उत्तर प्रदेश

बीते 09 वर्षों में महिलाओं के जीवन, उनके सपनों को केंद्र में रखकर कार्य हुआ: मुख्यमंत्री

लखनऊप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम व्यापक विजन वाला कानून है। इस कानून की ताकत से समाज से लेकर परिवार तक हर स्तर पर महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की उपस्थिति बढ़ेगी। हमें ऐसा समाज तैयार करना है, जिसमें नारी को आगे बढ़ने के लिए किसी के सहयोग की जरूरत न पड़े। इसके लिए कानूनी प्रयास जारी हैं और सांस्कृतिक मूल्यों को भी मजबूत करना जरूरी है। इसलिए इस कानून का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम रखा गया है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम ने इस बार नवरात्रि के उत्साह को कई गुना बढ़ा दिया है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए काशी की पवित्र धरती से देशभर की माताओं-बहनों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री जी आज सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में नारी शक्ति वंदन-अभिनन्दन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कानून तीन दशकों से लटका हुआ था। लेकिन आज आप सभी मातृशक्ति की ही ताकत है कि संसद के दोनों सदनों में यह अधिनियम रिकॉर्ड वोटों से पारित हुआ है। आपके आशीर्वाद से इसका सौभाग्य आपकी काशी के सांसद को मिला है। इसलिए संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसा ऐतिहासिक कानून पास होने के बाद सबसे पहले काशी में आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं। यह मेरा सौभाग्य है, कि आज इतनी बड़ी तादाद में काशी और पूर्वांचल की मातृशक्ति हमें आशीर्वाद दे रही हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हमारी काशी माता कुष्मांडा, माता श्रृंगारगौरी, माता अन्नपूर्णा और मां गंगा की पावन नगरी है। यहां के कण-कण में मातृशक्ति की महिमा जुड़ी हुई है। विंध्यवासिनी देवी भी बनारस से बहुत दूर नहीं हैं। काशी नगरी देवी अहिल्याबाई होलकर के पुण्य कार्यों और प्रबन्ध कौशल की भी साक्षी रही है। नारी का नेतृत्व बाकी दुनिया के लिए एक आधुनिक व्यवस्था हो सकती है, लेकिन हम तो महादेव से पहले माँ पार्वती और माँ गंगा को प्रणाम करने वाले लोग हैं। हमारी काशी रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगना की जन्मभूमि भी है। आजादी की लड़ाई में लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगनाओं से लेकर आधुनिक भारत में मिशन चंद्रयान को लीड करने वाली महिला वैज्ञानिकों तक नारी नेतृत्व का सामर्थ्य क्या होता है, यह हमने हर कालखंड में साबित किया है।
हमने बीते 09 वर्षों में महिलाओं के जीवन, उनके सपनों को केन्द्र में रखकर काम किया। किसी को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा है, किसी को घर मिल गया है, रेहड़ी-पटरी वालों को बैंक से लोन मिल गया। माताओं-बहनों के लिए जो कार्य हो रहे हैं, वह देश की शक्ति बढ़ा रहे हैं। जनपद वाराणसी में 02 लाख 30 हजार से ज्यादा महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ मिला है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाओं को अब प्रति सिलेंडर सरकार से 400 रुपये की सब्सिडी मिल रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत जनपद वाराणसी में 75,000 पक्के घर बनाकर गरीबों को दिए गए हैं। इनमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम पर हैं। आप भी जानती हैं कि हमारे यहां महिलाओं के नाम सम्पत्ति रखने की परम्परा कम ही रही है। गाड़ी खरीदनी हो तो पुरुष के नाम, जमीन खरीदनी हो तो पुरुष के नाम, दुकान खरीदनी हो तो पुरुष का नाम, घर खरीदना हो तो पुरुष के नाम, लेकिन मोदी ने आकर देश की माताओं, बहनों, बेटियों के नाम पर सम्पत्ति की परम्परा शुरू की है। हमने पी0एम0 आवास योजना में महिलाओं के नाम पर घर देने का प्रावधान किया। इस वजह से आज काशी में भी हजारों महिलाओं के नाम घर की रजिस्ट्री हुई है। इससे परिवार में, घर में उनकी अहमियत भी बढ़ी है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आज खेल के मैदान से लेकर राफेल उड़ाने तक हर जगह हमारी बेटियां कमाल कर रही हैं। जब महिलाओं को समान अवसर मिलते हैं, तो विकास को कितनी गति मिलती है, हमारा बनारस इसका साक्षी है। बनारस में हजारों महिलाओं को पी0एम0 मुद्रा योजना से लाभ मिला है। चाहे हैण्डीक्राफ्ट का काम हो, शिल्प की कारीगरी हो, या अचार बनाने जैसे गृह उद्योग हों, महिलाएं बड़ी संख्या में इनसे जुड़ी हैं। पी0एम0 मुद्रा योजना के सहयोग से इन उद्योगों को नयी ताकत मिली है। कितने ही छोटे-बड़े उद्योग, जो बंद होने की कगार पर थे, आज उनके प्रोडक्ट्स देश-दुनिया के बाजार में पहुंच रहे हैं।
