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सरकार ने अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार किसानों से 2020-21 खरीफ फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जारी रखी

खरीफ विपणन 2020-21 का सत्र अभी शुरू हुआ है और सरकार अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार ही किसानों से खरीफ की फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है।

राज्यों के मिले प्रस्ताव के आधार पर, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा राज्यों को खरीफ सत्र 2020-21 के लिए 14.09 लाख मीट्रिक टन दलहन तथा तिलहन की खरीद की मंजूरी दी गई है। अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए खरीफ दलहन और तिलहन के बिक्री प्रस्ताव की प्राप्ति पर अनुमोदन किया जायेगा और यदि अधिसूचित समय अवधि के दौरान बाजार की दरें इसके एमएसपी से नीचे चली जाती हैं तो फिर एफएक्यू ग्रेड की खरीद मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अनुसार की जाएगी।

28.09.2020 तक, सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 46.35 मीट्रिक टन मूंग की खरीद की है, जिसका एमएसपी मूल्य 33 लाख रुपये है और इससे तमिलनाडु में 48 किसानों को फायदा हुआ है। इसी तरह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के लिए 1.23 लाख मीट्रिक टन की स्वीकृत मात्रा के तहत कर्नाटक और तमिलनाडु में 52.40 करोड़ रुपये की एमएसपी पर 5089 मीट्रिक टन कोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद की गई है। इससे 3961 किसानों को लाभ मिला है।

खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के दौरान धान की खरीद 26 सितंबर, 2020 से हरियाणा और पंजाब में शुरू हो गई है। 28.09.2020 तक हरियाणा में 3,164 मीट्रिक टन और पंजाब में 13,256 मीट्रिक टन कुल मिलाकर 16,420 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। 1888 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर हरियाणा और पंजाब के 1443 किसानों को 31 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। शेष राज्यों के लिए भी धान की खरीद 28.09.2020 से शुरू हो चुकी है।

2020-21 विपणन सत्र के लिए कपास की खरीद 1 अक्टूबर, 2020 से शुरू होगी और कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) 1 अक्टूबर 2020 से एफएक्यू ग्रेड कॉटन की खरीद शुरू करेगी।

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