उत्तर प्रदेश

बी0सी0 सखी ने गांवों में बैंकों की कमी को दूर किया और स्वयं को स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर किया: सीएम

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भारतीय परम्परा में नवरात्रि का आयोजन देवी के नौ स्वरूपों के माध्यम से शक्ति, ज्ञान तथा ऐश्वर्य के तीन महत्वपूर्ण पक्षों को प्रकट करता है। कल से शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ हो रही है। नवरात्रि के एक दिन पूर्व आज यहां नारी शक्ति, सम्मान और स्वावलम्बन की प्रतीक 03 मातृशक्तियों का सम्मान किया गया है। यह महज संयोग नहीं है। इनका जीवन इस बात की प्रेरणा देता है कि कोई भी कार्य असम्भव नहीं है, बस बेहतर प्रयास की आवश्यकता है। प्रत्येक क्षेत्र में सम्भावनाएं हैं। उन सम्भावनाओं को समय से चुनते हुए कार्य करेंगे, तो सफलता अवश्य मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में शारदीय नवरात्र के एक दिन पूर्व मिशन शक्ति के चतुर्थ चरण के शुभारम्भ के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं के सम्मान के लिये आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने इसरो की महिला वैज्ञानिक श्रीमती रितु कारिधन श्रीवास्तव, असम की पद्मश्री पुरस्कार विजेता सुश्री हेमो प्रोवा सूतिया तथा एच0सी0एल0 की चेयरपर्सन श्रीमती रोशनी नाडर मल्होत्रा को सम्मानित किया। इस अवसर पर मिशन शक्ति पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने नारी सुरक्षा, सम्मान तथा स्वावलम्बन के लिए आयोजित मिशन शक्ति के चतुर्थ चरण के शुभारम्भ कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि जब वर्ष 2020 में मिशन शक्ति की शुरुआत की गयी थी, तब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में थी। उस समय जब सभी लोग अपनी जान बचाने के प्रयास कर रहे थे, प्रदेश की ए0एन0एम0, आशा बहनें तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां गांव-गांव में घर-घर जाकर लोगों की सेवा करने और शासन की सहायता को सभी तक पहुंचाने का कार्य कर रही थीं। उस समय वे स्वयं ही फील्ड में उतरे थे और इन बहनों के कार्य को देखा था। वहीं से मिशन शक्ति कार्यक्रम की प्रेरणा प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम प्रदेश में लाइव हो रहा है। सभी जनपदों में अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाली महिलाओं के सम्मान के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। शारदीय नवरात्रि में हम देवी के 09 स्वरूपों की पूजा करते हैं। समाज में देवी की प्रतीक महिलाओं के सम्मान के कार्यों को आगे बढ़ाएं, तो वे समाज में नई प्रेरणा बनेंगे। यह कार्य आधी आबादी को स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं। यह समाज व शासन की जिम्मेदारी है। शासन इसी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए मिशन शक्ति कार्यक्रम का शुभारम्भ कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मिशन शक्ति की शुरूआत से पूर्व प्रदेश में कई निर्णय लिए गए थे। मिशन शक्ति का पहला ध्येय सुरक्षा था। एक सुरक्षित वातावरण में ही सभी कार्य सम्भव हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 20 प्रतिशत महिला कार्मिकों की भर्ती के प्रयास किए गए। वर्ष 2017 में महिला पुलिस कार्मिकों की संख्या मात्र 10 हजार थी। वर्तमान में इनकी संख्या 40 हजार है। इन्हें महिला बीट पुलिस अधिकारी के रूप में तैनाती देते हुए सुरक्षा सम्बन्धी जागरूकता की जिम्मेदारी दी गई। इनके माध्यम से महिला सम्बन्धी अपराधों में घटना के कारणों की जांच करने, अपराधी की गिरफ्तारी करने, अपराधी के खिलाफ समय से विवेचना करने, चार्जशीट दाखिल करने तथा प्रोजीक्यूशन को समय से आगे बढ़ाते हुए अपराधी को दण्डित कराने के कार्य किए गए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज एन0सी0आर0बी0 के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश में महिला सम्बन्धी अपराधों में काफी गिरावट आयी है। सर्वाधिक अपराधियों को सजा दिलाने तथा प्रॉजीक्यूशन को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने वाला राज्य उत्तर प्रदेश बना है। सर्वाधिक आबादी वाला राज्य होने के कारण प्रदेश में चुनौतियां भी थीं। उनके बीच से रास्ते निकाले गये। इसके साथ ही, प्रदेश में अन्य अनेक कार्यक्रम भी आगे बढ़ाये गये। वर्तमान में प्रदेश सरकार 01 करोड़ परिवारों को हर महीने पेंशन की सुविधा दे रही है। इनमें 31 लाख से अधिक निराश्रित महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से 01 करोड़ 75 लाख परिवारों को निःशुल्क गैस के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। अधिकारियां को निर्देश दिए गए हैं कि शीघ्र ही इन्हें आधार से लिंक करें, जिससे दीपावली से पूर्व उन्हें एक-एक रसोई गैस सिलेण्डर निःशुल्क उपलब्ध कराए जा सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 09 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में अनेक कार्यक्रम लगातार चले हैं। प्रदेश के 55 लाख लोगों को एक-एक आवास उपलब्ध कराया गया है। स्वामित्व योजना के माध्यम से 66 लाख परिवारों को जहां पर उनका घर है, वहीं उनका मालिकाना अधिकार उपलब्ध कराया गया है। इनमें अधिकतर महिलाएं शामिल हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई गई हैं। