उत्तर प्रदेश

प्रदेश में बिजली की मांग पिछले चार वर्षों के उच्चतम स्तर लगभग 22500 मेगावाट पर पहुंची: ए.के. शर्मा

लखनऊ: भीषण गर्मी के कारण प्रदेश में बिजली की मांग पिछले चार वर्षों के उच्चतम स्तर लगभग 22500 मेगावाट पर पहुंच गयी है। इस समय देश के अन्य राज्यों में भी बिजली की कटौती शुरू हो गयी है। ऐसा अचानक से बढ़ी गर्मी और कुछ अन्य तकनीकी कारणों से हो रहा है। इन प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उ0प्र0 पावर कारपोरेशन प्रदेश में विद्युत आपूर्ति को सामान्य रखने और उपभोक्ताओं को अधिकतम विद्युत आपूर्ति देने हेतु युद्धस्तर पर प्रयासरत है। आज केन्द्रीय सेक्टर 332 मेगा0, राज्य सेक्टर (पारीक्षा) से 118 मेगा0 तथा अन्य स्रोतों से 331 मेगा0 विद्युत की उपलब्धता बढ़ गई है।
ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ने कहा कि पावर कारपोरेशन मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार प्रदेश में तय शिड्यूल के अनुरूप ही सभी क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि शहरों को यथा सम्भव कटौती से मुक्त रखने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण क्षत्रों में भी अत्यन्त आवश्यकता पड़ने पर ही आपात कटौती की जा रही हैं। कारपोरेशन बिजली की मांग के अनुरूप विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु विद्युत खरीदने से लेकर सभी सम्भव उपाय कर रहा है। हमें आशा है कि हम शीघ्र ही विद्युत की समस्या को खत्म करने में सफल होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विद्युत के कार्य में 24ग7 सजग रहें और जन शिकायतों पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने खराब उपकरणों का त्वरित मरम्मत करने और किसी भी उपकरण के खराब होने की स्थिति का पूर्वानुमान कर भी समय से मरम्मत करें और इन सभी कार्यों के लिए जरूरी उपकरण सामान की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें।
ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे इन विशेष परिस्थितियों में हमारा सहयोग करें और ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे विद्युत कार्मिकों के कार्य में बाधा पहुंचे। हमारे विद्युत  कर्मी निर्बाध आपूर्ति के लिए दिन-रात अपने कार्य में लगे हैं। उन्होंने कहा कि गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है, वहीं कई बिजली इकाइयां तकनीकी कारणों से हफ्तों से बन्द है, ऐसे में बिजली की बचत के प्रयास में सभी अपना सहयोग प्रदान करें।
उन्होंने बताया है कि बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने एक मई से लगभग दो हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किया है। सिक्किम एवं हिमाचल प्रदेश से 400 मेगावाट हाइड्रो पावर जुटाने के अलावा बैकिंग (पूर्व में दी गयी बिजली के बदले अब बिजली लेने की व्यवस्था) की 325 मेगावाट विद्युत मध्यप्रदेश से और 283 मेगावाट बिजली राजस्थान से मिलने की सम्भावना है। इसी तरह बिडिंग के जरिए भी 430 से 950 मेगावाट बिजली की व्यवस्था की जा री है। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज का कहना है कि बिजली संकट से निपटने के हर संभव प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने ने उम्मीद जताई कि पहली मई से लगभग डेढ़-दो हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम होने से बिजली आपूर्ति की स्थिति में काफी हद तक सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि विद्युत उत्पादन की जो ईकाइयां बन्द है उन्हें भी शीघ्र चालू करके का प्रयास युद्धस्तर पर किया जा रहा है। विभिन्न स्तरों पर आपूर्ति, उत्पादन, उपभोक्ता सेवा एवं राजस्व प्राप्ति आदि की गहनता मॉनीटरिंग हो रही है। उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों अवकाश के दिनों में भी जनता की सेवा करने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों के कार्य दायित्वों का जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करने पर बल दिया है।

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