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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्म्ड फोर्सेज़ फ्लैग डे फंड में दिल खोलकर योगदान देने की अपील की

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आम जनता से आर्म्ड फोर्सेज़ फ्लैग डे फंड (एएफएफडीएफ) में उदारता से योगदान करने की अपील की है, जिसका उपयोग किसी कार्यवाही में अपनी जान गंवाने वाले या विकलांग हुए हमारे बहादुर सैनिकों के आश्रितों के पुनर्वास और कल्याण में किया जाता है। फ्लैग डे देशवासियों को इस दायित्व को निभाने का अवसर देता है।

एएफएफडीएफ कोष पर अर्जित आय में से 7.5 प्रतिशत वापस कोष में डाल दिया जाता है और शेष राशि का उपयोग पूर्व सैनिकों (ईएसएम)/आश्रितों के लिए कल्याण और पुनर्वास योजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाता है । वित्त वर्ष 2020-21 में एएफएफडीएफ के अंतर्गत 133.21 करोड़ रुपये 38,049 लाभार्थियों पर खर्च किए गए।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 33.35 करोड़ रुपये की राशि एकत्र की गई । निधि का प्रबंधन केंद्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी)
की प्रबंधन समिति के तत्वावधान में बोर्ड
सचिवालय द्वारा किया जाता है । प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रक्षा मंत्री और कार्यकारी समिति का अध्यक्ष पूर्व सैनिक कल्याण (ईएसडब्ल्यू) के सचिव होते हैं । एएफएफडीएफ के लिए देशवासियों से उदार योगदान की अपेक्षा है । एएफएफडीएफ फंड का बैंक विवरण इस प्रकार है:

पीएनबी A/C No. 3083000100179875     IFSC: PUNB0308300

एसबीआई A/C No. 34420400623  IFSC: SBIN0001076

आईसीआईसीआई A/C No. 182401001380 IFSC: ICIC0001824

रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत केएसबी सचिवालय एक संलग्न कार्यालय है जो युद्ध विधवाओं/ विकलांगों, सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों और उनके आश्रितों के पुनर्वास और कल्याण के लिए केंद्र सरकार की नीतियों को लागू करने के लिए जिम्मेदार शीर्ष निकाय है। कल्याणकारी योजनाएं राज्य की राजधानियों में स्थित राज्य सैनिक बोर्डों (आरएसबी) और जिला स्तर पर स्थित जिला सैनिक बोर्डों (जेडएसबी) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती हैं। इन कल्याणकारी योजनाओं के लिए वित्त पोषण का प्रमुख स्रोत आर्म्ड फोर्सेज़ फ्लैग डे फण्ड (एएफएफडीएफ) है।

ईएसएम/विधवाओं/आश्रितों को उनकी पहचानी गई व्यक्तिगत जरूरतों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जिसमें गरीबी अनुदान, बच्चों की शिक्षा अनुदान, बेटी की शादी अनुदान और अंतिम संस्कार अनुदान शामिल हैं। एएफएफडीएफ से वित्त पोषित कुछ महत्वपूर्ण कल्याण योजनाएं निम्नानुसार हैं:

रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण कोष (आरएमईडब्ल्यूएफ)

ईएसएम/आश्रितों को उनकी पहचान की गई व्यक्तिगत जरूरतों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें आरएमईडब्ल्यूएफ के तहत पेन्युरी ग्रांट और चिल्ड्रन एजुकेशन ग्रांट शामिल हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आरएमईडब्ल्यूएफ के तहत 132.96 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता वितरित की गई है।

गंभीर बीमारियों के लिए वित्तीय सहायता

अधिकारी रैंक से नीचे के गैर-पेंशनभोगियों (पीबीओआर) और अधिकारियों को क्रमशः 90 और 75 प्रतिशत व्यय तक की वित्तीय सहायता अधिकतम 1.25 लाख रुपये (हृदय रोग आदि के लिए) और 0.75 लाख रुपये प्रति वर्ष (डायलिसिस और कैंसर के लिए) प्रदान की जा रही है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 22.69 लाख रुपये की कुल राशि का भुगतान किया गया।

पैराप्लेजिक पुनर्वास केंद्र (पीआरसी)

प्रति व्यक्ति वार्षिक 30,000 रुपये के अतिरिक्त, पैराप्लेजिक पुनर्वास केंद्र (पीआरसी), खड़की और मोहाली, जो पैराप्लेजिक एवं टेट्राप्लाजिक ईएसएम के पुनर्वास के लिए एक स्वायत्त संगठन है, के रख-रखाव/स्थापना के लिए क्रमशः 120 लाख एवं 10 लाख रुपये का वार्षिक अनुदान प्रदान किया जा रहा है । वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान दोनों पीआरसी को कुल 168.72 लाख रुपये की राशि वितरित की गई है।

युद्ध स्मारक छात्रावास (डब्ल्यूएमएच)

युद्ध स्मारक छात्रावास (डब्ल्यूएमएच) युद्ध विधवा/ युद्ध विकलांगों के बच्चों को प्रति माह 1350/- रुपये का अनुदान प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 23.24 लाख रुपये की राशि वितरित की गई है।

हमारी मातृभूमि के लिए बहादुरी से लड़ने वाले बलिदानी वीरों और सैनिकों को सम्मानित करने के लिए देश भर में हर साल 7 दिसंबर को आर्म्ड फोर्सेज़ फ्लैग डे मनाया जाता है। इस दिन सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, के सम्मान के प्रतीक के रूप में 11 बजे दो मिनट का मौन रखकर उन्हें याद किया जाता है।

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