उत्तर प्रदेश

ग्रामीण पर्यटन को लोकप्रिय बनाने के लिए गॉव में बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराई जायेगी: जयवीर सिंह

लखनऊः उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा है कि अगले वर्ष 2023 में जारी होने वाली पर्यटन नीति में वर्ष 2018 में घोषित पर्यटन नीति की व्यवहारिक खामियों को दूर करते हुए इसे पर्यटन की दृष्टि से और आकर्षक बनाया जायेगा। इसके साथ ही होटल एवं सेवा सेक्टर, इन्डस्ट्री की लाइसेन्सिंग प्रक्रिया के संबंध में आ रही दिक्कतों को दूर करने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि होटल, रेस्टोरेन्ट, टेªवल तथा सेवाक्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा दिये गये सुझावों को शामिल करते हुए नई पर्यटन नीति के माध्यम से उ0प्र0 को अगले 05 वर्षों में उ0प्र0 को पर्यटन की दृष्टि से सबसे मनपसंद स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री आज यहां होटल ताज में पीएचडीसीसीआई यूपी चैप्टर द्वारा उ0प्र0 के विकास में पर्यटन एवं सेवा, उद्योग की भूमिका विषय पर आयोजित एक दिवसीय कान्क्लेव को सम्बोधित कर रहे थे। इस कान्क्लेव में होटल एवं हास्पिटलिटी, इण्डस्ट्री तथा ट्रेवल के क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधिगण शामिल थे। उन्होंने कहा कि पर्यटन सेक्टर में रोजगार एवं आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने से संबंधित अपार संभावनायें हैं। इनका दोहन करने के लिए उ0प्र0 सरकार पर्यटन के क्षेत्र पर विशेष फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग का जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान है। इसको दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी ने इसे अपनी प्राथमिकताओं में रखा है।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि कोरोना कालखण्ड के प्रतिबंधों के कारण पर्यटन क्षेत्र पर विशेष प्रभाव पड़ा। यात्रा पर प्रतिबंध के कारण भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व का पर्यटन सेक्टर प्रभावित हुआ। इसके कारण ट्रांसपोर्ट, होटल, सेवाक्षेत्र तथा पर्यटन से जुड़े कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला। उन्होंने कहा कि कोरोना का प्रभाव कम होने पर उ0प्र0 में पर्यटन की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हुई। उन्होंने कहा कि भारत ने विगत वर्षों में हर क्षेत्र में प्रगति की है। अब यह पुराना भारत नहीं है, हम नये भारत में रह रहे हैं। जिसने कोरोना से बचाव के लिए दो वैक्सीन का निर्माण कर पूरी दुनिया में मानवता को बचाने के लिए वैक्सीन सप्लाई की। इसका श्रेय देश के मा0 प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन को जाता है।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व जान-माल के सुरक्षा को लेकर देशी-विदेशी पर्यटक उ0प्र0 की तरफ रूख नहीं करते थे। वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में योगी जी की सरकार बनने पर पर्यटन के साथ विभिन्न विकास योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित किये जाने की शुरूआत हुई। कोरोना के बाद देश में पर्यटन की गतिविधियों में 70 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई, वहीं उ0प्र0 में 76 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई, इसमें होटल एवं सेवाक्षेत्र का विशेष योगदान है। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने उ0प्र0 को एक खरब अमेरिकी डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का सकल्प लिया है। इसमें पर्यटन क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि उ0प्र0 में धार्मिक, अध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक समेत पर्यटन की दृष्टि से विभिन्न विविधतायें हैं। राज्य सरकार इसे पूरी दुनिया को दिखाना चाहती है। इसके लिए उ0प्र0 में बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उ0प्र0 एक्सप्रेस-वे प्रदेश के रूप में स्थान बना चुका है। इसके साथ ही पर्यटकों के लिए हेलीपोर्ट के