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भ्रष्टाचार एक दीमक है जिससे देश को बचाना है : श्री गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार की प्रौद्योगिकी और नीतिगत पहलें त्वरित वृद्धि और विकास के लिए व्यवसायियों को सशक्त बनाने के लिए सक्षमकर्ताओं के रूप में कार्य करती हैं।

आज नई दिल्ली में फेडेरेशन ऑफ फ्रेट फॉरवॉर्डर्स एसोसिएशन इन इंडिया ( एफएफएफएआई ) के हीरक जयंती कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने एफएफएफएआई के सदस्यों को पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।

श्री पीयूष गोयल ने समावेशी विकास और वंचित रह गए सभी लोगों के लिए अवसरों के सृजन पर जोर दिया जिससे कि प्रत्येक व्यक्ति विकसित भारत के निर्माण में भाग ले सकें। उन्होंने कहा कि समस्त देश हमारे बच्चों के लिए एक बेहतर विश्व के साथ एक समृद्ध भविष्य की ओर देख रहा है। एफएफएफएआई के अध्यक्ष श्री शंकर शिंदे को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि सभी व्यक्तियों को अपनी अपेक्षाओं को प्राप्त करने के लिए अपने प्रयोगों में अपने अनुभव का अवश्य उपयोग करना चाहिए।

श्री गोयल ने कहा कि भ्रष्टाचार एक दीमक है जिससे देश को बचाना है। श्री गोयल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रतिपादित पंच प्राण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पंच प्राण अगले 25 वर्षों के लिए देश के लिए एक रोडमैप की तरह काम करता है और उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री ने पंच प्राण की व्याख्या करते हुए महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए नारी शक्ति और भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात की थी।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि विश्व भर में भारत का सम्मान किया जाता है और उसकी एक पहचान है। उन्होंने कहा कि एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र की दिशा में उसकी यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर है। श्री गोयल ने कहा कि विश्व उम्मीद कर रहा है कि भारत आर्थिक विकास को गति देगा और इस सदी को भारत की सदी के रूप में बदल देगा।

श्री गोयल ने कहा कि आर्थिक विकास अपने आप में संयोजित होता है और पिछले 25 वर्षों में 10 गुना आर्थिक विकास हुआ है। श्री गोयल ने कहा कि जनसांख्यकीय लाभ और अर्थव्यवस्था के मजबूत बुनियादी कारक अमृत काल में विकास को बढ़ावा देंगे।

श्री गोयल ने रेखांकित किया कि भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती विशाल अर्थव्यवस्था है जहां पिछले 9 वर्षों से मुद्रास्फीति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को महंगाई दर को नियंत्रण में रखने के लिए अधिदेशित किया है।

उन्होंने उस विकास यात्रा, जिससे भारत गुजर रहा है, को प्रदर्शित करने के लिए बड़े ऋणों के साथ साथ मुद्रा ऋणों को सक्षम करने वाली एक मजबूत और लचीली बैंकिंग प्रणाली, एकीकृत भुगतान इंटरफेस ( यूपीआई ) प्रणाली, पिछले कई वर्षों से समग्र निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि, उच्च रेमिटेंस ( प्रेषण ), विदेशी प्रत्यक्ष निवेश ( एफडीआई ) में निरंतर वृद्धि, मजबूत शेयर बाजार, खाद्य सुरक्षा आदि के उदाहरण प्रस्तुत किए।

श्री गोयल ने कहा कि 2030 तक समग्र निर्यात को 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य को अर्जित किया जा सकता है और यह एफएफएफएआई के सदस्यों के लिए व्यवसाय का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का अंतर्राष्ट्रीयकरण करना होगा और अर्थव्यवस्था को विश्व के बाजारों में एक बड़ी भूमिका निभानी पड़ेगी।

श्री गोयल ने समृद्ध विकास के लिए वर्तमान में काम करने के द्वारा औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध संस्कृति, इतिहास, मूल्य प्रणालियां, परंपराएं हमारे भविष्य को शक्ति प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों के सामूहिक विवेक और कर्तव्य की भावना के साथ काम करने की प्रतिबद्धता के साथ युवा ऊर्जा विकसित भारत के निर्माण की दिशा में ले जाएगी।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि एफएफएफएआई के 60 वर्ष पूरे होने का क्षण अतीत के प्रतिबिंब, उपलब्धियों का उत्सव, वर्तमान स्थिति में गर्व तथा एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में काम करने का क्षण है। एफएफएफएआई के इतिहास का स्मरण करते हुए श्री गोयल ने रेखांकित किया कि नए मंच और प्रौद्योगिकी सीमा शुल्क और लाजिस्ट्क्सि के क्षेत्र को प्रेरित करते हैं। उन्होंने राष्ट्र की सेवा करने के लिए एफएफएफएआई के सदस्यों और पुरस्कार विजेताओं की भी सराहना की।

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