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शिक्षा मंत्री ने वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग के हीरक जयंती समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ मुख्य अतिथि के रूप में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग (उच्च शिक्षा विभाग) के हीरक जयंती समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे भी सम्मानीय अतिथि के रूप में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।

शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग ने 60 साल की अपनी गौरवपूर्ण यात्रा में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली के निर्माण और विकास में महत्वपूर्ण काम किया है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए श्री पोखरियाल ने हीरक जयंती समारोह के अवसर पर शब्दावली आयोग परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि 6 दशक की अपनी शानदार यात्रा के दौरान विज्ञान, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी, कृषि और चिकित्सा विज्ञान सहित विभिन्न विषयों में 9 लाख से अधिक अंग्रेजी शब्दों के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में शब्दावली का विकास करना बेहद प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के भाग 4 में निर्दिष्ट आठवां मौलिक कर्तव्य हमें “वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मानवतावाद और सीखने तथा सुधार की भावना को विकसित करने” का निर्देश देता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सीखने की प्रक्रिया के लिए, अपनी भाषा में ज्ञान होना और वैज्ञानिक तथा उचित रूप से अपनी भाषा का विकास करना आवश्यक है।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति और शब्दावली आयोग दोनों को एक साथ योगदान देना चाहिए ताकि हम भी आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए भाषा और ज्ञान की अभिव्यक्ति में आत्मनिर्भर बन सकें। हमें ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी विभिन्न धाराओं में शब्दों के निर्माण,शब्दावली के प्रसार और आम जनता तक इसकी आसान पहुंच और उपयोग के लिए अत्यंत सतर्कता के साथ काम करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने के साथ ही, इस दिशा में शब्दावली आयोग का कार्य और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कथन को व्यक्त करते हुए श्री पोखरियाल ने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा – “यदि हमारी भाषाओं से हमारा विश्वास उठ गया है, तो यह इस बात का संकेत है कि हमें स्वयं पर कोई भरोसा नहीं है”। नई शिक्षा नीति से लेकर आयोग के काम तक हम सभी भारतीय भाषाओं के सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

इस समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में शिक्षा राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रेने भी आयोग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और सभी को हीरक जंयती की बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने विज्ञान,यांत्रिकी, कृषि, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आयोग द्वारा बनाई गई परिभाषा की भी सराहना की।

श्री धोत्रे ने कहा किआयोग सही मायने में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा है और इसका अनुमान  आयोग द्वारा बनाए गए शब्दावलियों से लगाया जा सकता है। आयोग की उपलब्धियों से पता चला कि आयोग लगातार सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है। शिक्षा के क्षेत्र में और इसके अनुरूप काम करने के लिए भारतीय भाषाओं के महत्व और भूमिका की व्याख्या करना बहुत महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिक तकनीकी विषयों की शब्दावली और विश्वविद्यालय स्तरीय पुस्तकों के निर्माण के साथ, आयोग की जिम्मेदारी और भी अधिक स्पष्ट हो जाती है।

हीरक जयंती समारोह के अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री पोखरियाल ने आयोग की विभिन्न पहलों का शुभारंभ किया जिसमें आयोग की हीरक जयंती का लोगो, आयोग की आधिकारिक वेबसाइट, प्रकाशन वेबसाइट, मोबाइल ऐप, हिंदी विज्ञान यूट्यूब आधिकारिक चैनल, ई-स्मारिका और 20 संस्करणों में व्यापक शब्दावली शामिल हैं।

वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रो. अवनीश कुमार ने कहा कि आयोग ने पिछले छह दशकों से अपनी विभिन्न योजनाओं से आयोग को लगातार विकसित किया है और इसकी विभिन्न शब्दावली संग्रह से, कई विषयों में हिंदी और भारतीय भाषाओं की शब्दावली शिक्षा जगत के लिए उपलब्ध है। साथ ही, आयोग के सभी प्रकाशनों को आयोग की प्रकाशन वेबसाइट पर ई-बुक के रूप में उपलब्ध कराकर, इसने लोगों तक अपनी पहुंच बढ़ाई है। यह भी बताया गया कि आयोग के कार्यों में अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की आवश्यकता है, जिसके प्रयास किए जा रहे हैं,आयोग के सभी प्रकाशनों को ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराया गया है। इस क्षेत्र में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। शब्दावली के विकास के साथ, वैज्ञानिक और तकनीकी पुस्तकों के अनुवाद में प्रौद्योगिकी के माध्यम से कौशल प्राप्त करने की आवश्यकता प्रतीत होती है।

इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सच्चिदानंद जोशी और प्रोफेसर योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ ने भी शुभकामनाएं दी और इस शब्दावली आयोग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की है। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री डॉ. श्याम सिंह शशि ने की। उन्होंने भी आयोग के हीरक जयंती समारोह में सभी को बधाई और धन्यवाद दिया और भारतीय भाषाओं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और आत्म-निर्भर भारत विषय पर दो दिवसीय वेबिनार के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

भारतीय भाषाओं के लिए शब्दावली विकसित करने के लिएभारत के राष्ट्रपति ने 27 अप्रैल 1960 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 344 के खंड (4) के अनुसार एक समिति की सिफारिश के आधार पर एक स्थायी आयोग के गठन का आदेश दिया। प्रावधानों के तहत,1 अक्टूबर, 1961 को भारत सरकार द्वारा वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना की गई थी। वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग मानक शब्दावली का विकास और उपयोग,वितरण और प्रचार करता है।

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