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कोविड-19 से संबंधित चिकित्सा सामानों के उत्पादन से जुड़े एमएसएमई को प्राथमिकता के आधार पर मिलें सुविधाएं: नितिन गडकरी

नई दिल्ली: केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री (एमएसएमई) श्री नितिन गडकरी ने कोविड 19 महामारी के प्रभाव के मद्देनजर सरकारी मशीनरी की तैयारियों की स्थिति की समीक्षा के लिए मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। एमएसएमई राज्य मंत्री श्री प्रताप चंद्र सारंगी, सचिव डॉ. अर्जुन कुमार पांडा, केवीआईसी चेयरमैन श्री वी. के. सक्सेना, एसएसएंडडीसी श्री राम मोहन मिश्रा और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ ही देश भर के विभिन्न क्षेत्रों के क्षेत्रीय अधिकारी भी कॉन्फ्रेंस में शामिल रहे। ढाई घंटे से ज्यादा समय तक हुए विचार-विमर्श के दौरान केंद्रीय मंत्री ने महामारी की पृष्ठभूमि में उठाए गए कदमों का जायजा लिया, जिनसे क्षेत्र को बड़ा झटका लगा है। इसमें एमएसएमई क्षेत्र पर कोविड 19 के प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए वित्त मंत्रालय और आरबीआई द्वारा किए गए उपायों के साथ ही एमएसएमई मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की गई।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश को दोतरफा लड़ाई लड़ने की जरूरत है, जिसमें से पहली कोविड के खिलाफ और दूसरी अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर है। उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों और क्षेत्रीय स्तर पर बदलावों के द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा करने के साथ ही जोर दिया कि इस कवायद में सुझाई गई स्वच्छता, समाजिक दूरी संबंधी सावधानियां बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड 19 के कारण पिछले एक महीने के दौरान वेंटिलेटर, पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर जैसे चिकित्सा सामानों की मांग तेजी से बढ़ गई है और एमएसएमई इन सामानों का उत्पादन बढ़ाकर इसकी भरपाई करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों से जुड़े एमएसएमई के लिए प्राथमिकता के आधार पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 2019-20 के दौरान कोष का उपयोग अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है। उन्होंने मंत्रालय के खादी और ग्रामोद्योग (केवीआईसी) आयोग, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी), कयर बोर्ड, प्रौद्योगिकी केंद्रों (टीसी) और विकास संस्थानों जैसे अन्य संगठनों द्वारा उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की।

मंत्री को सूचित किया गया कि मंत्रालय के सभी संगठन लॉकडाउन के बावजूद देश भर में विभिन्न स्थानों पर खाने के पैकेट के वितरण में शामिल रहे हैं। केवीआईसी ने कारीगर कल्याण कोष (एडब्ल्यूएफ) ट्रस्ट से हर पंजीकृत कारीगर को 1,000 रुपये प्रति महीना जारी करने का फैसला लिया है। इसके अलावा खादी संस्थानों को तीन किस्तों कारीगरों के बैंक खातों में एडब्ल्यूएफ अंशदान जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। कयर बोर्ड और उद्योग ने पीएम केयर्स राहत कोष में 8 लाख रुपये का अंशदान किया है। एनएसआईसी ने 01/03/2020 बीजी के एवज में आरएमए का लाभ लेने वाली पात्र एमएसएमई कंपनियों को बकाये के पुनर्भुगतान के लिए 3 महीने की छूट, 01/03/2020 से 30/06/2020 के बीच एसपीआरएस सूचीबद्धता प्रमाण पत्र की वैधता जारी रखने, एमएसएमई मार्ट में वार्षिक सदस्यता पर छूट पेशकश आदि मौद्रिक रियायतें दी हैं। एनएसआईसी ने यह भी कहा कि उसने अपने सीएसआर कोष से पीएम केयर कोष में 100 लाख रुपये और एनएसआईसी कर्मचारियों के एक दिन के वेतन के रूप में अतिरिक्त 15 लाख रुपये का अंशदान किया।

एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्रों (टीसी) की तरफ से सूचना दी गई कि वे सैनिटाइजर्स, मास्क, गाउन, फेस शील्ड और अस्पताल फर्नीचर के विनिर्माण से जुड़े हुए हैं। टीसी ने इन-हाउस विनिर्माण बढ़ाने और इन सामानों के विनिर्माण में एमएसएमई की सहायता करने के लिए अपनी प्रतिबद्ध जाहिर की है। केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि इन सामानों की व्यापक स्तर पर जरूरत को देखते हुए यह काम तेजी से किया जाना है। केंद्रीय मंत्री ने इच्छा जाहिर की कि टीसी को वेंटिलेटर और कोरोना परीक्षण किट के विनिर्माण के लिए प्रमाणित और स्वीकृत तकनी के साथ विशेषज्ञों और एजेंसियों को सहयोग करना चाहिए तथा चिकित्सा मानकों के अनुपालन के साथ ही इनके व्यापक उत्पादन की दिशा में प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कामगारों को लिए आश्रय स्थल, पुलिस के लिए हॉस्टल और एकांतवास केंद्रों के तौर पर इस्तेमाल के लिए अपने केंद्रों को खोलने पर टीसी की सराहना की। स्थायी कर्मचारियों की कम संख्या के बावजूद टीसी ने एक दिन के वेतन के रूप में पीएम केयर्स कोष में 22 लाख रुपये का अंशदान किया।

आखिर में केंद्रीय मंत्री ने अपने अधिकारियों से तीसरे पक्ष द्वारा उपयुक्त स्वतंत्र मूल्यांकन के बाद योजनाओं में संशोधन और आकार बढ़ाकर एमएसएमई के लिए सहायता को आगे आनने का अनुरोध किया। उन्होंने अधिकारियों से एमएसएमई को समन्वित राहत पहुंचाने के लिए सभी हितधारकों के साथ संपर्क में रहने का भी अनुरोध किया है।

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