चार्ज जोड़ने पर लगी रोक, CCPA ने जारी किये दिशानिर्देश

Service Charges Banned: होटलों या रेस्तरां में खाना खानेवालों के लिए एक राहत भरी खबर है। राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने होटल और रेस्तरां में वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज पर रोक लगा दी है।

CCPA ने ताजा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब होटल या रेस्तरां के मालिक अपने ग्राहकों के बिना उनकी मर्जी के सर्विज शुल्क नहीं ले सकते। आपको बता दें कि कई होटलों में खाने के बिल के साथ ही सर्विज चार्ज भी जोड़ा जा रहा था और ग्राहकों के लिए इसे देना अनिवार्य था। अब लोगों को इससे राहत मिल गई है। प्राधिकरण ने साफ निर्देश दिया कि अब किसी भी तरीके के सर्विस चार्ज के नाम से वसूली नहीं की जा सकती। अगर कोई भी होटल या रेस्तरां इसको खाने के बिल में जोड़ेगा तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

क्या है निर्देश?

CCPA के पास ऐसी कई शिकायतें आ रही थींं, जिसमें होटलों द्वारा मनमाने तरीके से खाने के बिल में 10 से 20 फीसदी तक सर्विज चार्ज वसूला जा रहा था। सीसीपीए ने इसे अनुचित व्यापार गतिविधियां और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन का मामला मानते हुए इसे रोकने के लिये कदम उठाये हैं। अपने दिशानिर्देश में उसने कहा कि कोई भी होटल या रेस्तरां ग्राहकों को सेवा शुल्क देने के लिये बाध्य नहीं कर सकता। ग्राहक चाहे तो सेवा शुल्क दे सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता के विवेक पर निर्भर करेगा। यानी आप पहले से ही बिल में इसे जोड़ कर पेश नहीं कर सकते।

क्या होता है सर्विस चार्ज?

जब भी आप होटल या फिर रेस्तरां में ग्राहक खाना खाते हैं तो खाना परोसने या फिर किसी अन्य तरह की सेवा के लिए सर्विस चार्ज लगाया जाता है। यह आम तौर पर बिल में सबसे नीचे की ओर लिखा होता है और ये 5 फीसदी से लेकर 20 फीसदी तक होता है। लेकिन नियमों के मुताबिक होटलों-रेस्टोरेंट्स में सर्विस चार्ज देना स्वैच्छिक होता है, लेकिन फिर भी कस्टमर्स से इसे जबरन वसूला जाता है। अब CCPA की ओर से इसके खिलाफ सख्त कदम उठाया गया है। यदि इसके बाद भी कोई होटल या रेस्तरां आपसे सेवा शुल्क वसूलता है, तो आप राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1915 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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