उत्तर प्रदेश

दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं: अनिल राजभर

लखनऊः शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे अपने जीवन को संवारा जा सकता है। शिक्षित व्यक्ति ही स्वयं का निर्माण कर सकता है और बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकता है। सभी छात्रों को इस चेतना को जाग्रत करने की आवश्यकता है और अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता भी जरूरी हैं, जिससे लक्ष्य की प्राप्ति में कोई रूकावट न आ सके।

यह बात दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री अनिल राजभर ने दृष्टिबाधित दिव्यांग विद्यार्थियों को डेजी प्लेयर वितरण कार्यक्रम के दौरान कही। यह कार्यक्रम डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया।

श्री राजभर ने कहा दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है। इसके लिए उनके शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए सरकार सकारात्मक कदम उठा रही है। उन्हांेने कहा कि सरकार दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करने, उनके मनोबल को बढ़ाने तथा जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

कार्यक्रम के दौरान निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण श्री अजीत कुमार ने उपस्थित दिव्यांग छात्र-छात्राओं के मनोबल को बढ़ाते हुए कहा कि वे अपने आप को किसी भी प्रकार से कमजोर न समझें। शिक्षा के क्षेत्र में जितना अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं उतना करने का प्रयास करें क्योंकि इस क्षेत्र में कोई भी रास्ता बंद नहीं है।

श्री अजीत कुमार ने कहा कि सभी बच्चों में सकारात्मक सोच होना बहुत जरूरी हैं, तभी बेहतर परिणाम दे सकते हैं। शिक्षा के माध्यम से समाज की तस्वीर बदल सकते हैं और देश के विकास में भागीदार बन सकते है।

इस कार्यक्रम में शकुन्तला विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विभिन्न पाठ्यक्रमों के 266 दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं को डेजी प्लेयर वितरित किये गये। इसके माध्यम से दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं को अध्ययन में सहायता मिलेगी।

कार्यक्रम में डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह, कुल सचिव श्री अमित कुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

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