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक 15,000 रुपये की सहायता एक पैकेज के रूप में उपलब्ध करा रही है। बेटी की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से 51,000 रुपये की सहायता दी जा रही है। इसके अन्तर्गत 03 लाख गरीब बेटियों की शादी अब तक सम्पन्न हो चुकी है। ऐसे अनेक कार्यक्रमों से मिशन शक्ति अभियान आगे बढ़ा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के स्वावलम्बन के लिए अनेक कार्य किए गए हैं। एक जनपद एक उत्पाद योजना के लाभार्थियों और प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में अधिकांश महिलाएं हैं। इन्होंने इस योजना को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया है। इस मॉडल ने प्रधानमंत्री जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ तथा ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ के अभियान को नई ऊंचाइयां प्रदान करने में मदद की है। प्रदेश सरकार ने इन्हें तकनीक, डिजाइन, पैकेजिंग तथा मार्केटिंग से जोड़ा। इस योजना ने प्रदेश को एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित करने में मदद की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले गांवों में राशन के कोटे की दुकानों का विवाद होता था। ऐसे स्थानों पर इन दुकानों का दायित्व महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया गया। महिला व बाल विकास विभाग के अन्तर्गत पोषाहार वितरित किया जाता था। इसमें शिकायतें आती थी। यह कार्य भी महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कराने की शुरूआत की गई। इनके द्वारा टेक होम राशन की कार्यवाही सफलतापूर्वक आगे बढ़ाई जा रही है।
प्रदेश में किए गए अन्य कार्य भी महिलाओं के स्वावलम्बन का आधार बने हैं। बी0सी0 सखी इसका एक उदाहरण है। आज लगभग 50 हजार ग्राम पंचायतों में यह सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। बी0सी0 सखी ने गांवों में बैंकों की कमी को दूर किया और स्वयं को स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर किया है। आज हर एक बी0सी0 सखी प्रतिमाह 25,000 रुपये से लेकर सवा लाख रुपये तक अर्जित कर रही है। उत्तर प्रदेश ने इस सम्बन्ध में एक नया मॉडल देश को दिया है। बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी में आज 40,000 से अधिक महिलाएं हैं। इनका वार्षिक टर्न ओवर डेढ़ सौ करोड़ रुपये तथा नेट प्रॉफिट 15 से 16 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे गांवों, शहरों तथा मोहल्लों में महिला स्वावलम्बन के अनेक उदाहरण मौजूद है। केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाएं महिलाओं के सम्मान और स्वावलम्बन को बढ़ाने में किस प्रकार सहायक हो सकती हैं, इसके लिए जागरूकता के कार्यक्रम कल से प्रारम्भ होंगे। महिला सुरक्षा में सेंध लगाने वालों के खिलाफ प्रदेशभर में कल से इन्फोर्समेन्ट की कार्यवाही प्रारम्भ होगी। हर थाने को निर्देश दिए गए हैं कि कहीं भी कोई शिकायत आएगी, तो सभी की जवाबदेही तय की जाएगी। इसके साथ ही, घरेलू हिंसा अथवा सार्वजनिक हिंसा के प्रति जागरूकता के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। शासन स्तर पर इन कार्यक्रमों की समीक्षा होगी। यदि यह कार्यक्रम प्रभावी रूप से आगे बढ़ेंगे तो यह एक मॉडल बनेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मिशन शक्ति का प्रदेश का मॉडल भारत सरकार ने भी अपनाया है। इसी श्रृंखला में हाल ही में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में देश की संसद ने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मिशन शक्ति के सभी कार्यक्रम हमारी दिनचर्या का हिस्सा बनने चाहिए। यह सभी कार्यक्रम समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ेंगे। आज सम्मानित की गयीं महिलाओं की सफलता बहनों और बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी।
कार्यक्रम में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, श्रीमती रितु कारिधन श्रीवास्तव, सुश्री हेमो प्रोवा सूतिया तथा श्रीमती रोशनी नाडर मल्होत्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल व अन्य जनप्रतिनिधिगण, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव आई0सी0डी0एस0 श्रीमती वीना कुमारी मीना, एस0डी0जी0 कानून व्यवस्था श्री प्रशांत कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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