संचालन के लिए कार्य किया जा रहा है। अगले महीने दो हेलीपोर्ट शुरू होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने पर मा0 मुख्यमंत्री जी ने पर्यटन क्षेत्र पर फोकस किया। इस क्षेत्र में नये-नये प्रयोग किये जा रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इको टूरिज्म बोर्ड के गठन के साथ ही हेल्थ टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म तथा ओडीओडी के नये कान्सेप्ट पर भी कार्य किया जा रहा है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बुन्दलेखण्ड के पुरानें 32 किलों, हवेलियों, महलों आदि को सवारने की भी योजना बनाई गयी है।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यूपी में असंख्य पर्यटन स्थल तथा संसाधन मौजूद हैं। देहातों में ऐसे तमाम स्थल बिखरे पड़े हैं जिनमें पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है। बिजनौर से बलिया तक गंगा के किनारे 05 किमी के दायरे में जैविक खेती को बढ़ावा देने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। कुकरैल में नाइट सफारी स्थापित करने के साथ ही चिड़ियाघर को यहां से हटाकर कुकरैल पिकनिक स्पाट के पास शिफ्ट किया जायेगा इसके साथ ही गोमती के किनारे सेना से सेवानिवृत्ति युद्ध पोत के लिए संग्रहालय बनाया जायेगा, इस पर युद्धपोत के सभी हथियारों को प्रदर्शित किया जायेगा। यह सेना का संग्रहालय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटक फ्रेन्डली बुनियादी सुविधाओं के विकसित होने के कारण काशी विश्वनाथ मंदिर में 4-5 लाख पर्यटक प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। इससे छोटे व्यापारियों के साथ होटल एवं रेस्टोरेन्ट आदि को भी लाभ मिल रहा है।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी का संकल्प है कि भारत में आने वाला हर पर्यटक सबसे पहले उ0प्र0 की ओर रूख करे, इसलिए विश्वस्तरीय बुनियादी सुविधायें पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वृन्दावन, मथुरा, बरसाना आदि के विकास से संबंधित 08 हजार करोड़ रूपये की परियोजनायें केन्द्र स्तर पर लंबित थी। मा0 मुख्यमंत्री जी के साथ केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री मा0 गडकरी जी से मिलकर इसे स्वीकृत कराया गया। अब मथुरा और वृन्दावन को भव्य एवं दिव्य बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 संस्कृतिक रूप से समृद्ध है, यहां के व्यंजन तथा गॉवों की संस्कृति की ओर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा दिये जाने की रणनीति बनाई गयी है।
प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम ने कान्क्लेव को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनायें संचालित की जा रही हैं। विभिन्न देशों के राजदूतों से भी संपर्क करके उ0प्र0 में पर्यटकों को आने के लिए संपर्क किया जा रहा है। अभी हाल में ही मैक्सिको के छात्रों के एक दल ने अयोध्या का भ्रमण किया था। उन्होंने कहा कि पर्यटन नीति 2023 के विभिन्न प्राविधानों पर विस्तार से चर्चा करके इसे पर्यटन परक बनाया जायेगा। विशेष सचिव पर्यटन तथा एमडी श्री अश्वनी कुमार पाण्डेय ने पर्यटन नीति 2023 के विभिन्न प्राविधानों के बारे में कान्क्लेव में प्रतिभागियों से सुझाव आमंत्रित किये।
इसके पूर्व पर्यटन होटल एवं सेवाक्षेत्र तथा पीएचडीसीसीआई से जुड़े राजन सहगल, सर्वेश गोयल, श्याम किसनानी, रवि एस0 खन्ना, विनायक नाथ, सुरेन्द्र कुमार जायसवाल, श्रीमती हिना शिराज तथा मुकेश सिंह वरिष्ठ सदस्य पीएचडी फार्मर को-चेयर ने पर्यटन एवं सेवाक्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए व्यवाहारिक कठिनाईयों को दूर करने पर विस्तार से चर्चा की। इसके अलावा पर्यटन से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सुझाव दिये, इसके अलावा होटल लाइसेन्स के नवीनीकरण को लेकर आ रही कठिनाईयों के बारे में भी अवगत कराया। इस अवसर पर होटल, रेस्टोरेन्ट, सेवाक्षेत्र तथा टेªवल इण्डस्ट्री से जुड़े भारी संख्या में प्रतिनिधि मौजूद थे।

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