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सीबीडीटी ने आयकर विभाग द्वारा की जाने वाली अपीलों की मौद्रिक सीमा बढ़ाई

नई दिल्ली: विभिन्न अपीलीय अदालतों के समक्ष आयकर विभाग की काफी संख्या में अपीलें लंबित पड़ी हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) मुकदमों के प्रबंधन के महत्व से परिचित है और इसे बेहतर करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है।

करदाताओं की शिकायतों/मुकदमों को प्रभावी तरीके से कम करने और विभाग की सहायता करने के लिए जटिल कानूनी मुद्दों और ज्यादा कर प्रभाव से संबंधित मुकदमेबाजी पर ध्यान दिया जा रहा है। विभाग की ओर से अपील दायर करने की मौद्रिक सीमा में पिछली बार 11 जुलाई, 2018 को संशोधन किया गया था। यह सीबीडीटी के 2018 के सर्कुलर नंबर 3 के तहत था। सरकार की ओर से मुकदमों के प्रबंधन की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए विभिन्न अपीलीय अदालतों के समक्ष विभागीय अपील दर्ज करने के लिए मौद्रिक सीमा बढ़ा दी गई है। इसमें आयकर अपीलीय प्राधिकरण यानी आईटीएटी,उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट शामिल है। संशोधित सीमा निम्न प्रकार से हैः

क्रम संख्या अपील फोरम मौजूदा मौद्रिक सीमा

(रुपये में)

संशोधित मौद्रिक सीमा

(रुपये में)

1. आयकर अपीलीय प्राधिकरण 20,00,000 50,00,000
2. उच्च न्यायालय के समक्ष 50,00,000 1,00,00,000
3. उच्चतम न्यायालय के समक्ष 1,00,00,000 2,00,00,000

यह मुकदमेबाजी में वर्तमान में लगने वाले समय, प्रयास और संसाधनों को कम करेगा जिससे ज्यादा महत्व वाले मुकदमों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।

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