बनारस और पूर्वांचल में बड़ी संख्या में महिला स्वयं सहायता समूह तैयार हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह के जरिए महिलाएं परिवार के हालात सुधार रही हैं। साथ ही, स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति दे रही हैं। बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी की एक बड़ी संख्या तैयार हुई है। इन महिलाओं ने अपने इलाकों में एक नई पहचान बनाई है। लोगों को पता है कि कोई समस्या है, कोई जानकारी चाहिए तो यह महिलाएं रास्ता दिखाएंगी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पी0एम0 स्वनिधि योजना का लाभ कई महिलाओं को मिला है। बनारस में पर्यटन से रोजगार मिलता है। उसमें महिलाओं की भागीदारी बहुत ज्यादा बढ़ रही है। उन्होंने इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि टूरिस्ट गाइड जैसी भूमिकाओं के लिए भी हम बनारस में महिलाओं को आगे लाएं, उन्हें ट्रेनिंग दें ताकि उनको बनारस की एक-एक चीज की जानकारी रहे। इससे महिला टूरिस्ट को आसानी होगी। महिला टूरिस्टों की संख्या बढ़ेगी। बनारस की बहनों को रोजगार मिलेगा। हमारी माताओं-बहनों के आशीर्वाद से देश अमृतकाल में इसी तरह आगे बढ़ता रहेगा, बड़े निर्णय लेता रहेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश की मातृशक्ति और काशी की मातृशक्ति की ओर से प्रधानमंत्री जी का उनकी काशी में स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि ‘नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृसमा गतिः, नास्ति मातृसमं त्राणं नास्ति मातृसमा प्रपा’ अर्थात मां के समान कोई छाया नहीं, मां के समान कोई सहारा नहीं, मां के समान कोई रक्षक नहीं, मां के समान कोई प्रिय नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण का एक बहुत महत्वपूर्ण और अभिनन्दनीय प्रयास है। देश की संसद में और देश के विभिन्न राज्यों की विधानसभाओ में एक तिहाई से अधिक बहनें चुनकर जाएंगी, जो सशक्तिकरण के एक नए अध्याय को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगी।
विगत 09 वर्षों में पूरी दुनिया ने बदलते हुए भारत को देखा है। एक नया भारत जो आज समग्र विकास के मार्ग पर अग्रसर हुआ है और नित नयी बुलन्दियों को छू रहा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जी-20 सम्मेलन का सफलतम और अभूतपूर्व समापन हुआ तथा चंद्रयान-03 की चंद्रमा पर सफलतम लैंडिंग की कार्रवाई और आदित्य एल-01 के सफल प्रक्षेपण का कार्य सम्पन्न हुआ है। साथ ही, प्रधानमंत्री जी के यशस्वी नेतृत्व में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से भारत की आधी आबादी के सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। संसद में इस विधेयक को रिकार्ड मतां से पारित किया गया है। इसके उपरान्त आज प्रधानमंत्री जी का अपनी काशी में बाबा विश्वनाथ की इस अविनाशी काशी में आगमन हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं। वर्ष 2015 में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से बच्चों को सुरक्षा का कवच उपलब्ध करवाया जा रहा है। देश के अलग-अलग प्रतिष्ठानों में बेटियों को सम्मान व स्थान प्राप्त हो रहा है। उनके लिए शिक्षा, नौकरी व रोजगार के लिए विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं। सेना में अब फाइटर पायलट के रूप में उन्हें जो स्थान प्राप्त हो रहा है, यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं ने सफलता के नए-नए प्रतिमान गढ़े हैं। प्रधानमंत्री जी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से पुख़्ता व्यवस्था कर दी है, कि दुनिया की कोई ताकत अब माताओं-बहनों को आगे बढ़ने से नहीं रोक पाएगी।

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