देश-विदेश

महाराष्ट्र से ब्रिटेन के लिए जीआई प्रमाणित घोलवड सपोटा (चीकू) का निर्यात प्रारंभ

भौगोलिक संकेत (जीआई) प्रमाणित उत्पादों के निर्यात को प्रमुखता से बढ़ावा देते हुए, महाराष्ट्र के पालघर जिले से दहानु घोलवड सपोटा की एक खेप को आज यूनाइटेड किंगडम भेज दिया गया।

घोलवड सपोटा का जीआई प्रमाणीकरण महाराष्ट्र राज्य चीकू उत्पादक संघ के पास है और यह फल अपने मीठे और बेहतरीन स्वाद के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि घोलवड गांव की कैल्शियम समृद्ध मिट्टी से इसमें अद्वितीय स्वाद उत्पन्न होता है।

वर्तमान में पालघर जिले में लगभग 5000 हेक्टेयर भूमि में सपोटा या वृक्षारोपण किया जाता है। सपोटा उगाने वाले 5000 किसानों में से 147 किसान अधिकृत जीआई उपयोगकर्ता हैं।

अधिकृत जीआई उपयोगकर्ताओं से प्राप्त दहानु घोलवड सपोटा को मैसर्स के बी एग्रो इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, तापी (गुजरात) से सहायता प्राप्त और पंजीकृत पैक हाउस सुविधा एपीईडीए से क्रमबद्ध और वर्गीकृत किया गया और मैसर्स के बी एक्सपोर्टस के द्वारा निर्यात किया गया।

वर्तमान में, आयात करने वाले देशों में मांग मुख्य रूप से विशिष्ट आबादी से है और एपीडा के अध्यक्ष डॉ एम अंगमुथु ने कहा कि अगर मुख्य खरीदारों को भी लक्षित किया जाता है तो इसका निर्यात कई गुना बढ़ सकता है क्योंकि अन्य फलों के विपरीत सपोटा को वर्षभर उगाया जा सकता है।

एपीडा जीआई उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है। जीआई उत्पादों की विशिष्टता और आंतरिक विशेषता के कारण इनकी बाहरी उत्पादों से व्यावहारिक रूप से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है, इसलिए इनके निर्यात के लिए अच्छी संभावनाएं रहती हैं।

सपोटा को कई राज्यों- कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में उगाया जाता है। कर्नाटक को फल का सबसे अधिक उत्पादक माना जाता है, इसके बाद महाराष्ट्र है। इसका उपयोग फलों के सलाद में, दूध या दही में मिश्रित करके, चटनी के रूप में अथवा जैम बनाने के रूप में किया जा सकता है।

इस महीने की शुरुआत में, आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तौड़ जिलों के किसानों से प्राप्त 2.5 मीट्रिक टन जीआई प्रमाणित बंगनपल्ली और सुरवर्णरेखा आम की एक खेप दक्षिण कोरिया को निर्यात की गई थी।

इन आमों को आंध्र प्रदेश के तिरुपति में एपीडा समर्थित पैक हाउस और वेपर हीट केन्द्रों में स्वच्छ, पैक करके दिया गया था और इफको किसान एसईजेड (आईकेएसईजेड) द्वारा इनका निर्यात किया गया था।

यह आईकेएसईजेड द्वारा भेजी गई निर्यात की पहली खेप थी, जो इफको की एक सहायक कंपनी है और 36,000 समितियों की सदस्यता के साथ एक बहु-राज्य सहकारी संघ है। इस मौसम में दक्षिण कोरिया को आमों का अधिक निर्यात किए जाने की संभावना है। इफको किसान एसईजेड ने इस मौसम में 66 मीट्रिक टन आम की आपूर्ति के लिए दक्षिण कोरिया के मीजैम के साथ एक समझौता किया है। आंध्र प्रदेश बागवानी विभाग ने भी इस प्रयास में सहयोग किया।

एपीडा अपनी योजना के विभिन्न घटकों जैसे बुनियादी ढांचा विकास, गुणवत्ता विकास और बाजार विकास के तहत निर्यातकों को सहायता प्रदान करके कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, एपीडा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आयात करने वाले देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक (बीएसएम), वर्चुअल व्यापार मेलों का भी आयोजन करता है।

इसके अलावा, वाणिज्य विभाग (डीओसी) विभिन्न योजनाओं जैसे निर्यात के लिए व्यापार बुनियादी ढांचा योजना (टीआईईएस), बाजार पहुँच पहल (एमएआई) आदि के माध्यम से भी निर्यात में सहायता प्रदान करता है।

Related Articles

Back to top button