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जन जातीय मामलों के मंत्रालय ने झारखंड में आदिग्राम पर 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया

जनजातीय मामलों का मंत्रालय (एमओटीए) अपनी ‘आउटरीच पहल’ के हिस्से के रूप में जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं के निष्पादन से जुड़े प्रमुख हितधारकों से जुड़ रहा है।

इसी क्रम में, एमओटीए ने 27 और 28 अप्रैल 2022 को एडीआईजीआरएएमएस यानी आदिग्राम (आदिवासी अनुदान प्रबंधन प्रणाली) पर झारखंड राज्य के प्रमुख पदाधिकारियों के लिए दो दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंड राज्य के जन जातीय मंत्रालय के रांची स्थित ‘परियोजना भवन’ में किया गया था। आदिवासी योजना कार्यान्वयन से जुड़े राज्य भर के सभी 24 जिलों की परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) के साथ-साथ जिला कल्याण अधिकारियों, आईटीडीए के अधिकारियों जैसे 66 प्रमुख अधिकारियों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्हें डाटा अपलोड करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।

जनजातीय मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ. नवल जीत कपूर ने बताया कि आदिग्राम एक अनूठा पोर्टल है जो मंत्रालय द्वारा राज्यों को दिए गए अनुदान की भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी करता है और धन के वास्तविक उपयोग का पता लगा सकता है। लाभार्थियों का विवरण भी इस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को जियोटैग किया गया है। जब इसमें 2017-18 से 2021-22 तक का डेटा अपलोड हो जाएगा तब उसके बाद अपलोड की गई जानकारी सबके लिए सुलभ कर दी जाएगी जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी। जन जातीय मामलों के मंत्रालय ने इसी तरह के कार्यक्रम महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, मेघालय में आयोजित किए हैं, जहां एमओटीए और यूएनडीपी के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने प्रशिक्षण देने का काम किया।

इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंड के एसटी, एससी, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री के. के. सोन और अजय नाथ झा, आयुक्त के समन्वय से किया गया जिसमें राज्य स्तर के कार्यान्वयन निकायों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। यूएनडीपी के श्री जयंत कुमार और इस पोर्टल को विकसित करने वाली धनुष इंफोटेक की टीम राज्यों की आवश्यकता के अनुसार नियमित तौर पर ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

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