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कोविड-19 से निपटने के लिए आयुष के उपायों से संबंधित अंतर-विषयक अध्ययनों का औपचारिक शुभारंभ आज

नई दिल्ली: आयुष मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन आज नई दिल्ली में कोविड-19 स्थिति से संबंधित आयुष आधारित तीन अध्ययनों का संयुक्त रूप से शुभारंभ करेंगे।

आयुष मंत्रालय ने आयुष प्रणालियों के क्लिनिकल या नैदानिक अध्ययनों (रोगनिरोधी और पूरक उपाय) के माध्यम से देश में कोविड-19 महामारी की समस्या का समाधान करने के लिए अनेक पहल की हैं।  मंत्रालय कोविड-19 की रोकथाम के लिए ज्‍यादा जोखिम वाली आबादी में आयुष आधारित रोगनिरोधी उपायों के प्रभावों के साथ-साथ आयुष एडवाइजरी और आयुष उपायों का भी अध्ययन कर रहा है।

आयुष मंत्रालय ने इस पहल के लिए रणनीतियां तैयार और विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के उपाध्यक्ष डॉ. भूषण पटवर्धन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों के एक समूह वाले एक अंतर-विषयक आयुष आरएंडडी कार्यबल का गठन किया है।

निम्नलिखित अध्ययनों का औपचारिक शुभारंभ 07 मई, 2020 को होगा:

  1. रोगनिरोधी के रूप में आयुर्वेद के उपायों पर और कोविड-19 की मानक निगरानी के लिए एक पूरक उपाय के रूप में नैदानिक या रोग-विषयक ​​अनुसंधान अध्ययन: आईसीएमआर के तकनीकी सहयोग के साथ वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के माध्यम से आयुष मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की संयुक्त पहल के रूप में सहयोगात्मक नैदानिक ​​अध्ययन।

अंतर-विषयक आयुष आरएंडडी कार्यबल ने देश भर के विभिन्न संगठनों के प्रख्‍यात विशेषज्ञों की गहन समीक्षा और परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से कोविड-19 पॉजिटिव मामलों में रोगनिरोधी अध्ययनों और पूरक उपायों के लिए नैदानिक अनुसंधान प्रोटोकॉल तैयार एवं डिजाइन किए हैं, ताकि चार अलग-अलग उपायों यथा अश्वगंधा, यष्टिमधु, गुडूची +पिप्पली और एक पॉली हर्बल फॉर्मूलेशन (आयुष-64) का अध्‍ययन किया जा सके।

ए. कोविड-19 महामारी के दौरान अधिक जोखिम वाले रोगियों में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ रोगनिरोधी के लिए अश्वगंधा: स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ एक तुलना, और

बी. हल्‍के से लेकर सामान्‍य कोविड-19 तक के उपचार के लिए ‘निगरानी के मानक’ के संयोजन के रूप में आयुर्वेद निरूपण की प्रभावशीलता: आयुर्वेद फॉर्मूलेशन की प्रभावशीलता: एक क्रमरहित, खुला लेबल, समानांतर प्रभावकारिता, सक्रिय नियंत्रण, बहु-केंद्र खोजपूर्ण या प्रारंभिक दवा परीक्षण।

  1. आयुष आधारित रोगनिरोधी उपायों के प्रभाव पर जनसंख्या आधारित उपाय संबंधी अध्ययन: आयुष मंत्रालय ज्‍यादा जोखिम वाली आबादी में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक उपायों के प्रभाव का पता लगाने के लिए जनसंख्या आधारित अध्ययन शुरू कर रहा है। इसके मुख्य उद्देश्यों में कोविड-19 के लिए आयुष उपायों की निवारक क्षमता का आकलन करना और ज्‍यादा जोखिम वाली आबादी के जीवन स्‍तर में सुधार का आकलन करना शामिल हैं। यह अध्‍ययन आयुष मंत्रालय के अधीनस्‍थ चार शोध परिषदों और देश भर के 25 राज्यों में स्थित राष्ट्रीय संस्थानों तथा लगभग 5 लाख की आबादी को कवर करने वाली कई राज्य सरकारों के माध्यम से कराया जाएगा।

अध्ययन के निष्‍कर्ष निश्चित रूप से वैज्ञानिक सबूतों के माध्यम से कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान आयुष उपायों की निवारक क्षमता को समझने में एक नया क्षितिज प्रशस्त करेंगे।

  1. कोविड-19 की रोकथाम में अपनी भूमिका में आयुष एडवाइजरी की स्वीकृति और उपयोग के प्रभाव के आकलन के लिए आयुष संजीवनी अनुप्रयोग आधारित अध्ययन:  आयुष मंत्रालय ने 5 मिलियन लोगों के लक्ष्य के साथ बड़ी आबादी का डेटा सृजित करने के लिए आयुष संजीवनी मोबाइल एप विकसित किया है। मुख्य अपेक्षित परिणामों में लोगों के बीच आयुष एडवाइजरी और उपायों की स्वीकृति एवं उपयोग और कोविड-19 की रोकथाम में इसके प्रभाव पर डेटा सृजित करना शामिल है।

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