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आईबीबीआई ने ‘कोविड-19’ के प्रकोप के कारण ‘सीआईआरपी’ नियमों में संशोधन किए

नई दिल्ली: ‘कोविड-19’ की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के कारण हो रही कठिनाई को दूर करने के लिए भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) ने ‘सीआईआरपी’ नियमों में संशोधन कर संबंधित लोगों को सहूलियत दी है। इसमें बताया गया है कि कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से संबंधित ऐसे किसी भी कार्य के लिए तय की गई समय सीमा में नहीं गिना जाएगा, जो लॉकडाaउन के कारण पूरा नहीं हो सका। हालांकि, इसके तहत संबंधित संहिता (कोड) में दी गई समग्र समय सीमा को ध्‍यान में रखा जाएगा।

  आईबीबीआई ने 29 मार्च, 2020 को भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (कॉरपोरेट व्यक्तियों के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया) नियम, 2016 (सीआईआरपी नियम) में संशोधन किए।

   भारत सरकार ने कोविड-19 को फैलने से रोकने और इसे नियंत्रण में रखने के ठोस कदम के तहत 25 मार्च, 2020 से 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। लॉकडाउन की अवधि के दौरान दिवाला से जुड़े प्रोफेशनलों के लिए प्रक्रिया का संचालन जारी रखना, कर्जदाताओं की समिति के सदस्यों के लिए बैठकों में भाग लेना और समाधान संबंधी संभावित आवेदकों के लिए समाधान योजनाओं को तैयार करना एवं प्रस्तुत करना मुश्किल है। अत: इस स्थिति में सीआईआरपी नियमों में निर्दिष्ट समयसीमा के भीतर किसी कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के दौरान विभिन्न कार्यों को पूरा करना मुश्किल हो सकता है।

   संशोधित नियम 29 मार्च, 2020 से प्रभावी हो गए हैं। ये www.mca.gov.in और www.ibbi.gov.in पर उपलब्ध हैं।

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