उत्तर प्रदेश

समाज में बालश्रम अभिशाप, इसके उन्मूलन हेतु जन सहयोग आवश्यक: स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ: प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वर्तमान में बालश्रम देश-दुनिया के लिए अभिशाप बन गया है। बालश्रम पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए पंचायत स्तर पर कार्यवाही हो तथा इसके रोकथाम के लिए मण्डल स्तर पर कमिश्नर, जिला स्तर पर जिलाधिकारी तथा तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बने। पंचायतों को अधिकार दिये जायं। इस आशय का पत्र मा0 मुख्यमंत्री जी की ओर से सभी पंचायतों को दिए जांय। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग ने यूनीसेफ के सहयोग से बालश्रम को रोकने के लिए 20 जनपदों में विगत 02 वर्षों से ‘नया सबेरा’ योजना संचालित कर 150 से अधिक ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया गया। श्रम मंत्री ने इन सभी जनपदों के ग्राम प्रधानों व पार्षदों को बाल श्रम उन्मूलन के लिए सम्मानित किया।

श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अन्तर्राष्ट्रीय बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बालश्रम के रोकथाम व उन्मूलन के लिए हम सभी को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। बच्चों को शिक्षित करने के बजाय उनसे बालश्रम कराने वाले समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं। इसके लिए माता-पिता तथा अभिभावक भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने आह्वान किया कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति लोक कल्याणकारी योजनाओं एवं श्रमिक श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर अपने बच्चों को शिक्षित बनायें। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय योजनाओं को बेहतर तरीके से श्रमिकों तक पहुँचाने तथा बालश्रम उन्मूलन के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए।

श्रम मंत्री ने कहा कि प्रदेश व केन्द्र की सरकार हर बच्चे को शिक्षित करने के प्रयास में है। गरीब बच्चों को अधिक से अधिक सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के शिल्पी डा0 आम्बेडकर तथा अन्त्योदय दर्शन के प्रणेता पं0 दीनदयाल जी की मंशा थी कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का जीवन स्तर ऊँचा बने। इस अवसर पर उन्होंने समाजिक व श्रम संगठनों, एनजीओ, पंचायत प्रतिनिधियों तथा पत्रकारों से अपील की कि बालश्रम को दूर करने में अपना सहयोग प्रदान करें। इस अवसर पर श्रम मंत्री द्वारा प्रदेश के 23 जनपदों में बाल श्रम उन्मूलन जन जागरूकता के लिए रथ यात्रा का शुभारम्भ किया गया।

कार्यक्रम को श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री श्री मनोहर लाल (मन्नू कोरी) ने संबोधित करते हुए कहा कि समाज अपना योगदान दे ताकि कोई बच्चा अनपढ़ न रहे और मेहनत मजदूरी करने के लिए मजबूर न हो। किसी गरीब व मजदूर का बेटा स्कूल के बजाय मजदूरी के लिए न जाना पड़े। बीओसी बोर्ड के चेयरमैन डा0 रघुराज सिंह ने इस अवसर पर कहा कि विशालतम जनसंख्या वाले इस प्रदेश में हर व्यक्ति बाल श्रम को दूर करने के प्रति जिम्मेदारी ले तथा देश की अशिक्षा व गरीबी को दूर करने का संकल्प ले।

प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने कहा कि पूरी दुनिया में 17 करोड़ बाल श्रमिक हैं जिसमें से 15 प्रतिशत अपने देश में हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों, होटलों, रेस्टोरेन्ट व आवासीय मकानों में मजदूरी करने वाले बच्चों को चिन्हित करना होगा। सभी के सहयोग से ही इस सामाजिक बुराई को खत्म किया जा सकता है। कार्यक्रम में श्रमायुक्त श्री अनिल कुमार, अपर श्रमायुक्त श्री फैसल आफताब, डी0के0 सिंह, यूनीसेफ की प्रमुख सुश्री रूथ लियानों, उप श्रमायुक्त के साथ बड़ी संख्या में ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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