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मोदी के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आर्थिक राहत पैकेज को बताया अभूतपूर्व

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण निर्मला सीतारमण के आर्थिक राहत की घोषणा के बाद केंदीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि गांव, गरीब, किसान, मजदूर इन चारों सेक्टरों में जो घोषणाएं हुई हैं वो अभूतपूर्व हैं। उन्होंने कहा, ‘इससे ग्रामीण आबादी और कृषि क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को बल मिलेगा। इससे ग्रामीण भारत की ताकत बढ़ेगी। देश को आत्मनिर्भर बनाने में इन सब लोगों का महत्वपूर्ण योगदान होगा।’

उन्होंने आगे कहा कि बहुत छोटे लोग जो बेचारे कम आमदनी करते हैं और ज्यादा मेहनत करते हैं, चाहे वो चार पहिए ठेले वाले, छोटे रिक्शे वाले और रेहड़ी वाले क्यों न हो। ऐसे तमाम लोगों के लिए 10000 तक का लोन वो आसानी ले सकें इसकी घोषणा आज की।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज की दूसरी किस्त की बृहस्पतिवार को घोषणा की। इसमें छोटे किसानों, प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों, निम्न मध्यम आय वर्ग के लिये राहत उपाय किये गये।

वित्त मंत्री की घोषणाओं की मुख्य बातें इस प्रकार हैं…

  • आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को लाभ।
  • तीन करोड़ छोटे किसान पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुके हैं। 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किये गये।
  • मार्च और अप्रैल 2020 में 63 लाख लोगों के लिये 86,000 करोड़ रुपये मूल्य के ऋण मंजूर किये गये।
  • नाबार्ड ने अकेले मार्च में 29,500 करोड़ रुपये का पुनर्वित जारी किया। :राज्यों को प्रवासी मजदूरों का ध्यान रखने के लिये 11,000 करोड़ रुपये दिये गये।
  • शहरी बेघरों के लिये केन्द्र सरकार के खर्च पर प्रतिदिन खाने की व्यवस्था। :मनरेगा के तहत 13 मई तक 14.62 करोड़ मानव कार्य दिवस सृजित किये गये।
  • सरकार एक समान न्यूनतम मेहनताना अधिकार के पक्ष में, राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यूनतम वेतन के जरिये विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त अंतर को दूर किया जायेगा।
  • 12,000 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) ने कोरोना वायरस संकट के दौरान 3 करोड़ मास्क और 1.2 लाख लीटर सैनिटाइजर बनाये, इन्हें पैसा पोर्टल के जरिये कोष उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • पिछले दो महीनों में शहरी गरीबों के लिये 7,200 नये स्वयं सहायता समूह बनाये गये। सरकार अगले दो महीने तक प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज देगी, बिना- राशन कार्ड वाले आठ करोड़ लोगों को भी प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज दिया जायेगा।

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